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ये 'साला' काम से गया!

कौन है मसूद अज़हर का साला युसूफ अज़हर, जिसके इस हमले में मरने की खबर है.

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IC 814 का हाइजैक 1999 में हुआ था.
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26 फ़रवरी 2019 (Updated: 26 फ़रवरी 2019, 12:38 PM IST) कॉमेंट्स
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''...भारत ने बालाकोट में जैश ए मुहम्मद के सबसे बड़े ट्रेनिंग कैंप पर कार्रवाई की है. बालाकोट का ये कैंप मसूद अज़हर का साला मौलाना यूसुफ अज़हर उर्फ उस्ताद गौरी चला रहा था...'' - विजय गोखले विदेश सचिव (भारत सरकार)

पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और पाकिस्तान के भीतर भारतीय वायुसेना की कार्रवाई पर जब विदेश सचिव बोले तो सब पूछने लगे कि भैया ये यूसुफ अज़हर है कौन बला. मसूद अज़हर से रिश्ता तो विजय गोखले बता ही चुके थे. यूसुफ कौन है, और उसके खिलाफ कार्रवाई भारत के लिए क्यों मायने रखती है, ये जानने के लिए आपको उसकी कुंडली जाननी पड़ेगी.
सीबीआई की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक यूसुफ अज़हर कराची से है. वो हिंदी और उर्दू अच्छे से बोल लेता है. 2000 में सीबीआई ने यूसुफ के बारे में लिखा था कि वो मज़बूत कद-काठी का है. उसकी आखें और बाल काले हैं.
युसूफ अज़हर का सबसे बड़ा परिचय है इंडियन एयरलाइन की फ्लाइट IC 814 का हाइजैक. 24 दिसंबर, 1999 को काठमांडू के त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाइअड्डे से ये फ्लाइट चली. जैसे ही फ्लाइट भारतीय हवाई सीमा में आई, पाकिस्तान से आए पांच आतंकवादियों ने हाइजैक का ऐलान कर दिया. ये आतंकवादी थे इब्राहिम अतहर, ज़हूर मिस्त्री, सैयद शाहिद अख्तर, शाकिर मुहम्मद और युसूफ अज़हर.
इस अपहरण के बाद छूटा मसूद अज़हर आज तक भारत को परेशान कर रहा है.
इस अपहरण के बाद छूटा मसूद अज़हर आज तक भारत को परेशान कर रहा है.

मसूद अज़हर को सेना ने 11 फरवरी 1994 में कश्मीर के काज़ीकुंड के पास से गिरफ्तार किया था. मसूद अज़हर तब तक दुनियाभर के आतंकी संगठनों से मीटिंग्स कर चुका था. आतंकवादियों और पाकिस्तान में उनकी मदद करने वाली ISI के लिए मसूद बहुत अहम था. मसूद को छुड़ाने के लिए कश्मीर से लेकर दिल्ली तक विदेशियों को किडनैप किया गया. इससे बात नहीं बनी तो 15 जुलाई, 1999 को जम्मू की कोट भलवल जेल से आतंकवादियों को छुड़ाने की कोशिश हुई. इसमें सज्जाद अफगानी (घाटी में तब हरकत उल अंसार का चीफ कमांडर) मारा गया. इसके बाद मसूद को छुड़ाने के लिए प्लेन हाईजैक की साज़िश हुई जिसमें उसका भाई इब्राहिम अतहर और साला यूसुफ अज़हर शामिल हुए.
एक मीडिया रिपोर्ट में ये दावा भी किया गया है कि युसूफ ने हाइजैक से पहले मसूद को छुड़ाने के लिए कुख्यात गैंगस्टर अब्दुल लतीफ से भी बात की थी. आईसी 814 हाईजैक के यात्रियों के बदले भारत ने मसूद अज़हर, ओमर सईद शेख और मुश्ताक अहमद ज़रगर को छोड़ा.
2000 में सीबीआई के कहने पर इंटरपोल ने यूसुफ अज़हर के खिलाफ एक रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया. 2002 में भारत ने पाकिस्तान को 20 भगौड़ों की एक लिस्ट पाकिस्तान को सौंपी. इसमें यूसुफ अज़हर का नाम शामिल था.
आज दिए विदेश सचिव के बयान के मुताबिक यूसुफ जैश ए मुहम्मद का सबसे बड़ा ट्रेनिंग कैंप चला रहा था. इस कैंप में जैश के कई कमांडर मौजूद थे और सैंकड़ों फिदायीन तैयार किए जा रहे थे. फिलहाल ये साफ नहीं है कि मरने वालों में यूसुफ भी था कि नहीं.
भारत यूसुफ अज़हर को भगौड़ा मानता है और एजेंसियों को हाईजैकिंग, हत्या और अपहरण के मामलों में उसकी तलाश है.


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