ये कहानी है लखनऊ में फ़ातिमा महल नाम की हवेली में रहने वाले मिर्ज़ा चुन्नन नवाबकी. 78 साल के बुजुर्ग. हवेली उनकी बेगम के नाम है. फत्तो बी. जो उनसे 17 साल बड़ीहैं. ये हवेली जर्जर हालत में. ईंटे भुरभुरा रही हैं. रेलिंग टूट चुकी हैं. तीन-चारपरिवार यहां किराए पर रहते हैं. बहुत कम किराया देते हैं. इनमें सबसे कम किरायादेता है बांके. जो अपनी तीन बहनों और मां के साथ रहता है. आटा चक्की चलाता है.बांके सिर्फ 30 रुपये महीना किराया देता है. तीन महीने से तो दिया भी नहीं है. पूरारिव्यू देखें वीडियो में.