अयोध्या विवाद का जो मौजूदा केस है, वो शुरू हुआ था साल 1950 में. 22-23 दिसंबर कीदरमियानी रात बाबरी मस्जिद के अंदर रामलला की मूर्ति और पूजा-पाठ का सामान रखा गया.जनवरी 1950 में ‘ऑल इंडिया रामायण महासभा’ के जनरल सेक्रटरी गोपाल सिंह विषारद नेफ़ैजाबाद के सिविल जज की कोर्ट में अपील की. इसमें बाबरी मस्जिद के बीच वाले गुंबदके नीचे रखी गई मूर्ति की पूजा-पाठ करने की इजाज़त मांगी गई थी. यहां से शुरू हुएकेस पर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने 60 साल बाद फैसला सुनाया. साल था 2010.इसमें कोर्ट ने क्या फैसला सुनाया था आप इस वीडियो में विस्तार से जान सकते हैं.