इस महामारी में महात्मा गांधी होते तो क्या करते? दी लल्लनटॉप के लिए इस सवाल का जवाब तलाशा है अभय बंग ने. जाने-माने पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट और सामाजिक कार्यकर्ता हैं. अपनी पत्नी रानी बंग के साथ हेल्थ के फील्ड में काम कर रहे हैं. 1985 में डॉक्टर दंपति ने बच्चों की जान बचाने का संकल्प लिया. इसके लिए ट्रेनिंग अभियान चलाया. हेल्थ वर्कर्स को ट्रेनिंग दी. इनके आरोग्य दूत कॉन्सेप्ट को WHO ने भी मान्यता दी. भारत सरकार ने NRHM में इसे आशा बहू मिशन के रूप में शामिल किया. 2018 में उन्हें ‘पद्मश्री’ मिल चुका है. महाराष्ट्र का सर्वोच्च सम्मान ‘महाराष्ट्र भूषण’ मिल चुका है. देखिए वीडियो.