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फ्लाइट लेफ्टिनेंट भावना कंठ, जो इस बार 26 जनवरी में इतिहास रचने जा रही हैं

गणतंत्र दिवस की परेड में पहली बार ये खास चीज़ हो रही है.

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भावना कंठ. गणतंत्र दिवस को लेकर 18 जनवरी को वायुसेना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, उस दौरान की तस्वीरें. ग्रुप तस्वीर में भावना राइट साइड से दूसरे नंबर पर हैं. (फोटो- PTI)
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लालिमा
19 जनवरी 2021 (Updated: 19 जनवरी 2021, 11:28 AM IST) कॉमेंट्स
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26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस आ रहा है. तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. 18 जनवरी को इसी से जुड़ी एक खबर आई, जिसने दिल खुश कर दिया. क्या? ये कि इस बार परेड में वायुसेना की महिला फाइटर पायलट हिस्सा ले रही है. ऐसा पहली बार होने वाला है. उनका नाम है फ्लाइट लेफ्टिनेंट भावना कंठ. 'इंडिया टुडे' के अभिषेक भल्ला की रिपोर्ट के मुताबिक, भावना गणतंत्र दिवस की परेड में भारतीय वायुसेना (IAF) की झांकी का हिस्सा रहेंगी. ये झांकी 'मेक इन इंडिया' थीम पर आधारित होगी. इसमें LCA तेजस, लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर, रोहिणी रडार, आकाश मिसाइल और सुखोई 30MKI के मॉडल्स को प्रदर्शित किया जाएगा. भावना कहती हैं,

"मैं बचपन से टीवी पर रिपब्लिक डे परेड देखती आई हूं. और ये बहुत गर्व की बात है कि अब मैं इसका हिस्सा बन रही हूं. मैं आगे रफाल और सुखोई समेत बाकी फाइटर जेट्स उड़ाना चाहूंगी."

फ्लाइट लेफ्टिनेंट भावना कंठ का नाम इस वक्त हर जगह छाया हुआ है. लोग सोशल मीडिया पर उन्हें बधाई दे रहे हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्ष वर्धन ने भी ट्वीट किया. उन्होंने लिखा,

"सशक्त महिलाओं के नेतृत्व वाला न्यू इंडिया. फ्लाइट लेफ्टिनेंट भावना कंठ गणतंत्र दिवस की परेड में हिस्सा लेने वाली पहली महिला फाइटर पायलट बनने वाली हैं. ये पूरे देश के लिए गर्व की बात है."

कौन हैं भावना कंठ?

एक पहचान तो हो गई गणतंत्र दिवस की परेड में हिस्सा लेने पहली महिला फाइटर पायलट. दूसरी पहचान ये है कि भावना युद्ध मिशन में दिन के वक्त फाइटर जेट्स उड़ाने की योग्यता हासिल करने वाली वायुसेना की पहली महिला फाइटर पायलट भी हैं. ये योग्यता उन्होंने मई 2019 में हासिल की थी. दरअसल, 2015 में भारत सरकार ने वायुसेना की फाइटर स्ट्रीम में महिला पायलट्स की भर्ती का फैसला किया था. ये कदम एक्सपेरिमेंट के तौर पर उठाया गया था. इसके बाद जुलाई 2016 में तीन महिलाओं ने वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर्स के तौर पर जॉइनिंग की. ये महिला फाइटर पायलट का पहला बैच था. इस बैच में भावना कंठ के साथ अवनी चतुर्वेदी और मोहना सिंह शामिल थीं.

इसके बाद तीनों महिला फाइटर पायलट्स को फाइटर जेट्स उड़ाने का ऑपरेशनल सिलेबस पूरा करना था. 22 मई, 2019 के दिन भावना ने ये सिलेबस पूरा किया. इस दिन इंडियन एयरफोर्स ने ट्वीट किया,

"फ्लाइंग लेफ्टिनेंट भावना कंठ ने मिग 21 बायसन एयरक्राफ्ट उड़ाने का डे ऑपरेशनल सिलेबस पूरा कर लिया है. और अब उनके कैप में एक और पंख जुड़ गया है. वो पहली महिला फाइटर पायलट हैं, जो एक लड़ाकू विमान से दिन में मिशन करने की योग्यता रखती हैं."

भावना इस वक्त राजस्थान के एक एयरबेस में पोस्टेड हैं, जहां वो मिग-21 बायसन फाइटर प्लेन उड़ाती हैं. वहीं जिस एक्सपेरिमेंट के तौर पर वायुसेना की फाइटर स्ट्रीम में महिलाओं को लेने का फैसला किया गया था, उसमें 2015 के बाद से अब तक 10 महिलाओं को लिया जा चुका है.

अब बात भावना के बचपन की

भावना ने क्या-क्या अचीव किया, ये तो जान लिया. अब जानते हैं कि वो यहां तक पहुंचीं कैसे? जन्म हुआ बिहार के दरभंगा ज़िले में. दिसंबर 1992 में. इस हिसाब से भावना अभी हुईं 28 बरस की. पिता बेगुसराय में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन में काम करते थे, इसलिए भावना की स्कूलिंग यहीं से हुई. 'इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के मुताबिक, BMS कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से BE करने के बाद भावना का भारतीय वायुसेना में सेलेक्शन हो गया. उनके पिता तेज नारायण कंठ कहते हैं,

"शुरू से ही भावना पढ़ाई में अच्छी थी. वो उड़ने के बारे में स्कूल के दिनों से ही बात करती थी. भले ही वो इंजीनियरिंग कर रही थी, लेकिन साथ ही साथ एयरफोर्स में जाने की भी कोशिश लगातार कर रही थी. हमें उस पर गर्व है."

मार्च 2020 में भावना, अवनि और मोहना को नारी शक्ति पुरुस्कार से सम्मानित किया गया था. इस दौरान भावना ने पीएम नरेंद्र मोदी के सामने कहा था,

"मैं एक मिडल क्लास परिवार से आती हूं. स्कूलिंग और कॉलेज के बाद मैंने एयरफोर्स के लिए एग्ज़ाम दिया और फिर सेलेक्ट होकर एयरफोर्स एकेडमी आई. चूंकि मैं सिविल बैकग्राउंड से आती हूं, तो मुझे फौज का ज्यादा आइडिया नहीं था. बस ये था कि कुछ करना है तो उड़ना सबसे बेस्ट ऑप्शन है. क्योंकि मैंने कभी फौज की तरफ ध्यान नहीं दिया था, इसलिए जब एकेडमी गई, तब तक मुझे पता नहीं था कि लड़कियों को फाइटर दिया ही नहीं जाता. मुझे लगता था कि एयरफोर्स मतलब फाइटर जेट्स ही उड़ाना होता है, इसी सोच के साथ गई थी. बचपन से मुझे कभी फील ही नहीं हुआ कि मैं लड़की हूं तो हो सकता है फाइटर जेट्स मेरे लिए नहीं हैं. मैं बस आम बच्चों की तरह आगे बढ़ती गई. और अब यहां हूं."

भावना जब एयर फोर्स में सेलेक्ट हुईं, उसी दौरान सरकार ने फाइटर स्ट्रीम में महिलाओं को लेने का फैसला किया था. एयरफोर्स एकेडमी में परफॉर्मेंस, स्टेज एक की ट्रेनिंग और पसंद के हिसाब से भावना को फाइटर पायलट के तौर पर आगे के लिए चुना गया था. ऐसा ही अवनी चतुर्वेदी और मोहना सिंह के साथ भी हुआ. उसके बाद 2018-2019 में तीनों महिला फाइटर पायलट्स ने पहली बार भारत के आसमान में मिग-21 एयरक्राफ्ट को उड़ाया. भावना ने एक इंटरव्यू में कहा था कि अगर एक बार कुछ फैसला कर लिया जाए, तो फिर उससे पीछे नहीं हटना चाहिए, चाहे फिर लोग कुछ भी कहें. डटे रहना चाहिए.

भावना एक बार फिर इतिहास रचने को तैयार हैं. रिपब्लिक डे के दिन. उम्मीद है कि जल्द ही हर फील्ड में औरतों को लेकर गढ़ी हुई बेतुकी बातें खत्म होंगी और हम हर फील्ड में औरतों को देख सकेंगे.

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