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SSC और CHSL के एग्जाम पर अड़ी सरकार, छात्र पूछ रहे- परीक्षा देने कैसे जाएं?

छात्रों को राजनीतिक समर्थन भी मिल रहा है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर. (इंडिया टुडे)
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आदित्य
15 अप्रैल 2021 (Updated: 15 अप्रैल 2021, 01:16 PM IST) कॉमेंट्स
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देश में कोरोना वायरस के मामले बहुत तेज रफ्तार से बढ़ते जा रहे हैं. इसे देखते हुए CBSE ने 10वीं बोर्ड की परीक्षा कैंसिल कर दी है और 12वीं की परीक्षा को टाल दिया है. वहीं, कई दूसरी परीक्षाएं कराए जाने का भी विरोध किया जा रहा है. छात्र SSC CHSL और NEET PG की परीक्षाओं की डेट भी आगे बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. इसके पीछे उनके अपने तर्क हैं, जो जायज भी लगते हैं. पूरा मामला क्या है, आइए विस्तार से जानते हैं.
पहले बात SSC CHSL की
CHSL की परीक्षा स्टाफ सलेक्शन कमीशन यानी SSC करवाता है. ये परीक्षा कंबाइंड हायर सेकेंडरी लेवल की है. SSC CHSL Tier-1 की परीक्षा 12 अप्रैल से शुरू हो चुकी है और 27 अप्रैल तक चलेगी. Tier-2 और Tier-3 की परीक्षा की डेट अब तक नहीं बताई गई है. छात्र इसी परीक्षा को टालने की मांग कर रहे हैं. कोरोना के खतरे को देखते हुए छात्रों ने ट्विटर पर #sscchslpostpone और #postponesscchsl जैसे हैशटैग के साथ मुहिम चलाई हुई है. उन्होंने ट्वीट में कमीशन के अधिकारियों को टैग भी किया है. वे उनसे परीक्षा को टालने की मांग कर रहे हैं.
कई छात्रों का कहना है कि कोरोना महामारी के डर से परिवार के लोग उन्हें घर से ही नहीं निकलने दे रहे हैं. ऐसे में वे परीक्षा देने के लिए कैसे जाने देंगे. छात्रों ने कहा कि इन हालात में परीक्षाएं आयोजित करना उनके जीवन के साथ खिलवाड़ करने जैसा है. ट्विटर राहुल सोनी नाम के एक स्टूडेंट ने लिखा है,
'30 लाख से अधिक छात्रों को CHSL की परीक्षा देनी है. ऐसे में हम सभी को पब्लिक ट्रांसपोर्ट में यात्रा करनी होगी और कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए ये खतरे से खाली नहीं है. ऐसे में CHSL परीक्षा को प्लीज़ टाल दें.'
Rahul Soni Tweet Ssc Chsl
राहुल सोनी का ट्वीट देखिए. (तस्वीर: ट्विटर स्क्रीनशॉट)


छात्रों की दलील है कि हर सेंटर पर हज़ारों छात्र कई जगहों से पहुंचेंगे, ऐसे में एग्जाम सेंटर कोविड हॉटस्पॉट बन सकते हैं. ये स्टूडेंट्स के लिए काफ़ी रिस्की हो सकता है. छात्रों ने सवाल किया है कि जब हॉस्पिटल में बेड नहीं हैं, कई प्रदेशों में कर्फ्यू लगे हुए हैं तो परीक्षा करवाने की इतनी जल्दी क्यों है?
शेष नारायण ओझा. इंडियन यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हैं. 11 अप्रैल को इन्होंने एक ट्वीट किया था. लिखा-
'भारत, कोरोना वायरस की भयानक दूसरी लहर का सामना कर रहा है. ऐसे में कई पूर्व निर्धारित कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं. लेकिन SSC फिर भी CHSL की परीक्षा आयोजित करवाने जा रहा है. छात्रों के स्वास्थ्य के मद्देनजर अधिकारियों से अपील है कि परीक्षा को स्थगित कर दिया जाए.'
छात्रों ने अपनी मांग के पीछे CBSE की परीक्षाएं कैंसिल या टाले जाने के फैसले का भी हवाला दिया है. उन्होंने कहा है कि जब CBSE ऐसा कर सकता है तो SSC एग्जाम क्यों नहीं टाल सकता. कई छात्र ये भी कह रहे हैं कि SSC ने जब कई पुरानी परीक्षाओं के नतीजे अब तक घोषित नहीं किए हैं तो अभी कोरोना महामारी के बीच एक और परीक्षा क्यों करवा रहा है?
सौरभ कुमार नाम के एक छात्र ने लल्लनटॉप को बताया है कि वो कोरोना वायरस से संक्रमित हैं और 16 अप्रैल को उनकी CHSL की परीक्षा है. उन्होंने संबंधित अधिकारियों से पूछा है-
'मुझे कोई ऐसा तरीका बताएं जिससे मैं परीक्षा दे सकूं? अगर मैं परीक्षा में शामिल होता हूं तो औरों को संक्रमित कर सकता हूं. मुझे 21 अप्रैल तक क्वारंटाइन में रहना है.'
लेकिन अब तक SSC की ओर से सौरभ को कोई जवाब नहीं दिया गया है. छात्र ने बताया कि उन्होंने कई बार फोन कॉल के जरिए भी मदद मांगने की कोशिश की, लेकिन किसी ने कॉल का जवाब तक नहीं दिया है.
अब बात NEET PG की
कोरोना महामारी को देखते हुए स्टूडेंट्स NEET PG की परीक्षा को भी टालने की मांग कर रहे हैं. ट्विटर पर स्टूडेंट्स #postponeneetpg2021 और #postponeneetpg जैसे हैशटैग्स के साथ संबंधित अधिकारियों से परीक्षा की डेट आगे बढ़ाने की अपील कर रहे हैं. बता दें कि ये परीक्षा 18 अप्रैल को होनी है.
मामले को लेकर NEET PG के छात्रों ने नेशनल बोर्ड ऑफ़ एग्जामिनेशन (NBE) के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. पवनिंद्र लाल को एक चिट्ठी लिखी है. इसमें छात्रों ने कहा है कि कई इंटर्न, डॉक्टर और उनके परिवार वाले कोरोना वायरस से संक्रमित हैं. इनमें से कइयों की तबीयत बहुत ख़राब है और वे हॉस्पिटल में भर्ती हैं. ऐसे में कई कैंडिडेट्स असिम्टोमैटिक (संक्रमित होना, लेकिन लक्षण ना दिखना) हो सकते हैं. परीक्षा केंद्र आए छात्रों के लिए ये बुरा साबित हो सकता है. वैक्सीन की कमी के कारण सभी स्टूडेंट्स का वैक्सीनेशन भी संभव नहीं है. दिक्कतें और भी हैं सेंटर पर छात्रों के बड़ी संख्या में पहुंचने पर संक्रमण फैलने का खतरा तो है ही, लेकिन परेशानी का सबब केवल यही नहीं है. कोरोना संकट की वजह से कई राज्यों ने कर्फ्यू की घोषणा कर दी है. ऐसे में कई स्टूडेंट्स को तो सेंटर तक पहुंचने में ही दिक्कत होने वाली है. अगर जैसे-तैसे पहुंच भी गए तो होटल वगैरा में रुकने की भी दिक्कत हो सकती है. इसीलिए NBE से अपील की गई है कि 18 अप्रैल को होने वाली परीक्षा टाली जाए. दिक्कतें उन छात्रों के साथ भी है जो एग्जाम की तैयारी भी कर रहे थे, साथ में बतौर डॉक्टर अपनी ड्यूटी में भी लगे हुए थे. डॉक्टर जसवंत दिल्ली के सफ़दरगंज हॉस्पिटल में कोरोना मरीजों को देख रहे हैं. उन्हें भी NEET PG की परीक्षा देनी है. लेकिन अब उन्हें संक्रमण का डर सता रहा है. इंडिया टुडे से बात करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना हॉस्पिटल में ड्यूटी करने के साथ NEET PG की परीक्षा देने को लेकर वे चिंतित हैं. छात्रों को मिला राजनीतिक समर्थन छात्रों की परीक्षा टालने की अपील को राजनीतिक समर्थन भी मिल रहा है. द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के प्रमुख और तमिलनाडु विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष एमके स्टालिन ने छात्रों का सपोर्ट करते हुए एक ट्वीट में लिखा,
'कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण CBSE की परीक्षा रद्द कर दी गई है. बढ़ते मामलों के साथ जब हमारे डॉक्टर इतनी दिक्कतों के साथ कड़ी मेहनत कर रहे हैं, ऐसे में क्या NEET PG छात्रों के लिए परीक्षा कराने का ये सही वक्त है?'
एमके स्टालिन ने अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री कार्यालय और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को टैग कर ये सवाल पूछा है.
वहीं, कांग्रेस पार्टी की यूथ विंग NSUI यानी नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ़ इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव शौर्यवीर सिंह ने भी ट्विटर पर कहा,
'अन्य छात्रों की तरह NEET PG छात्रों की सुनने वाला कोई नहीं है. लेकिन फिर भी वे लड़ रहे हैं क्योंकि उनकी चिंता वास्तविक है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और नेशनल बोर्ड ऑफ़ एग्जामिनेशन छात्रों की बात सुनें और समाधान के साथ आएं. परीक्षा स्थगित करने की उनकी मांग जायज है क्योंकि सुरक्षा सबसे पहले आती है.'

ये रिपोर्ट लिखे जाने तक तमाम छात्रों की परीक्षा टालने की मांग को लेकर किए सवालों पर NBE या SSC का कोई जवाब नहीं आया है.

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