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Tokyo 2020 के लिए क्वॉलिफाई करते ही किस पर भड़कीं सीमा पूनिया अंतिल?

AFI को चिट्ठी लिख कर डाली खास मांग.

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Seema Punia Antil ने Tokyo 2020 के लिए क्वॉलिफाई करते ही क्या मांग कर दी? (ट्विटर से साभार)
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30 जून 2021 (Updated: 30 जून 2021, 01:18 PM IST) कॉमेंट्स
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Tokyo Olympics 2020 के शुरू होने में महज 23 दिन बचे हैं. इस बीच भारतीय खिलाड़ी पूरी मेहनत के साथ ओलम्पिक कोटा हासिल करने में लगे हुए हैं. Tokyo के लिए क्वॉलिफाई करने वाले भारतीय एथलीट्स की लिस्ट में अब सीमा पूनिया अंतिल भी शामिल हो गई हैं. हालांकि जीत से ज्यादा उनका एक लेटर ख़बरों में है. मंगलवार, 29 जून को नेताजी सुभाष नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स में हुई 60वीं नेशनल इंटर-स्टेट सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप के डिस्कस थ्रो इवेंट में सीमा पूनिया अंतिल ने ये कारनामा किया. सीमा ने अपने चौथे प्रयास में ही 63.50 के मार्क को हासिल कर ओलंपिक के लिए क्वॉलिफाई कर लिया. लेकिन इस जीत के साथ ही सीमा ने एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (AFI) से अपनी एक साथी प्रतिभागी पर हाइपरएंड्रोजेनिज्म (महिलाओं में पुरुष सेक्स हार्मोन की अधिकता) परीक्षण करने के लिए भी कह दिया.  AFI को भेजे गए अपने पत्र में उन्होंने लिखा,
'उसके शरीर और प्रदर्शन में असाधारण सुधार को देखते हुए, वो सामान्य नहीं लगती है. दो दशक से अधिक के अपने करियर में, मैंने किसी भी एथलीट में इस तरह का सुधार नहीं देखा है. पिछले चार वर्षों में, इस 25 वर्षीय एथलीट ने अपने प्रदर्शन में 12-14 मीटर का सुधार किया है, जो कि असामान्य है. इसलिए, मैं आपसे एक समान खेल मैदान, खेल भावना और सार्थक प्रतिस्पर्धा के हित में एथलीट पर हाइपरएंड्रोजेनिज्म परीक्षण करने का अनुरोध करती हूं.'
सीमा ने अपने पत्र में ये भी दावा किया कि उनके प्रतिद्वंद्वी के कोच का डिस्कस थ्रो में कोई बैकग्राउंड नहीं है. उसका कोच हाई जम्पर हुआ करता था और एथलीट के तेजी से सुधार में उसकी कोई भूमिका नहीं है. अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने लिखा,
'अगर देश ओलंपिक्स में अच्छा करने की आस रखता है और उसके लिए विदेशों से नेशनल रिकॉर्ड होल्ड करने वाले कोच को बुलाया जाता है तो कुछ एथलीट उनके दिशा-निर्देश मानने से मना क्यों कर देते है?'
सीमा ने अपने लेटर में लिखा कि अगर असामान्य रूप से उच्च टेस्टोस्टेरोन वाली महिला एथलीट को मुकाबला करने की अनुमति दी जाती है तो ये बाकी एथलीट और उनके कोच के मनोबल को गिरा देता है. उन्होंने लिखा,
'ऐसे एथलीटों के साथ मुकाबले को लेकर महिला एथलीटों में बहुत गुस्सा और असंतोष है. भले ही इस समय उनकी आवाजें खामोश हैं, लेकिन भावनाएं अंदर ही अंदर बुदबुदा रही हैं.'
इस विवाद से इतर बात करें तो इस जीत के साथ सीमा ने चौथी बार ओलंपिक के लिए क्वॉलिफाई कर लिया है. इससे पहले उन्होंने 2004 एथेंस गेम, 2012 लंदन और 2016 रियो गेम्स में भाग लिया था.

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