अहमदाबाद का साबरमती आश्रम. गांधी और उनके कार्यों का हेडक्वार्टर. लेकिन 1930 मेंडांडी यात्रा के बाद वो कई वर्षों तक वहां नहीं लौटे. बोले- जब तक देश आज़ाद नहींहो जाता, वापस नहीं आऊंगा. सन् 1934. उद्योगपति जमनालाल बजाज के बुलाने पर महात्मागांधी महाराष्ट्र के वर्धा में रहने गए. अप्रैल 1936 में उन्होंने वर्धा के एक गांवसेगांव को अपना ठिया बनाया. एक दशक से ज़्यादा का समय यहीं गुज़ारा. इसी जगह का नामबाद में ‘सेवाग्राम आश्रम’ रखा गया. न केवल भारतीय बल्कि विदेशी पर्यटक भी बड़ीसंख्या में सेवाग्राम आश्रम पहुंचते हैं. हर साल क़रीब 5 लाख लोग. कोविड-19 केलॉकडाउन के दौरान सरकार ने तक़रीबन 70 बड़े पेड़ों को गिरा दिया. और 27 जुलाई कोफ़ॉरेस्ट ऑफ़िसर ने ऑर्डर निकाला कि रोड-वाइडनिंग (सड़क-चौड़ीकारण) के इस प्रोजेक्टके लिए 160 पेड़ और गिराने की प्लानिंग है. इसी घटना से आहत होकर तुषार गांधी ने एकपत्र महाराष्ट्र सरकार को लिखा था. आगे की खबर देखिए वीडियो में.