1 जून 2022 (Updated: 1 जून 2022, 03:33 PM IST) कॉमेंट्स
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विनोद कुमार. पैरालंपिक्स के दौरान ये नाम काफी चर्चा में रहा था. पहले दो पल इस नाम ने भारतीय खेल प्रेमियों को खुशी दी थी लेकिन वो खुशी ज्यादा देर तक टिक नहीं पाई थी. डिस्कस थ्रो यानी चक्का फेंक में जीता गया ब्रॉन्ज़ मेडल छिन गया था. वजह थी विनोद कुमार को विकलांगता की कैटेगरी F52 के लिए अनुचित ठहरा दिया जाना.
अब उनके ऊपर जानबूझकर अपने बारे में गलत तथ्य प्रस्तुत करने का आरोप लगा है. जिसके कारण बोर्ड ऑफ अपील ऑफ क्लासिफिकेशन (BAC) ने उन पर दो साल का प्रतिबंध लगा दिया है. दो साल तक वो किसी भी खेल गतिविधि में भाग नहीं ले सकेंगे. विनोद पर आरोप है कि टोक्यो 2020 पैरालंपिक्स में विनोद ने शारीरिक अक्षमताओं के बारे में गलत जानकारी दी. इस कारण उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई है.
विनोद ने जीता था ब्रॉन्ज
BSF के पूर्व जवान विनोद ने पैरालंपिक्स में एशियाई रिकॉर्ड तोड़ते हुए 19.91 मीटर का थ्रो कर तीसरा स्थान हासिल किया था. और कांस्य पदक अपनी झोली में डाला था. हालांकि एक प्रतिस्पर्धी के द्वारा शिकायत किए जाने के बाद टोक्यो पैरालंपिक्स की प्रतियोगिता कमिटी ने इसकी जांच की. जिसके बाद विनोद कुमार को विकलांगता की कैटेगरी F52 के लिए अनुचित ठहराते हुए उनके जीते ब्रॉन्ज़ मेडल को निरस्त घोषित कर दिया था.
बीते साल 30 अगस्त को डिसेबिलिटी क्लासिफिकेशन असेसमेंट यानी विकलांगता वर्गीकरण मूल्यांकन में विनोद कुमार को अयोग्य ठहराते हुए टोक्यो पैरालंपिक्स की प्रतियोगिता कमिटी ने इस बात की पुष्टि की थी. उन्होंने कहा,
‘प्रतियोगिता में वर्गीकरण मूल्यांकन पर निगरानी रखने के बाद और वर्गीकरण पैनल के दुबारा मूल्यांकन के बाद, पैनल भारत के विनोद कुमार को एक ‘स्पोर्ट्स क्लास’ में नहीं ठहरा सकता. इसलिए विनोद कुमार को क्लासिफिकेशन नॉट कम्पलीट (CNC) में नामित किया गया है.इसलिए एथलीट (विनोद कुमार) को पुरुष डिस्कस थ्रो के मेडल इवेंट की F52 कैटेगरी ले लिए अनुचित माना जाता है और उस प्रतियोगिता में आए उनके रिजल्ट को निरस्त किया जाता है.’
टोक्यो पैरालंपिक्स की प्रतियोगिता कमीटी नोटिस (ट्वीटर फ़ोटो)
एथलीट्स ने की थी शिकायत
विनोद कुमार ने बीते साल 29 अगस्त को हुए डिस्कस थ्रो इवेंट में 19.91 मीटर का थ्रो कर ब्रॉन्ज़ मेडल अपने नाम किया था. हालांकि प्रतियोगिता के बाद कुछ एथलीट्स द्वारा आपत्ति जताने के मेडल सेरेमनी को 30 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया गया था. विनोद ने इवेंट में 19.91 के थ्रो के साथ एशियाई रिकॉर्ड भी अपने नाम किया था. जो बाद में छिन गया.
UPDATE: India's Vinod Kumar has lost his Men's F52 Discus Throw Bronze medal, after being categorized as ineligible in the disability classification assessment. His results in the event are now considered void. pic.twitter.com/T2iSLcTgXQ
विनोद प्रतियोगिता के दौरान अपने पहले तीन प्रयासों में 19 मीटर का आंकड़ा पार नहीं कर पाए थे. हालांकि अपने अगले तीन प्रयासों में उन्होंने 19.12, 19.91, और 19.81 मीटर के थ्रो किए थे और ब्रॉन्ज़ मेडल जीता था. 20.02 मीटर के साथ पोलैंड के पिओट्र कोसेविज़ ने गोल्ड और 19.98 मीटर के थ्रो के साथ क्रोएशिया के वेलीमीर सेंडोर ने सिल्वर मेडल अपने नाम किया था.
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