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क्लाइमेट चेंज से नदी सूखी, पता चला उसमें विश्व युद्ध का बम पड़ा था, 450 किलो का!

ज़मीन में दबे बम ने जंगल में आग कैसे लगा दी?

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Bomb taken out of river (Photo-Twitter)
नदी से निकाला गया बम (फोटो-ट्विटर)
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साजिद खान
8 अगस्त 2022 (Updated: 8 अगस्त 2022, 08:45 PM IST) कॉमेंट्स
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इटली में पो नदी में दूसरे विश्वयुद्ध के समय का एक बम मिला है. ये बम उस समय फटा नहीं था. इसमें साढ़े चार सौ किलो विस्फ़ोटक मिला है. मीडिया रपटों के मुताबिक, मछुआरे जब पो नदी की तरफ टहलने गए थे, तभी उन्हें ये बम दिखा था. क्लाइमेट चेंज के चलते पो नदी लगातार सूख रही है. इससे अंदर दबी चीज़ें बाहर आ रहीं है.

बम मिलने के बाद कुछ समय के लिए इलाके के हवाई क्षेत्र और जल मार्ग को बंद कर दिया गया था. अपडेट ये है कि बम को सेफ़ली डिफ़्यूज कर दिया गया है. इटली में विश्व युद्ध के समय के ऐसे कई बम और विस्फोटक उपकरण मिलते रहते हैं. जुलाई 2021 में इटली के लोम्बार्डी में भी इसी किस्म का एक बम मिला था. उसे भी सुरक्षित डिफ्यूज़ कर दिया गया था.
रिपोर्ट के मुताबिक, इटली में हर साल विश्वयुद्ध के दौरान के 60 हज़ार से ज़्यादा हथियार और उपकरण मिलते हैं. इस आंकड़े में उस समय हुए इस्तेमाल हुए छर्रे बम, हथगोले, गोलियां भीशामिल हैं. इटली में 30 से ज़्यादा ऐसी प्राइवेट कम्पनियां हैं जो बिना फटे बमों को पता लगाने का काम करती हैं.

ये विस्फोटक विश्वयुद्ध की वीभीषिका बयान करते हैं. 2014 में हॉन्ग कॉन्ग में दूसरे विश्व युद्ध का 1 टन वज़नी बम मिला था. एक बम 2011 में जर्मनी की राइन नदी में मिला था. 2 टन वज़नी इस बम को डिफ्यूज़ करने के लिए 45 हज़ार लोगों को इलाके से सुरक्षित निकाल गया था. जांच में पता चला था कि ब्लॉकबस्टर नाम का ये बम ब्रिटिशर्स ने बनाया था. ये राइन नदी में सूखा पड़ने की वजह से मिला था.

साल 2019 में इटली के ब्रिंडिसी शहर के एक मूवी थियेटर की मरम्मत का काम चल रहा था, उस दौरान एक बड़ा बम बरामद हुआ. बम इतना बड़ा था कि शहर के 54 हज़ार लोगों को वहां से हटाना पड़ा. इटली की मीडिया ने इसे शांतिकाल में इटली का सबसे बड़ा विस्थापन बताया था.

विश्व युद्ध के समय के बमों को ज़्यादातर तो सफलता पूर्वक डिफ्यूज़ कर दिया जाता है लेकिन हमेशा अनहोनी नहीं टालती. ऐसी ही एक अनहोनी पिछले महीने जुलाई में सामने आई. जब स्लोवेनिया के जगलों में पहले विश्वयुद्ध के समय के एक बम की वजह से आग लग गई. रिपोर्ट्स के मुताबिक, जंगल के जिस इलाके में आग भड़की थी, वहां पहले विश्व युद्ध के समय के कई बम ज़मीन में गड़े हुए थे. आगजनी के कारण बमों में विस्फोट होने लगा, जिससे जंगल की आग और भड़क गई थी.

बमों की कहानियों को यहीं छोड़ते हैं अब चलते हैं ब्राज़ील,

ब्राज़ील में जूजिट्सू के चैम्पियन खिलाड़ी लिएंड्रो लो की गोली मारकर हत्या कर दी गई है. लिएंड्रो, ब्राज़ील के साओ पाउलो के एक क्लब में अपने दोस्तों के साथ गए थे. उसी दौरान एक अज्ञात व्यक्ति की लिएंड्रो और उनके दोस्त के साथ बहस शुरू हुई, बहस बढ़ती गई, लिएंड्रो ने बीच-बचाव की कोशिश की, मामला शांत नहीं हुआ तो दोनों के बीच झड़प हुई. इसी दौरान उस व्यक्ति ने लिएंड्रो के सिर पर गोली मार दी, लिएंड्रो को फ़ौरन अस्पताल ले जाया गया, वहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. आरोपी मौके से फरार हो गया, लेकिन उसने खुद को पुलिस के हवाले कर दिया है. आरोपी व्यक्ति पर हत्या के आरोप में केस चलेगा. लिएंड्रो अब तक के सबसे सफल जूजिट्सू एथलीटों में से एक थे, उन्होंने 8 बार विश्व चैंपियनशिप जीती थी. लिएंड्रो की हत्या के बाद जूजिट्सू सहित पूरा खेल जगत शोक में है. 

ये तो रही लिएंड्रो की हत्या की कहानी लेकिन जिस खेल के ज़रिए जूजिट्सू ने प्रसिद्धि हासिल की. वो है क्या? कैसे खेला जाता है? अब उसके बारे में थोड़ा जान लेते हैं.जूजिट्सू की शुरुआत जापान में हुई थी. जूजिट्सू एक मार्शल आर्ट और एक युद्ध तकनीक भी है. इसे पहले समुराई प्रेक्टिस किया करते थे. जूजिट्सू को बाद में एक खेल की तरह खेला जाने लगा. आसान भाषा में आप इसे मार्शल आर्ट और कुश्ती का मिला जुला रूप समझ सकते हैं. इस खेल में आपको सामने वाले खिलाड़ी को ज़मीन में पटकनी देनी होती है.

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