1 अगस्त से नए अमेरिकी टैरिफ नियम लागू हो जाएंगे, लेकिन अब तक भारत-अमेरिका व्यापार समझौता अभी भी अधर में लटका हुआ है. प्रमुख भारतीय निर्यातों, खासकर कृषि और ऑटोमोबाइल क्षेत्रों पर 26% तक टैरिफ मंडरा रहे हैं, जिससे दबाव बढ़ रहा है. वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक के 'कड़ी समय सीमा' वाले बयान ने पहले से ही तनावपूर्ण वार्ता को और तनावपूर्ण बना दिया है. जहां वाशिंगटन अधिक बाज़ार पहुंच की उम्मीद कर रहा है, वहीं नई दिल्ली अपने श्रम-प्रधान उद्योगों की सुरक्षा के लिए कुछ समय की मोहलत चाहता है. अब, आगे क्या होगा? भारत क्या करने की योजना बना रहा है? इसके बाद अमेरिका कैसे काम करेगा? जवाब जानने के लिए, अभी पूरा वीडियो देखें!