सीएम योगी ने 'अब्बा जान' कहकर निशाना साधा तो सोशल मीडिया पर लोगों ने घेर लिया
उपलब्धियां गिनाते-गिनाते ऐसा क्या कह गए योगी?

"पीएम मोदी के नेतृत्व में तुष्टिकरण की राजनीति के लिए कोई जगह नहीं है. हर गरीब को शौचालय दिया गया. क्या शौचालय देने के लिए किसी का चेहरा देखा गया? अब राशन मिल रहा है न? क्या 2017 से पहले भी मिलता था? तब तो अब्बा जान कहने वाले राशन हजम कर जाते थे. तब कुशीनगर का राशन नेपाल और बांग्लादेश पहुंच जाता था. आज कोई गरीबों का राशन निगलेगा तो जेल जाएगा."
बता दें कि 'अब्बा जान' शब्द का इस्तेमाल ज्यादातर मुस्लिम पिता को संबोधित करने के लिए करते हैं. योगी आदित्यनाथ ने पहले भी कई ऐसे ही बयान दिए हैं. सीएम योगी ने आगे कहा कि,#WATCH | Under PM Modi leadership, there is no place for appeasement politics....Before 2017 was everyone able to get ration?....Earlier only those who used to say 'Abba Jaan' were digesting the ration: Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath in Kushinagar pic.twitter.com/CPr6IMbwry
— ANI UP (@ANINewsUP) September 12, 2021
"पीएम मोदी ने सही मायने में देश के विकास और देश के राजनीतिक एजेंडे को बदला. देश की राजनीति 1947 में जाति, मजहब, क्षेत्र, भाषा, परिवार और वंश तक सीमित थी. गांव के लिए, गरीब के लिए, किसान के लिए, नौजवान के लिए, महिलाओं के लिए, बच्चों के लिए, बिना भेदभाव किए समाज के हर तबके तक विकास को पहुंचाया. इसका परिणाम हुआ कि हर तबके के लोगों को विकास समान रूप से मिल रहा है. लेकिन तुष्टिकरण किसी का नहीं. तुष्टिकरण की राजनीति जब तक देश के अंदर थी, तब विकास नहीं था. दंगे, भ्रष्टाचार, अराजतकता, आतंकवाद, अत्याचार, अन्याय था. लेकिन आज सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास है."पिछले महीने, सीएम योगी ने यूपी विधानसभा में कहा था कि कुछ लोगों ने तब टीका लगवाया है, जब उनके 'अब्बा जान' ने टीका लगवा लिया. उनकी यह टिप्पणी सपा नेता मुलायम सिंह यादव के टीका लगवाने के कुछ दिनों बाद अखिलेश के टीका लगवाने पर आई थी. सोशल मीडिया पर दिखा गुस्सा योगी के अब्बा जान वाले बयान को लेकर सोशल मीडिया पर तीखे कमेंट आ रहे हैं. कुछ लोग इसे सांप्रदायिक भावनाएं भड़काने वाला बयान बता रहे हैं. कुछ नेताओं ने भी ट्वीट करके इसे गलत करार दिया. जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया,
"मैं हमेशा से जानता हूं कि बीजेपी के पास इलेक्शन लड़ने के लिए सांप्रदायिकता और मुसलमानों के लिए नफरत के अलावा कोई अजेंडा नहीं है. यहां एक सीएम खुद को दोबारा चुने जाने के लिए दावा कर रहा है कि जो राशन हिंदुओं के लिए था, उसे मुसलमान खा गए."
I’ve always maintained the BJP has no intention of fighting any election with an agenda other than blatant communalism & hatred with all the venom directed towards Muslims. Here is a CM seeking re-election claiming that Muslims ate up all the rations meant for Hindus. https://t.co/zaYtK43vpd — Omar Abdullah (@OmarAbdullah) September 12, 2021टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा ने ट्वीट किया,
“जो अब्बा जान कहते थे, वो गरीबों का सारा राशन हजम कर गए.' भारत में एक चुना हुआ सीएम धार्मिक भावनाएं भड़का रहा है, ये आईपीसी की धारा 153ए का सीधा उल्लंघन है. क्या कोई इसका संज्ञान लेगा? सुप्रीम कोर्ट? यूपी पुलिस?"
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने ट्वीट किया,“Those who used to say 'Abba Jaan' digested the ration for the poor." An elected CM in India guilty of overtly communal incitement, flagrant violation of Section 153 A of IPC
Suo Moto Cognizance anyone? Supreme Court? @Uppolice — Mahua Moitra (@MahuaMoitra) September 12, 2021
"हमारी सरकार चाहती है: एक समावेशी अफगानिस्तान. लेकिन 'अब्बा जान' के बयान से योगी चाहते हैं: एक समावेशी यूपी या बांटो और राज करो?"
Our Government wants : An inclusive Afghanistan With his “ abba jaan “ remark What does Yogiji want : An inclusive UP Or Divide and rule ? — Kapil Sibal (@KapilSibal) September 13, 2021आम लोगों में भी इसे लेकर गुस्सा दिखा. सत्यकी सेनगुप्ता नाम के यूजर लिखते हैं.
"बीजेपी सिर्फ सांप्रदायिकता और मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाकर ही इलेक्शन जीत सकती है. अब्बा जान शब्द का इस्तेमाल योगी जी कोरोना की अव्यवस्था, महिलाओं पर होने वाले अपराध, बेरोजगारी और विकास के मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए कर रहे हैं. बांटने वाली ये राजनीति 2022 में खत्म होनी चाहिए."
आइरीन अकबर लिखती हैं.#BJP can only win Election through blatant communalism &hatred towards muslims
The words 'Abba jaan' used by #Yogiji is to divert attention frm the real issues like covid mismanagement,crime against women,unemployment& development. The divisive politics should be end in 2022. https://t.co/cE7QxpgqvD — Satyaki Sengupta (@satyaki_sngupta) September 12, 2021
"यूपी सरकार को विज्ञापन में हुई गफलत से बचाने के लिए अब्बा जान लाया गया है. हमारे बिना क्या होगा इनका?"
Abba Jaan to the rescue of the UP govt after its ad fiasco. Humare bina kya hoga inka? — Irena Akbar (@irenaakbar) September 12, 2021हालांकि कुछ ने इस बयान का समर्थन भी किया. सौरभ तिवारी ने लिखा,
"यही यूपी का कड़वा सच है. सपा और बसपा ने सिर्फ तुष्टीकरण की राजनीति की है. सपा अब्बा जान की राजनीति से पंगु हो गई थी और बसपा सवर्ण जाति की राजनीति से पंगु हो गई थी. उन्होंने संतुलन बनाने की बहुत कोशिश की लेकिन इस प्रक्रिया में पूरी कहानी असंतुलित हो गई. ये वास्तविक सत्य है."
हालांकि इस बहस के बीच कई लोगों ने सोशल मीडिया पर कहा कि अब्बा जान, पिता जी, डैड, पापा सब एक ही है. किसी खास शब्द को इस तरह से गलत अर्थ में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. फिलहाल यूपी में इलेक्शन नज़दीक है और लगभग सभी पार्टियां चुनावी मोड में आ चुकी हैं. ऐसे में आने वाले दिन कुछ और विवादित बयानों के गवाह बन जाएं तो बड़ी बात नहीं होगी.That is the hard fact and ugly truth of UP. SP and BSP have only done appeasement politics. SP was paralysed by Abba Jaan politics and BSP was paralysed by Sawarna jaati politics. They tried hard to balance but in the process dis-balanced the whole narrative. 👇 Is actual truth. https://t.co/X7Tl8twCOs
— Saurabh Tiwari (@saurabhtiwarist) September 12, 2021