COP28 में हंगामा मचाने वाली 12 साल की भारतीय लड़की कौन है?
लिसिप्रिया ने मंच पर चढ़ने के बाद जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल का विरोध करते हुए एक छोटा सा भाषण भी दिया. भाषण इतना जोरदार था कि COP28 के डायरेक्टर जनरल एम्बेसडर माजिद अल सुवेदी ने तारीफ़ की और लोगों से तालियां बजवाई. लेकिन इसके बाद लिसिप्रिया को वहां से निकाल दिया गया.

दुबई में चल रहे संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन 2023 (COP28) में एक भारतीय लड़की ने हंगामा मचा दिया. 12 साल की लिसिप्रिया कंगुजम (Licypriya Kangujam) मणिपुर की रहने वाली हैं. वो एक क्लाइमेट एक्टिविस्ट हैं. COP28 के एक कार्यक्रम के दौरान वो स्टेज पर पोस्टर लेकर चढ़ गईं. इस पर लिखा हुआ था,
“जीवाश्म ईंधन (Fossil Fuels) खत्म करो, अपनी धरती और अपने भविष्य को बचाओ.”
लिसिप्रिया ने मंच पर चढ़ने के बाद जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल का विरोध करते हुए एक छोटा सा भाषण भी दिया था. भाषण इतना जोरदार था कि COP28 के डायरेक्टर जनरल एम्बेसडर माजिद अल सुवेदी ने भी इसकी तारीफ़ की और लोगों से तालियां बजवाईं.
भाषण के बाद लिसिप्रिया को COP28 से बाहर जाने को कह दिया गया. वहीं जनरल एम्बेसडर ने मंच पर लिसिप्रिया की तारीफ़ करते हुए कहा,
क्या था वीडियो और भाषण में?“मैं इस लड़की के उत्साह की प्रशंसा करता हूं और कार्यक्रम में मौजूद सभी दर्शकों को उसके लिए एक बार और ताली बजाने का आग्रह करता हूं.”
लिसिप्रिया कंगुजम ने अपने X अकांउट पर पूरा वीडियो शेयर किया. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव अंतोनियो गुतेरेस को टैग करते हुए लिखा,
“इस विरोध के बाद उन्होंने मुझे 30 मिनट से अधिक समय तक हिरासत में रखा. मेरा एकमात्र अपराध- जीवाश्म ईंधन को सिलसिलेवार तरीके से बंद करने के लिए कहना था, जो आज जलवायु संकट का प्रमुख कारण है. बाद में मुझे COP28 से बाहर कर दिया गया.”
लिसिप्रिया ने अपने दूसरे पोस्ट में लिखा,
"जीवाश्म ईंधन के विरोध के लिए मेरा बैज सीज़ करने का क्या कारण है? अगर आप जीवाश्म ईंधन के ख़िलाफ़ खड़े हैं, तो आपको मेरा समर्थन करना चाहिए. आपको तुरंत मेरा बैज रिलीज़ करना चाहिए. यह संयुक्त राष्ट्र परिसर में बाल अधिकारों का उल्लंघन और दुरुपयोग है, जो संयुक्त राष्ट्र के नियमों के खिलाफ है. मुझे संयुक्त राष्ट्र में अपनी आवाज़ उठाने का अधिकार है."
जीवाश्म ईंधन को ख़त्म करने के मुद्दे पर COP28 में एक बहस चल रही है. लगभग 200 देश इस मुद्दे को हल करने की कोशिश में शामिल हो गए हैं. 190 देशों के लगभग 60,000 प्रतिनिधि इस साल दुबई में होने वाले जलवायु सम्मेलन का हिस्सा भी हैं.
कौन हैं लिसिप्रिया कंगुजम?2 अक्टबूर 2011 को जन्मीं लिसिप्रिया 'कंगुजम द चाइल्ड मूवमेंट' की संस्थापक हैं. वह छह साल की उम्र से ही इसके लिए काम कर रही हैं. लिसिप्रिया विश्व स्तर पर सबसे कम उम्र के क्लाइमेट एक्टिविस्ट में से एक हैं. वो 2019 में स्पेन में आयोजित संयुक्त राष्ट्र क्लाइमेट कॉन्फ्रेंस (COP25) में विश्व नेताओं को संबोधित भी कर चुकी हैं.
लिसिप्रिया को कई अवार्ड मिले हैं,
- साल 2019 में अंतरराष्ट्रीय बाल शांति पुरस्कार
- 2019 राइजिंग स्टार ऑफ अर्थ डे नेटवर्क
- 2020 ग्लोबल चाइल्ड प्रोडिजी अवार्ड
- 2020 TN खुशू मेमोरियल अवार्ड
- फोर्बर 30 अंडर 30 स्पेशल मेंशन 2021
- दिल्ली सरकार से साल 2021 में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस अवार्ड
लिसिप्रिया क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थुनबर्ग से प्रेरित हैं. उन्होंने जुलाई 2018 में क्लाइमेट चेंज को लेकर काम शुरू किया. 21 जून, 2019 को लिसिप्रिया ने भारत में 'क्लाइमेट चेंज लॉ' लाने के लिए संसद भवन के बाहर एक सप्ताह बिताया था.
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