The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • Sports
  • After Yo Yo Test Team India Cricketers to go through Bronco Test also

अब सिर्फ यो-यो टेस्ट से नहीं चलेगा काम, अब प्लेयर्स को मुश्किल 'ब्रॉन्को टेस्ट' से भी गुजरना होगा

हेड कोच Gautam Gambhir की अगुवाई वाली कोचिंग पैनल Rugby-Centric Bronco Test शुरू करने की योजना बना रही है. टॉप इंडियन क्र‍िकेटर्स की हाई फ‍िटनेस लेवल और फेंफड़ों की क्षमता बढ़ाने के लिए ये पहल की जा रही है.

Advertisement
Gautam Gambhir, Jasprit Bumrah, Mohammed Siraj, Anshul Kamboj, Akash Deep
टीम इंडिया ने इंग्लैंड के ख्र‍ि‍लाफ सीरीज को 2-2 से बराबरी हासिल की थी. (फोटो-AP)
pic
सुकांत सौरभ
21 अगस्त 2025 (Published: 03:05 PM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

टीम इंडिया (Team India) ने भले ही इंग्लैंड दौरे पर टेस्ट सीरीज़ में बराबरी हासिल कर ली. टीम के सभी पेसर्स की फ‍िटनेस पूरे दौरे पर चिंता का विषय रही. स्टार बॉलर जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) ने पहले ही कह दिया था कि वो तीन मैचों में ही खेल पाएंगे. वो हेडिंग्ले, लॉर्ड्स और लीड्स टेस्ट में ही खेेले. मोहम्मद सिराज (Mohammed Siraj) एकमात्र बॉलर थे, जिन्होंने पांचों टेस्ट मैच खेला. अर्शदीप सिंह (Arshdeep Singh) कोई मैच नहीं खेल सके, पर वो भी चोटिल हो गए. उनके अलावा आकाशदीप (Akash Deep) और प्रसिद्ध कृष्णा (Prasidh Krishna) तीन-तीन मैच ही खेल सके. वहीं, एक मैच में इंडिया से ट्रैवल कर पहुंचे अंशुल कंबोज (Anshul Kamboj) भी खेले. सबसे बड़ी बात ये रही कि सिराज के अलावा टीम के बाकी सभी पेसर्स की‍ फिटनेस की कोच गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) की चिंता बढ़ा दी है. इसी के कारण अब वो टीम के स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोच एड्र‍ियन ली रॉक्स (Adrian Le Roux) के सुझाव पर टीम के प्लेयर्स के लिए ब्रॉन्को टेस्ट (Bronco Test) शुरू करने जा रहे हैं.

क्या है स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोच की योजना?

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, टीम इंडिया के स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोच एड्र‍ि‍यन ली रॉक्स चाहते हैं कि टीम के पेसर्स जिम में ज़्यादा समय बिताने की बजाए लंबी दौड़ लगाने पर ज़्यादा ध्यान दें. हेड कोच गौतम गंभीर को भी उनका ये सुझाव काफी पसंद आया है. रिपोर्ट में ये दावा किया गया है कि टीम के कुछ टॉप प्लेयर्स ने बीसीसीआई (BCCI) के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, बेंगलुरु (COE) में ब्रॉन्को टेस्ट दे भी दिया है. BCCI पहले ही यो-यो टेस्ट कराती है. इसमें टॉप क्र‍िकेटर्स के लिए 2 किलोमीटर की टाइम ट्रायल होती है.

ली रॉक्स ने टीम इंडिया को बतौर स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोच इसी साल जून में फिर से जॉइन किया था. वो इससे पहले, जनवरी 2002 से मई 2003 तक भी टीम इंडिया के स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोच रहे थे. इसके अलावा वो क्र‍िकेट साउथ अफ्रीका और IPL टीम्स कोलकाता नाईट राइडर्स और पंजाब किंग्स के लिए भी ये रोल निभाया है.

ये भी पढ़ें : विनोद कांबली अभी भी नहीं चल पा रहे, भाई ने हालत पर कहा- 'सभी प्रार्थना कीजिए'

क्या होता है ब्रॉन्को टेस्ट?

ब्रॉन्को टेेस्ट मूल रूप से रग्बी प्लेयर्स के लिए होता है. इसमें एक प्लेयर को एक बार में पहले 20 मीटर की छोटी दौड़ लगानी होती है, इसके बाद 40 मीटर और फिर 60 मीटर की. जब प्लेयर इसे पूरा कर लेता है इसे वन सेट यानी एक सेट माना जाता है. एक प्लेयर को ऐसे 5 सेट्स लगाने होते हैं, वो भी बिना रुके. यानी बिना रुके एक प्लेयर को इस तरह कुल 1200 मीटर दौड़ना होता है. इस टेस्ट को पूरा करने के लिए एक प्लेयर के पास कुल 6 मिनट का समय होता है.

ब्रॉन्को टेस्ट क्यों? 

BCCI के एक सूत्र ने बताया, 

सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में ब्रॉन्को टेस्ट शुरू कर दिया गया है. भारत के कुछ कॉन्ट्रैक्टेड प्लेयर्स इस टेस्ट के लिए बेंगलुरु गए हैं. ब्रॉन्को टेस्ट का इस्तेमाल यह सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा है कि फिटनेस के स्पष्ट मापदंड हों. यह भी देखा गया है कि इंडियन क्र‍िकेटर्स, खासकर पेसर्स, बहुत ज़्यादा दौड़ नहीं रहे थे. वो जिम में बहुत ज़्यादा समय बिता रहे थे. प्लेयर्स को बताया गया है कि उन्हें अब ज़्यादा दौड़ना होगा.

2 किलोमीटर की टाइम ट्रायल में, पेसर्स के लिए यह बेंचमार्क 8 मिनट और 15 सेकेंड का था. वहीं, बैटर्स, विकेटकीपर्स और स्पिनर्स के लिए ये 8 मिनट और 30 सेकेंड था. यो-यो टेस्ट में 20 मीटर की दूरी पर रखे गए मार्करों के बीच बढ़ती स्पीड के साथ दौड़ना शामिल है. इसमें हर 40-मीटर की दौड़ के बीच 10 सेकेंड का ब्रेक होता है. भारतीय टीम के लिए न्यूनतम यो-यो लेवल 17.1 निर्धारित किया गया था. ये टेस्ट न्यूजीलैंड क्रि‍केट से अडैप्ट किया गया था. 

वीडियो: इंग्लैंड के साथ सीरीज बराबर तो कर लिया, लेकिन क्या गंभीर इन सवालों के जवाब ढूंढ पाएंगे?

Advertisement