कौन हैं WV Raman जो कोच बनने में गैरी कर्स्टन से भी आगे निकल गए
इंटरव्यू में कैसे फेल हो गए गैरी कर्स्टन?
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गैरी कर्स्टन को भी नहीं पता होगा कि उन्हें मौका नहीं मिलेगा.

एक तरफ WV Raman और दूसरी तरफ कपिल देव के साथ अंशुमन गायकवाड़.
मगर चुना गया रमन को. रमन भी एक काबिल कोच हैं. इसपर बात बाद में, पहले जानिए कि कपिल देव, अंशुमन गायकवाड़ और पूर्व भारतीय महिला क्रिकेटर शांता रंगास्वामी की कमेटी ने गैरी कर्स्टन को कोच नहीं चुना. कर्स्टन ने एक अच्छी खासी प्रजेंटेशन स्काइप इंटरव्यू में दी और उनका रिकॉर्ड भी जबरदस्त रहा है. मगर बात अटकी 'हितों के टकराव' यानी 'कॉन्फ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट' नियम पर. बीसीसीआई में अब एक नियम है कि कोई भी व्यक्ति दो पदों पर नहीं रह सकता और अभी कर्स्टन आईपीएल की रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) के कोच और मैंटॉर हैं. ऐसे में कर्स्टन की महिला टीम के कोच बनने की दावेदारी को खत्म कर दिया गया.
मगर सवाल ये कि क्या बीसीसीआई ने अपना होमवर्क सही से नहीं किया था. कारण ये कि सबसे पहले तो बोर्ड को ये पता था कि अभी कर्स्टन आरसीबी के साथ जुड़े हुए हैं और हितों के टकराव की बात आएगी. दूसरा बोर्ड ने कर्स्टन से पूछा था कि क्या वो इस पद के लिए इच्छुक हैं, तभी कर्स्टन ने अप्लाई किया. इसके बाद कर्स्टन को शॉर्टलिस्ट भी किया और फाइनल इंटरव्यू में होश आया कि इन्हें तो कोच बनाया ही नहीं जा सकता.
Announcement: @wvraman
Details: https://t.co/ffajMENV48
appointed Head Coach of Indian Women’s Cricket team
pic.twitter.com/X4aUfQz2OA
— BCCI Women (@BCCIWomen) December 20, 2018
दूसरा नाम है डब्ल्यू वी रमन का. इन्हें अब रमेश पोवार के बाद महिला टीम का कोच नियुक्त किया गया है. एक नजर WV Raman के कोचिंग करियर पर-
- रमन ने 1988-1997 के बीच इंडिया के लिए लिए 11 टेस्ट और 27 वनडे खेले. वो लेफ्ट हैंड ओपनिंग बैट्समैन रहे हैं.
- 2001 में पहली बार वो बंगाल के कोच बने.
-2006 में तमिलनाडु टीम को कोचिंग दी.
- 2010 में फिर से बंगाल टीम के साथ बतौर कोच जुड़े.
- 2013 में किंग्स इलेवन पंजाब के सहायक कोच बने.
-2014 में कोलकाता नाइटराइडर्स के बैटिंग कोच बने और इसी सीजन में केकेआर ने दूसरी बार आईपीएल जीता था.
- 2015 में वो नेशनल क्रिकेट अकेडमी में बैटिंग कोच बने.
- 2018 में राहुल द्रविड़ की कोचिंग में वर्ल्ड कप जीतने वाली अंडर-19 इंडिया टीम के सहायक कोच भी रमन थे.

डायना एडुल्जी और विनोद राय.
अब रमन को तो कोच चुन तो लिया मगर बोर्ड की कमिटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स यानी CoA में आपस में ठनी हुई है. कमेटी के चेयरमैन विनोद राय और मैंबर डायना एडुल्जी आमने सामने हैं. एडुल्जी ने इस पूरी प्रक्रिया को असंवैधानिक बताया है और कहा है कि ये तीन मैंबर वाली एड-हॉक कमेटी नियम के खिलाफ है और इस तरह अकेले ये निर्णय लेना गलत है. जबकि विनोद राय का कहना है कि वीमन्स टीम को बिना कोच नहीं छोड़ा जा सकता है इसलिए कोच का चुनाव जल्दी जरूरी है. टीम को जनवरी में न्यूजीलैंड के दौरे पर जाना है.
रमेश पोवार और मिताली राज के विवाद के बाद टीम को एक काबिल कोच मिल गया है. जरूरी है कि अब किसी भी तरह का कोई विवाद न हो और हमारी वीमन्स क्रिकेट टीम अपने खेल पर ध्यान दे पाए क्योंकि अंतत: टीम परफॉर्मेंस ही मैटर करेगी.