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महिला डॉक्टर का आरोप, 'नेताओं ने प्रताड़ित किया, तस्वीरें वायरल करने की धमकी दी'

उत्पीड़न का वो केस, जिसने आंध्र प्रदेश की सरकार को बुरी तरह घेर लिया है.

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डॉक्टर रीमा अपने घर पर. वो नहीं चाहतीं कि CID मामले की जांच करे, वो CBI जांच की मांग कर रही हैं. फोटो- आशीष पांडे.
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लालिमा
11 जून 2020 (Updated: 11 जून 2020, 11:23 AM IST) कॉमेंट्स
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आंध्र प्रदेश का चित्तूर ज़िला. यहां पेनुमुरू नाम का एक गांव है. गांव के प्राइमरी हेल्थ सेंटर (PHC) में कुछ दिन पहले तक एक महिला डॉक्टर काम कर रही थीं, सिविल असिस्टेंट सर्जन के तौर पर, लेकिन हाल ही में उनका ट्रांसफर कर दिया गया. उन्हें किसी दूसरे गांव के PHC में भेज दिया गया. इस डॉक्टर ने राज्य की सत्ताधारी पार्टी यानी YSRCP के कुछ स्थानीय नेताओं पर उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. शिकायत दो महीने पहले दर्ज कराई थी, लेकिन किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई. मामला दोबारा उठा. मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी की सरकार पर सवाल उठे, तो सीएम ने मामले की जांच क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (CID) को सौंप दी.

इस मामले पर जमकर राजनीति भी हो रही है. विपक्षी पार्टियां क्या बोल रही हैं, जानने के लिए पहले पूरा मामला ठीक से जानिए-

डॉक्टर रीमा (बदला हुआ नाम) पेनुमुरू के PHC में काम करती थीं. ये गांव गंगाधर नेल्लोर विधानसभा क्षेत्र के अंदर आता है. यहां के विधायक के. नारायण स्वामी हैं, जो YSRCP के मेंबर हैं और राज्य के उप-मुख्यमंत्री भी. 'इंडियन एक्सप्रेस' और 'द न्यूज़ मिनट' की रिपोर्ट्स के मुताबिक, 22 मार्च को डॉक्टर रीमा ने पेनुमुरू पुलिस स्टेशन में YSRCP के कुछ लोकल नेताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई.

कैसी शिकायत?

डॉक्टर रीमा के मुताबिक, कुछ नेता ये चाहते थे कि PHC में काम करने वाले कुछ पर्टिकुलर लोगों को कोविड-19 की ड्यूटी पर न लगाया जाए. उन्हें बुजुर्गों का सर्वे करने के लिए डोर-टू-डोर न भेजा जाए. इन्हीं लोगों की पैरवी YSRCP के नेताओं ने डॉक्टर रीमा से की, जिसके लिए उन्होंने मना कर दिया. उसके बाद इन नेताओं ने डॉक्टर रीमा को हॉस्टल के एक कमरे में बंद किया, मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया, धमकी दी. चूंकि डॉक्टर रीमा दलित समुदाय से आती हैं, तो उन पर जातिगत टिप्पणी भी की. इसके बाद जब डॉक्टर वॉशरूम इस्तेमाल करने गईं, तब उनकी तस्वीरें भी खींचीं. ये शिकायत डॉक्टर ने पुलिस में दर्ज कराई.

इसके बाद क्या हुआ?

दो महीने बीत गए, किसी की गिरफ्तारी हुई नहीं. फिर डॉक्टर रीमा दोबारा पुलिस थाने गईं. बताया कि YSRCP के लोकल नेता अभी भी उन्हें कॉल करके पेरशान कर रहे हैं. 'इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉक्टर रीमा ने कहा,

'ये नेता कुछ पर्टिकुलर लोगों का नाम लेकर कह रहे हैं कि उनकी ड्यूटी कोविड-19 के काम में न लगाई जाए. मुझे धमकी दे रहे हैं, कह रहे हैं कि अगर मैंने आदेश का पालन नहीं किया तो फिर अंजाम बुरा होगा. मेरी जाति को लेकर भी कमेंट कर रहे हैं. पूछ रहे हैं कि मुझे नौकरी कैसे मिल गई.'


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आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस जगन मोहन रेड्डी. फोटो- इंडिया टुडे.

पुलिस ने क्या कहा?

तीन-चार दिन पहले पुलिस पर सवाल उठे कि कार्रवाई क्यों नहीं हुई? आरोप लगे कि सत्ताधारी पार्टी के लोगों के खिलाफ एक्शन नहीं लिया गया. इस पर पुलिस ने जवाब दिया. TOI की रिपोर्ट के मुताबिक, चित्तूर सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (SP) एस सेंथिल कुमार ने कहा,

'डॉक्टर रीमा ने अपनी शिकायत में बताया था कि कुछ बदमाशों ने उनकी तस्वीरें खींची थीं और धमकी दी थी कि इन्हें सोशल मीडिया पर डाल दिया जाएगा. ये भी कहा था कि उनके ऊपर जातिगत टिप्पणी भी की गई थी. इसके आधार पर पेनुमुरू पुलिस ने केस दर्ज किया था. हमने जांच भी की थी, इसलिए ये जो आरोप लग रहे हैं कि पुलिस ने अपना काम नहीं किया वो गलत हैं, बेबुनियाद हैं.'

हालांकि SP ने ये नहीं बताया कि पुलिस को जांच में क्या मिला. उन्होंने ये कहा कि अब CID इसकी जांच कर रही है, इसलिए पुलिस अपनी छानबीन के बारे में जानकारी नहीं दे सकती.

राजनीति भी शुरू

तेलुगु देशम पार्टी (TDP) ने YSRCP से सवाल किए हैं कि उन्होंने इस मामले में किसी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की. साथ ही ये भी कहा कि राज्य में दलित डॉक्टर के साथ बुरा व्यवहार हो रहा है, सरकार दलितों की रक्षा नहीं कर पा रही है.

इधर आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमिटी (PCC) ने भी आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की. 'द हिंदू' के मुताबिक, PCC ने कहा,

'डॉक्टर रीमा को USA में नौकरी मिल गई थी, वो नहीं गईं, क्योंकि वो अपने देश की सेवा करना चाहती थीं. लेकिन ऐसी डॉक्टर को सत्ताधारी पार्टी के लीडर्स ने टारगेट किया. बहुत दुख की बात है कि पुलिस ने दो महीने तक कोई एक्शन नहीं लिया.'

विरोधी पार्टियों के बयानों, सोशल मीडिया पर दनादन उठ रहे सवालों के बाद जगन मोहन रेड्डी की सरकार ने मामले की जांच CID को सौंपी.

डॉक्टर रीमा को नहीं चाहिए CID की जांच

'आज तक' से जुड़े आशीष पांडे के मुताबिक, CID ने जांच शुरू की, तो महिला डॉक्टर रीमा ने सहयोग करने से मना कर दिया. सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन (CBI) जांच की मांग की. उनका कहना है,

'मुझे CID की जांच पर कोई भरोसा नहीं है. मैं चाहती हूं कि CBI जांच हो. मेरे पास सारे सबूत हैं, लेकिन मैं केवल CBI को ही ये सबूत दूंगी, CID को नहीं.'

वहीं CID ने भी ये बात कही है कि डॉक्टर रीमा सहयोग नहीं दे रही हैं. इधर डॉक्टर ने हाई कोर्ट में भी इस मामले को लेकर याचिका दायर कर दी है.



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