महिला नेताओं के काम से ज्यादा उनके कपड़े और डांस पर नज़र रखने वाले ये खबर पढ़ें
सोनाली फोगाट का विरोध करने के चक्कर में इतना नीचे मत गिरो.

अक्टूबर 2019 में हरियाणा विधानसभा चुनाव हुए थे. सभी पार्टियां अपने-अपने धुरंधर उम्मीदवारों के नाम जारी कर रही थीं. इन नामों में एक महिला भी शामिल थी. उस वक्त उस महिला की पहचान लोगों के बीच एक टिकटॉक स्टार के तौर पर थी. BJP ने उन्हें आदमपुर विधानसभा सीट से टिकट दिया था. हालांकि वो महिला चुनाव जीत तो नहीं सकी, लेकिन इतनी लोकप्रिय हुईं कि आज भी कुछ-कुछ दिनों में वो हेडलाइन्स बनाती रहती हैं. अब तक तो आप समझ गए होंगे कि हम BJP नेता सोनाली फोगाट की बात कर रहे हैं. अभी फिर खबरों में हैं. या यूं कहें कि सोशल मीडिया के कुछ यूज़र्स के निशाने पर हैं. इनके डांस के वीडियो वायरल किए जा रहे हैं और उनके पहनावे पर तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं. पहले भी ऐसा हो चुका है, लेकिन इस बार ट्रोलिंग का कारण विरोध कर रहे किसानों को लेकर दिया गया उनका एक बयान है. केवल सोनाली ही नहीं, हमारे देश की कई महिला नेता ऐसी हैं, जिनका विरोध करने के लिए लोग उनके कामों को टारगेट नहीं करते, बल्कि उनके पहनावे और रहन-सहन को निशाना बनाते हैं. इन सभी मुद्दों पर तसल्ली से बात करेंगे एक-एक करके.
क्या है मामला?
तीन कृषि कानूनों को लेकर देश के कई किसान अब भी प्रदर्शन कर रहे हैं. टिकरी बॉर्डर पर आज भी कई किसान धरना दे रहे हैं. सत्ताधारी पार्टियों से जुड़े नेताओं का भी विरोध कर रहे हैं. 24 जुलाई की बात है. हिसार में BJP के कुछ नेताओं की मीटिंग थी, जिसमें हिस्सा लेने सोनाली फोगाट भी पहुंचीं. जहां कुछ किसानों ने उनका जमकर विरोध किया. काले झंडे भी दिखाए. इसके बाद सोनाली फोगाट का एक बयान सामने आया, जिसमें उन्होंने कहा था-
"बॉर्डर पर एसी लगा हुआ है. ट्रैक्टर ट्रॉली मिल गए. वॉशिंग मशीन मिल गई. शाम को बॉटल मिलती है, खाने-पीने बढ़िया मिलता है. वहां वो लफंगे बैठे हैं, उन्हें ऑर्डर मिलता है. सारी सुविधाएं ले ली जाएंगी, अगर सोनाली फोगाट का विरोध नहीं किया तो. वो लफंगे करते हैं विरोध."
इस वीडियो में सोनाली के साथ कुछ और लोग भी मौजूद थे, उन्होंने अपने साथ मौजूद लोगों को असली किसान बताया और विरोध करने वालों को 'लफंगा' कहा. सोनाली ने जो कहा वो कितना सही है कितना गलत, ये ज़रूर डिबेट का मुद्दा हो सकता है. लेकिन आज हम इस बारे में बात कर रहे हैं कि उसके बाद क्या हुआ. इस बयान के बाद सवाल उठे सोनाली पर और उनके बयान पर. लेकिन सोनाली के विरोध के चक्कर में कुछ लोग लाइन से ही भटक गए. वो राजनीतिक और सार्वजनिक जीवन में क्या करती हैं, क्या नहीं करतीं हैं, उन्होंने लोगों के लिए कुछ किया भी है या नहीं, इस पर ध्यान न देकर उनके पहनावे और डांस पर सवाल उठाने लगे.
दरअसल, सोनाली सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं. पार्टी की कोई मीटिंग अटेंड करती हैं तो उसकी अपडेट भी डालती हैं और साथ ही साथ छोटे-छोटे डांस क्लिप्स भी डालती हैं. साड़ी भी पहने दिखती हैं और आधुनिक कपड़े भी. टीवी एक्ट्रेस भी रह चुकी हैं. अब उनके इन्हीं वीडियो और तथाकथित आधुनिक कपड़ों के चलते उन्हें निशाना बनाया जा रहा है. दीपु पटेल नाम के एक फेसबुक यूज़र हैं. उन्होंने सोनाली के कुछ डांस वीडियो पोस्ट किए और लिखा-
"किसानों को 'लफंडर' और 'दारूबाज' कहने वाली सोनाली फोगाट (BJP नेता) के भजन-कीर्तन वाले वीडियो देख लो."

इस पोस्ट पर कैसे कमेंट्स आए होंगे, आप शायद जानते होंगे. लोगों ने कहा कि राज कुंद्रा को वापस लाओ और सोनाली को काम दिलवाओ. और भी भद्दे-भद्दे कमेंट्स आए. फिर हमने ट्विटर पर चेक किया. यहां भी इस तरह के पोस्ट की भरमार थी. लोगों ने यहां भी सोनाली के डांस वीडियो शेयर कर उन्हें 'नाचनेवाली' 'नचनिया' जैसे शब्द कहकर विरोध जताया. एक ने लिखा-
"ये वीडियो देखो. युवाओं की आर्थिक स्थिति और बेरोजगारी पर चिंतन करने की बजाय ये इश्क-विश्क के गानों पर वीडियो बनाकर सबको गुमहार करने की कोशिश कर रही हैं. क्या ये ऐसे हैं भाजपा के नेता?"

"सोनाली का चाल-चरित्र और चेहरा साफ दिखाई पड़ रहा है कि ये कितनी समाजसेवी हैं."

"हमारा संविधान भी हमें आज़ादी से जीने का अधिकार देता है. मेरी पर्सनल लाइफ में क्यों झांकते हो. क्या ज़रूरत है ये सब कहने की. मैं तो कुछ नहीं कहती किसी की पर्सनल लाइफ पर. हां अगर हम हमारे राजनीतिक कामों में कुछ असभ्यता से करते हैं, तो आप कहिए. मेरी राजनीतिक पॉलिटिकल मीटिंग्स में मैं हमेशा साड़ी पहनती हूं. वेस्टर्न कपड़े पहनकर मैं राजनीतिक मीटिंग्स में या सोशल वर्क करने नहीं जाती. लेकिन अपने घर पर, अपने अभिनय क्षेत्र के कामों में मैं अगर वेस्टर्न कपड़े पहनती हूं, डांस करती हूं, तो आपको क्या दिक्कत है?"
पिछले महीने की ही बात है. सोनाली का एक म्यूज़िक वीडियो 'अफीम' रिलीज़ हुआ था. इसमें भी उन्होंने वेस्टर्न कपड़े पहने थे. इस वक्त भी उन्हें ट्रोल किया गया था. तब सोनाली ने कहा था कि उन्हें निगेटिव कमेंट्स से फर्क नहीं पड़ता. 'बिग बॉस' में जाने से लेकर डांस वीडियो बनाने और वेस्टर्न कपड़े पहनने तक पर सोनाली को ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा. अगर आप गूगल पर सोनाली फोगाट से जुड़ी खबरें सर्च करेंगे तो आधी से ज्यादा तो इस ट्रोलिंग से जुड़ी ही मिलेंगी.
किसानों को लेकर सोनाली ने जो कहा, उसका अगर विरोध करना है तो बेशक कीजिए. आपको आज़ादी है. लेकिन तर्कों के साथ करिए. उनके कामकाज को लेकर विरोध करिए. वो क्या पहन रही हैं, डांस क्यों कर रही हैं इस पर सवाल उठाकर आप अपना कद ही छोटा कर रहे हैं.
महिला नेता बनती रही हैं टारगेट
खैर, ये कोई पहली घटना नहीं है जहां किसी महिला नेता को उसके पहनावे, रहन-सहन और प्रोफेशन की वजह से खरी-खोटी सुननी पड़ी हो. हमारे इतिहास ऐसी घटनाओं से भरा पड़ा है. खासतौर पर सेक्सिस्ट कमेंट्स की घटनाओं से. कुछ हम ही आपको बताते हैं.
महिला नेताओं के कपड़ों पर होने वाले कमेंट्स की बात से ही शुरुआत करते हैं. मई 2019 में लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद नई-नवेली सांसद बनीं बंगाली एक्ट्रेस मिमी चक्रवर्ती और नुसरत जहां वेस्टर्न कपड़ों में पार्लियामेंट गई थीं. दोनों ने अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर डालीं. लोगों को ये ज़रा भी पसंद नहीं आईं. सीधे ट्रोल कर दिया गया. ये कहकर कि ये कोई फिल्म शूटिंग का सेट नहीं है. किसी ने लिखा कि वो क्या वो दोनों ड्रामा करने के लिए पार्लियामेंट गई थीं. किसी ने लिखा कि ये जगह फोटोशूट के लिए नहीं हैं. एक ने लिखा था-
"आपको कोई इंडियन अटायर पहनकर जाना चाहिए था पार्लियामेंट. आप लोगों के लिए जा रही हैं, किसी फिल्म के प्रमोशन के लिए नहीं."
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी की बात करते हैं. फरवरी 2019 में बीजेपी सांसद हरीश द्विवेदी ने भी प्रियंका के जीन्स पहनने का ज़िक्र अपने एक बयान में किया था. उन्होंने समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए कहा था-
"राहुल फेल हैं, प्रियंका भी फेल हैं. सबको पता है कि जब प्रियंका गांधी दिल्ली में रहती हैं तो जीन्स और टॉप में रहती हैं. और जब क्षेत्र में आती हैं तो साड़ी और सिंदूर लगा कर आती हैं."
अप्रैल 2019 में भी BJP नेता जयकरन गुप्ता ने एक सभा में कहा था-
"कांग्रेस के एक नेता तो बड़ी ज़ोर-ज़ोर से बोलते हैं, अच्छे दिन आए? उन्हें अच्छे दिन दिखाई नहीं देते. अरे स्कर्ट वाली बाई साड़ी पहनकर मंदिर में शीश झुकाने लगी हैं, गंगाजल से परहेज करने वाले लोग गंगाजल का आचमन करने लगे."
हालांकि इस बयान में नेता जी ने किसी का नाम नहीं लिया था. लेकिन जनता समझ गई थी कि इशारा प्रियंका गांधी की तरफ था. सफाई में जयकरन गुप्ता ने कहा था कि उन्होंने किसी एक पर्टिकुलर के ऊपर कमेंट नहीं किया था. कई लोग अब ऐसा कर रहे हैं, आपको पहचानना है कि कौन इस डिस्क्रिप्शन में फिट बैठता है.
इंडियन एक्ट्रेस और असम से BJP नेता अंगूरलता डेका भी ऐसी ट्रोलिंग का शिकार हो चुकी हैं. 2016 में असम की विधायक बनने वाली अंगूरलता की जीत के बाद उनकी तस्वीरें काफी वायरल हुई थीं. फिल्ममेकर राम गोपाल वर्मा ने भी अंगूरलता के एक्टिंग के दिनों और राजनीति के दिनों की तस्वीर का कोलाज बनाकर पोस्ट किया था. एक्टिंग के दिनों में अंगूरलता वेस्टर्न कपड़ों में दिख रही थीं और राजनीति वाली फोटो में उन्होंने साड़ी पहन थी. इस पर राम गोपाल वर्मा ने लिखा था-
"अगर MLA ऐसी दिख सकती हैं तो अच्छे दिन आ गए हैं. थैंक्यू अंगूरलता जी, थैंक्यू मोदी जी. पहली बार मुझे पॉलिटिक्स पसंद आई."
If MLA can look like this,Achche din aagaye hai..Thank you Angoorlataji,Thank you Modiji..1st time I love politics pic.twitter.com/WPzJgmnb13
— Ram Gopal Varma (@RGVzoomin) May 24, 2016
हालांकि विवाद के बाद राम गोपाल वर्मा ने सफाई देते हुए कहा कि वो तो बस कॉम्प्लिमेंट दे रहे थे, क्योंकि बहुत से MLA अच्छे नहीं दिखते हैं, तो ये एक बदलाव है.
अब सेक्सिस्ट कमेंट्स की बात करते हैं. दिग्विजय सिंह. कांग्रेस नेता हैं. मध्य प्रदेश के सीएम रह चुके हैं. साल 2013 में उन्होंने अपनी ही पार्टी की एक सांसद को 'टंच माल' कहा था. ये वो टर्म है, जिसका इस्तेमाल अक्सर औरतों को परेशान करने के लिए किया जाता है. दिग्विजय ने कहा था-
"हमारी पार्टी की सांसद मीनाक्षी नटराजन, गांधीवादी हैं. सादी-सिंपल और ईमानदार नेता हैं. वो अपनी कॉन्सिट्यूएंसी में इधर से उधर जाती रहती हैं. मैं राजनीति का पुराना जौहरी हूं. मीनाक्षी 100 टंच माल है."
हालांकि दिग्विजय ने ये बात मीनाक्षी की तारीफ में कही थी. जब विवाद बढ़ा तो दिग्विजय ने कहा कि उन्होंने कुछ गलत नहीं कहा था, लोगों की सोच पर निर्भर करता है कि वो इसे कैसे लेते हैं.
समाजवादी पार्टी के नेता आज़म खान तो एक्ट्रेस से राजनेता बनीं जयाप्रदा के अंडरगारमेंट्स तक का ज़िक्र कर चुके हैं. 2019 में उन्होंने कहा था-
"मैं जयाप्रदा को रामपुर लेकर आया था. आप इस बात के गवाह हैं कि मैंने किसी को परमिशन नहीं दी थी कि उनके शरीर को छू सकें. उनका असली चेहरा जानने में आपको 17 साल लग गए, लेकिन मैं 17 दिनों में ही जान गया था कि वो खाकी अंडरवियर पहनती हैं."
अब भले ही आजम खान ने जयाप्रदा की पॉलिटिकल पार्टी को लेकर ये कमेंट किया हो, लेकिन ये कमेंट किसी भी तरह से सही नहीं था.
एक्ट्रेस और पॉलिटिशियन हेमा मालिनी भी ऐसे कमेंट्स का शिकार हो चुकी हैं. 2019 में छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्री कवासी लखमा ने कहा था कि उनके क्षेत्र की सड़कें हेमा मालिनी के गाव की तरह चिकनी हैं. महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी पर भी ऐसे कमेंट्स हुए हैं. चूंकि वो एक टीवी एक्ट्रेस थीं, उनको लेकर भी अभद्र टिप्पणियां की गईं हैं.
ये बहुत ही कम उदाहरण हमने आपको दिए हैं. सब बताएंगे तो झड़ी लग जाएगी. मेन दिक्कत यही है कि महिला नेता साड़ी पहनें, तो भी कमेंट किए जाते हैं, वेस्टर्न कपड़े पहनें तब भी कमेंट्स होते ही हैं. शायद यही वजह है कि एक्ट्रेस से राजनेता बनीं महिलाएं भी जब जनता के बीच जाती हैं तो साड़ी या बाकी कोई ट्रेडिशनल आउटफिट पहनती हैं. ये ज़ाहिर तौर पर एक पैट्रिआर्कल सोसायटी में खुद को एडजस्ट करने की कोशिश है. यही तो वो मॉरल प्रेशर है, जिससे महिला नेताएं आए दिन डील करती हैं. प्रेशर तथाकथित 'सभ्य, सुशील, संस्कारी' दिखने का, क्योंकि उन्हें भी पता है कि जनता जहां सो-कॉल्ड भारतीय पहनावे से अलग जाते किसी महिला नेता को देख लेगी, तो बातें ज़रूर बनेगी. जब हमारे देश की जनता अमेरिका में कमला हैरिस की जीत का इतना जश्न मना सकती है, जो साड़ी नहीं पहनती हैं, फिर हमारे देश की महिला नेताओं के कपड़ों पर इतनी टोका-टोकी क्यों?
ऐसा नहीं है कि पुरुष नेताओं से एक तरह के ड्रेस कोड की अपेक्षा हम नहीं करते. पुरुष नेताओं को भी हमें कुर्ते और जैकेट्स में देखने की आदत है. पुरुष नेताओं को भी हम जीन्स या इन्फॉर्मल कपड़ों में नहीं देखते हैं. हमारी जनता पुरुष नेताओं से भी एक ड्रेस कोड एक्सपेक्ट करती है. लेकिन कभी भी पुरुष नेताओं के चरित्र और चाल-चलन पर सवाल उठें, ऐसा शायद ही कभी हुआ हो. लेकिन महिला नेता के लिए ये किसी भी वक्त छोटी से छोटी चीज़ पर किया जा सकता है.