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इस बीमारी की वजह से हुआ उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन, क्या है ये बीमारी? जानना जरूरी है

मशहूर तबला वादक उस्ताद Zakir Hussain ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया. 16 दिसंबर की सुबह उनके परिवार की ओर से इंडिया टुडे को दिए गए एक बयान के मुताबिक उनका निधन Idiopathic Pulmonary Fibrosis नामक बीमारी की वजह से हुआ है. क्या है ये बीमारी? जानते हैं.

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Zakir Hussain died due to this disease, what is Idiopathic Pulmonary Fibrosis
इस बीमारी की वजह से हुआ उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन (फोटो: आजतक)
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अर्पित कटियार
16 दिसंबर 2024 (Updated: 27 दिसंबर 2024, 07:02 AM IST) कॉमेंट्स
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मशहूर तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन (Zakir Hussain) ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया. वो 73 साल के थे. करीब दो हफ्ते पहले अमेरिका के सैन फ्रैंसिस्को के एक अस्पताल में उन्हें एडमिट किया गया था. हालत ज्यादा खराब होने पर उन्हें 15 दिसंबर की सुबह अस्पताल के ICU में एडमिट किया गया था. 16 दिसंबर की सुबह उनके परिवार की ओर से इंडिया टुडे को दिए गए एक बयान के मुताबिक उनका निधन ‘इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस’ (Idiopathic Pulmonary Fibrosis) नामक बीमारी की वजह से हुआ है. क्या है ये बीमारी? जानते हैं.

क्या है ये बीमारी?

संयुक्त राज्य अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के मुताबिक, इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस (IPF), फेफड़ों से जुड़ी एक गंभीर और लंबे समय तक रहने वाली बीमारी है. जो फेफड़ों में वायुकोषों या एल्वियोली (फेफड़ों में मौजूद छोटी-छोटी हवा की थैलियां) के आस-पास के हिस्से (टिशू) को प्रभावित करती है. ऐसा तब होता है जब फेफड़ों के टिशू किसी वजह से मोटे और कठोर हो जाते हैं. धीरे-धीरे वक्त के साथ फेफड़ों में निशान पैदा हो जाते हैं, जिसे फाइब्रोसिस कहा जाता है. इससे सांस लेना धीरे-धीरे मुश्किल हो जाता है.

IPF की वजह से फेफड़े बिना किसी दूसरे सहारे के ब्लड सर्कुलेशन में पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंचा पाते हैं. यह दिमाग और अन्य अंगों को आवश्यक ऑक्सीजन पहुंचाने से रोकता है. स्वस्थ फेफड़ों में, ऑक्सीजन आसानी से वायुकोषों की दीवारों से होकर गुज़रती है. लेकिन IPF में निशान एल्वियोली की दीवारों को मोटा कर देते हैं. एल्वियोली की मोटी दीवारें ऑक्सीजन को खून में जाने से रोकती हैं.

Idiopathic Pulmonary Fibrosis
IPF से फेफड़े ब्लड सर्कुलेशन में पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंचा पाते हैं. (फोटो साभार : NIH (अमेरिका)
क्या हैं कारण?

इस बीमारी का एक कारण स्मोकिंग भी होता है या आपके परिवार में इससे पहले किसी को IPF हुआ है तब भी ये बीमारी होने की आशंका होती है. IPF के सबसे आम लक्षण सांस लेने में तकलीफ और खांसी हैं. IPF के बढ़ने का तरीका हर व्यक्ति में अलग-अलग होता है. किसी में ये बीमारी तेजी से बढ़ती है तो किसी में धीरे-धीरे. IPF से पीड़ित कई लोग तीव्र उत्तेजना का अनुभव भी करते हैं. 

क्या हैं लक्षण?

-  सांस लेने में तकलीफ होती है जो समय के साथ-साथ और भी बदतर हो जाती है. 

-  सूखी  खांसी  जो बदतर हो जाती है. ऐसी खांसी जो आपको बार-बार आ सकती है, जिसे आप कंट्रोल नहीं कर सकते.

इसके अलावा मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द के अलावा, थकान और वजन घटना भी इस बीमारी के लक्षण हो सकते हैं.

क्या है इलाज?

फिलहाल, वर्तमान में IPF का कोई इलाज नहीं है. हालांकि, कुछ ट्रीटमेंट जरूर हैं जो IPF को बढ़ने से कम कर सकते हैं और आपके फेफड़ों को बेहतर काम करने में मदद कर सकते हैं.

शुरुआती लक्षणों के बाद ही डॉक्टरों से परामर्श लेना चाहिए. फेफड़ों की जांच के लिए छाती का सिटी स्कैन कराएं. सांस की तकलीफ को कम करने और व्यायाम करने की क्षमता में सुधार करने के लिए ऑक्सीजन थेरेपी ली जा सकती है.

- लंग्स ट्रांसप्लांट

गंभीर IPF बीमारी के लिए लंग्स ट्रांसप्लांट एक विकल्प हो सकता है. फेफड़े के ट्रांसप्लांट के बाद इंफेक्शन एक प्रमुख समस्या हो सकती है. इसके अलावा बॉडी नए अंग को इतनी जल्दी एक्सेप्ट भी नहीं करती है. इसके लिए आपको जीवन भर दवाएं लेनी पड़ सकती हैं.

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