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गले में गांठ कहीं कैंसर वाली तो नहीं? ऐसे पता चलेगा

जब भी कोई बैक्टीरिया हम पर अटैक करने की कोशिश करता है तो लिम्फ नोड्स एक्टिव हो जाते हैं. कई बार इनमें सूजन आ जाती है. लोग इसे कैंसर समझ लेते हैं. हालांकि लिम्फ नोड्स में हुई हर सूजन ट्यूमर से जुड़ी नहीं होती. लेकिन, ध्यान देना ज़रूरी है. आज जानें कि लिम्फ नोड्स में सूजन का मतलब क्या है.

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Why do lymph nodes swell is this a symptom of cancer
लिम्फ नोड्स में सूजन आने पर ये गांठ की तरह महसूस होते हैं.
10 अप्रैल 2024 (Updated: 10 अप्रैल 2024, 09:04 PM IST) कॉमेंट्स
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शरीर में घुसने वाले वायरस, बैक्टीरिया का मकसद होता है हमें बीमार करना. ऐसे में हमारी सुरक्षा करने का सबसे पहला ज़िम्मा उठाते हैं लिम्फ नोड्स. ये एकदम एक्टिव हो जाते हैं. अब आप पूछेंगे कि ये लिम्फ नोड्स होते क्या हैं? लिम्फ नोड्स छोटे-छोटे राजमा जैसे आकार के अंग होते हैं. इनका काम होता है आपके शरीर को फ़िल्टर करना. ये हमारे इम्यूनिटी सिस्टम का हिस्सा हैं. लिम्फ नोड्स शरीर के कई हिस्सों में होते हैं. जैसे गर्दन, छाती, पेट और बगलों में. कई बार इन लिम्फ नोड्स में सूजन आ जाती है. और ये गांठ की तरह महसूस होते हैं. ऐसा कई वजहों से हो सकता है. गले के लिम्फ नोड्स में भी सूजन को कई बार कैंसर का शुरुआती लक्षण मान लिया जाता है. पर हर बार मामला कैंसर का नहीं होता.

आज डॉक्टर से जानेंगे कि ये लिम्फ नोड्स क्या होते हैं? इनका काम क्या है? लिम्फ नोड्स में सूजन की जांच कैसे की जाती है? और, क्या लिम्फ नोड्स में ट्यूमर या कैंसर भी हो सकता है? 

लिम्फ नोड्स क्या होते हैं, इनका क्या काम है?

ये हमें बताया डॉ. आशीष वशिष्ठ ने.

डॉ. आशीष वशिष्ठ, ईएनटी स्पेशलिस्ट, मणिपाल हॉस्पिटल, नई दिल्ली

लिम्फ नोड्स हमारे शरीर में हर जगह होते हैं. खासकर गले में ये 100 से ज़्यादा होते हैं. इसके अलावा छाती, पेट आदि में भी ये होते हैं. इन लिम्फ नोड्स का काम लिम्फ बनाना होता है. लिम्फ एक तरह का लिक्विड होता है. लिम्फ नोड्स शरीर में होने वाले इंफेक्शन को कंट्रोल करते हैं. चाहे वो पेट में हो, छाती में या फिर गले में. लेकिन जब लिम्फ नोड्स का साइज़ बढ़ जाता है तो गले या फिर गर्दन में गांठ पड़ जाती है. तब ये लिम्फ नोड्स चिंता की बात बन जाते हैं.

जहां के लिम्फ नोड्स में दिक्कत लगे, व्यक्ति को उस अंग से जुड़े डॉक्टर के पास जाना चाहिए. आज गले के लिम्फ नोड्स पर बात की जाएगी. यहां के लिम्फ नोड्स आसानी से महसूस हो जाते हैं. गले में हाथ लगाते ही पता चल जाता है कि कोई गांठ है. हालांकि गले की हर गांठ लिम्फ नोड्स की नहीं होती है.

कारण और इलाज  

लिम्फ नोड्स के दो-तीन कारण हो सकते हैं. एक है इंफेक्शन या इंफ्लेमेशन. गला खराब होने या टॉन्सिल्स के इंफेक्शन में लिम्फ नोड्स में सूजन आ सकती है. यह दिक्कत बच्चों में बहुत पाई जाती है. इन्हें ठीक करने के लिए एंटीबायोटिक्स दी जाती हैं. लिम्फ नोड्स में ज़्यादा इन्फेक्शन हो जाए तो अस्पताल में भर्ती करना पड़ता है. अगर इनमें पस पड़ जाता है तो इन्हें निकालने के लिए छोटा-सा ऑपरेशन किया जाता है. लिम्फ नोड्स में सूजन का दूसरा मुख्य कारण टीबी की बीमारी है.

यह भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश आदि देशों में काफी आम है. जिन लिम्फ नोड्स के साइज़ बढ़ गए हैं और उनमें दर्द नहीं हो रहा, ऐसे लिम्फ नोड्स को लेकर टीबी की जांच ज़रूर की जाती है. इस जांच के लिए एक टेस्ट होता है. इसमें गांठ में सुई के ज़रिए एक सैंपल लेते हैं. इसे FNAC कहते हैं यानी Fine Needle Aspiration Cytology. इससे यह पता किया जा सकता है कि इन गांठों में टीबी है या नहीं.

 लिम्फ नोड्स में सूजन का दूसरा बड़ा कारण टीबी की बीमारी है.
क्या लिम्फ नोड्स में ट्यूमर या कैंसर भी हो सकता है?

बहुत सारे लिम्फ नोड्स में ट्यूमर भी होते हैं. कुछ ट्यूमर लिम्फ नोड्स के ही होते हैं, इन्हें लिम्फोमा कहा जाता है. ये ट्यूमर बच्चों, बड़ों और बुज़ुर्गों में हो सकते हैं. कुछ ट्यूमर कार्सिनोमा के होते हैं यानी कैंसर. मुंह, गले और जीभ के वो ट्यूमर जो गले के लिम्फ नोड्स तक फैल गए हैं. उनका भी सुई से एक टेस्ट किया जाता है. पता करने के लिए कि लिम्फ नोड्स में जो सेल मिल रहे हैं, वो ट्यूमर वाले हैं या नहीं.

अगर किसी वजह से सही डायग्नोसिस नहीं बन पाता तो एक छोटे ऑपरेशन से पूरा लिम्फ नोड या उसका एक टुकड़ा जांच के लिए निकाला जाता है. इसकी जांच के बाद विस्तार से पता चलता है कि गांठ कैंसर है या नहीं. अगर ट्यूमर है तो वह किस तरह का है, यह भी पता चलता है. इसके बाद आगे और टेस्ट भी होते हैं, फिर इलाज चलता है.

जब भी आपको या आपके घर में किसी को गले में गांठ महसूस हो तो डॉक्टर को ज़रूर दिखाएं. अगर वो गांठ पिछले कुछ दिनों में हुई है और दर्द दे रही है या गांठ को हुए समय हो गया है पर इसमें दर्द नहीं है. तब उस गांठ को इग्नोर न करें. जिन गांठों में दर्द नहीं होता, उन गांठों में ट्यूमर या टीबी होने के चांस ज़्यादा होते हैं इसलिए गांठ का जल्द से जल्द इलाज करवाएं.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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