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कौन है 'पाताल लोक' का हथौड़ा त्यागी, जो सीरीज़ के खत्म होते तक विलन से हीरो बन जाता है?

अभिषेक एक्टर से पहले कास्टिंग डायरेक्टर हैं, जिन्होंने मो. ज़ीशान अयूब और सिद्धांत चतुर्वेदी जैसे एक्टर खोजे.

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चित्रकूट से शुरू कर 'पाताल लोक' तक का सफर करने वाला विलन विशाल 'हथौड़ा' त्यागी.
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श्वेतांक
21 मई 2020 (Updated: 21 मई 2020, 02:39 PM IST)
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'पाताल लोक' अपने समय की वो पहली सीरीज़ है, जो खुद को मुंबई में बने छोटे शहरों के सेट से हटाकर ग्राउंड पर ले जाती है. पहले चित्रकूट और फिर पंजाब के एक छोटे से गांव में. और ये सब सिर्फ दिखावट के लिए नहीं होता. चित्रकूट से आता है सीरीज़ का खूंखार विलन विशाल 'हथौड़ा' त्यागी. जिसके माथे पर 45 मर्डर, किडनैपिंग, फिरौती जैसे तमाम केस हैं. वैसे तो हथौड़ा त्यागी इस सीरीज़ का विलन है लेकिन सब सीरीज़ खत्म होती है, तो पता चलता कि वो तो हीरो था. क्योंकि-

''अगर आप कुत्ते से प्यार करते हैं तो आप अच्छे इंसान हैं, अगर कुत्ता आपसे प्यार करता है तो आप अच्छे इंसान हैं.''

जिस एक्टर ने हथौड़ा त्यागी का रोल किया है, उसका नाम है अभिषेक बैनर्जी. अभिषेक मुंबई एक्टर बनने आए थे. लेकिन फिलहाल शहर के सबसे मशहूर कास्टिंग एजेंसियों में से एक कास्टिंग बे के फाउंडिंग मेंबर हैं. मो. जीशान अयूब से लेकर सिद्धांत चतुर्वेदी को इन्होंने ही खोजा था. सोचा था जब 40 के होंगे, तो बोमन ईरानी टाइप के रोल्स में फिल्मों में धमाल मचाएंगे. लेकिन चीज़ें उससे पहले ही वर्कआउट होने लगीं.
अभिषेक और कास्टिंग बे के सदस्यों का लल्लनटॉप इंटरव्यू आप यहां देख सकते हैं:

आमिर खान की फिल्म से हुई शुरुआत
अभिषेक अपने एक इंटरव्यू में बताते हैं कि वो चेन्नई में बड़े हुए हैं. इसलिए रजनीकांत का उन पर बड़ा प्रभाव रहा है. लेकिन ग्रैजुएशन की पढ़ाई-लिखाई दिल्ली यूनिवर्सिटी से हो रही थी. अभिषेक किरोड़ीमल कॉलेज से इंग्लिश ऑनर्स कर रहे थे. इसी दौरान कॉलेज की थिएटर सोसाइटी प्लेयर्स का हिस्सा बने. लगातार एक्टिव रहे. इन्हीं दिनों में फिल्म 'रंग दे बसंती' का ऑडिशन वाला सीक्वेंस शूट हो रहा था. 'छिछोरे' फेम एक्टर तुषार पांडे अभिषेक के क्लासमेट थे. और तुषार के भाई सुनील 'रंग दे बसंती' के असिस्टेंट डायरेक्टर. उन्होंने बुलाया कि क्राउड में कुछ लोगों की ज़रूरत है, तो अभिषेक और तुषार दोनों पहुंच गए. वो दोनों ही फिल्म के ऑडिशन वाले सीन में नज़र आते हैं. ये अभिषेक की पहली फिल्म थी. इसके बाद से एक्टिंग का ऐसा चस्का लगा कि अभिषेक ने ग्रैजुएशन के फाइनल ईयर में कॉलेज छोड़ दिया. अधूरा. और चले गए मुंबई.
राकेश ओमप्रकाश मेहरा डायरेक्टेड फिल्म 'रंग दे बसंती' के ऑडिशन वाले सीन में अभिषेक. ये उनका पहला फिल्मी रोल था.
राकेश ओमप्रकाश मेहरा डायरेक्टेड फिल्म 'रंग दे बसंती' के ऑडिशन वाले सीन में अभिषेक. ये उनका पहला फिल्मी रोल था.

ऑडिशन देने गए, तो कास्टिंग डायरेक्टर ने दूसरा काम पकड़ा दिया
एक्टिंग के मक़सद से मुंबई पहुंचे अभिषेक की हालत बिलकुल वही थी, जिसे वो यंगस्टर्स की सबसे बुरी आदत मानते हैं. बकौल अभिषेक, बहुत सारे लोग सिर्फ एक्टर बनने का सपना देखते हैं. उसके लिए किसी तरह की ट्रेनिंग या फॉर्मल एजुकेशन कुछ नहीं लेते. सीधे मुंबई आकर ऑडिशन देना शुरू कर देते हैं. उन्हें वो 'ड्रीमर्स' बुलाते हैं. अभिषेक ने भले कॉलेज नाटकों में हिस्सा लिया हो लेकिन उनके पास भी एक्टिंग का कुछ खास एक्सपीरियंस या नॉलेज नहीं था. लेकिन उन्होंने ऑडिशन देना शुरू कर दिया. 'चक दे' में एक छोटे से रोल के लिए वो ऑडिशन देने पहुंचे. लेकिन कास्टिंग डायरेक्टर गौतम किशनचंदानी ने उन्हें कहा कि जो एक्टर्स ऑडिशन दे रहे हैं, उन्हें क्यू (Cue) दो. क्यू का मतलब एक्टर्स के आसपास खड़े शख्स का ये इशारा करना कि डायलॉग बोलने या परफॉरमेंस देने का समय आ गया है. ऐसा अभिषेक के साथ कई बार हुआ. इसी समय में उन्हें ये भान हुआ कि एक्टिंग करने से पहले उन्हें ये कला सीखने की ज़रूरत है.
अभिषेक बैनर्जी अपने कॉलेज के दिनों के जानकार और कास्टिंग बे के सह-संस्थापक अनमोल आहूजा के साथ.
अभिषेक बैनर्जी अपने कॉलेज के दिनों के जानकार और कास्टिंग बे के सह-संस्थापक अनमोल आहूजा के साथ.

जिस फिल्म में कास्टिंग कर रहे थे, उसी में रोल नहीं मिला
अनुराग कश्यप की 'देव-डी' पर गौतम किशनचंदानी  और तमाम कास्टिंग डायरेक्टर्स को असिस्ट करने के बाद अभिषेक ने पूरी तरह से कास्टिंग फील्ड में आने का मन बना लिया. एक्टिंग तो करनी थी लेकिन अपने अंदर के एक्टर को जिलाए रखने के लिए उसका पेट भी तो भरना था. कास्टिंग करने में उन्हें मज़ा भी आता और सीखने को भी काफी कुछ मिलता. डीयू के हंसराज कॉलज में पढ़ने वाले अनमोल आहूजा के साथ मिलकर अभिषेक ने कास्टिंग का काम शुरू किया. बतौर कास्टिंग डायरेक्टर उनकी पहली फिल्म थी 'नॉक आउट' (2010). फिल्म चली नहीं इसलिए न ज़्यादा लोगों को उसकी कास्ट से फर्क पड़ा, न ही कास्टिंग एजेंट्स के बारे में पता चला. 2011 अभिषेक के लिए लाइफ चेंजिंग साबित हुई. इस साल उन्होंने 'नो वन किल्ड जेसिका' (बतौर असोशिएट कास्टिंग डायरेक्टर) और 'द डर्टी पिक्चर' जैसी फिल्मों में कास्टिंग की. दोनों फिल्में क्रिटिक्स फ्रेंडली साबित हुईं और अभिषेक मेनस्ट्रीम में आ गए. मज़ेदार बात ये कि 'नो वन किल्ड जेसिका' में खलनायक मनु शर्मा के रोल के लिए अभिषेक ने खुद भी ऑडिशन दिया था. लेकिन फाइनली वो रोल मो. ज़ीशान अयूब को मिला. हालांकि अभिषेक फिल्म में एक पॉकेटमार के छोटे से रोल में नज़र आते हैं.
फिल्म 'स्त्री' में भूतिया प्रकोप का शिकार बनने वाले जना के रोल में अभिषेक. अपारशक्ति और राजकुमार के साथ (सबसे दाएं).
फिल्म 'स्त्री' में भूतिया प्रकोप का शिकार बनने वाले जना के रोल में अभिषेक. अपारशक्ति और राजकुमार के साथ (सबसे दाएं).

मशहूर कास्टिंग डायरेक्टर से कॉमेडी एक्टर तक का सफर
अभिषेक 'रंग दे बसंती' में कॉलेज स्टूडेंट, 'नो वन किल्ड जेसिका' में पॉकेटमार, 'बॉम्बे टॉकीज़' में भुर्जी स्टैंड के पास खड़ा बंदा और वेब सीरीज़ 'इन्साइड एज' में ड्रग डीलर जैसे छोटे रोल्स कर चुके थे. साथ ही वो अक्षय कुमार की 'गब्बर इज़ बैक', 'रॉक ऑन 2', 'ओके जानू', 'टॉयलेट- एक प्रेम कथा', 'सीक्रेट सुपरस्टार' और 'अज्जी' जैसी फिल्मों में कास्टिंग का काम भी कर चुके थे. अब उन्हें दोनों क्षेत्र का अनुभव हासिल था. ठीक इसी समय उनकी लाइफ में आई 'स्त्री'. डायरेक्टर अमर कौशिक चाहते थे कि अभिषेक इस फिल्म में बिट्टू का रोल करें. ऑडिशन वगैरह हुआ लेकिन काम नहीं बना. फिर अमर ने उन्हें जना के रोल में कास्ट कर लिया और बिट्टू का रोल मिला अपारशक्ति खुराना को. ये फिल्म बड़ी हिट रही और इसमें अभिषेक का डायलॉग 'बिक्की प्लीज़' भी खूब पसंद किया गया. इसके बाद एक्टिंग लाइफ हो गई, बढ़ती का नाम गाड़ी. 'मिर्ज़ापुर' में कंपाउंडर (सुबोध), 'ड्रीम गर्ल' में महिंद्र, 'बाला' में रामू.
फिल्म 'बाला' में नायक के पक्के दोस्त और बालों के विग डिज़ायन करने वाले हेयरस्टाइलिस्ट रामू के रोल में अभिषेक.
फिल्म 'बाला' में नायक के पक्के दोस्त और बालों के विग डिज़ायन करने वाले हेयरस्टाइलिस्ट रामू के रोल में अभिषेक.

कॉमेडी से सीधे किलर हथौड़ा त्यागी
'पाताल लोक' की कास्टिंग भी अभिषेक ही कर रहे थे. वो सीरीज़ में हाथीराम के साथी पुलिसवाले अंसारी का किरदार निभाना चाहते थे. लेकिन वो कैरेक्टर इश्वाक सिंह के खाते में चला गया. फिर शो के राइटर सुदीप शर्मा ने अभिषेक को सलाह दी कि उन्हें हथौड़ा त्यागी वाले रोल के लिए ऑडिशन देना चाहिए. अभिषेक ने अपने ऑफिस में अपनी टीम के सामने ऑडिशन दिया और वो टेप सुदीप को भेज दिया. सुदीप को उनका काम पसंद आया और उनकी कास्टिंग 'पाताल लोक' में हो गई. उनके काम की खूब तारीफ हो रही है. हालांकि इस बात को लेकर बड़ा विवाद हुआ कि कास्टिंग डायरेक्टर्स कई बार एक्टर्स की जगह खुद को ही कास्ट कर लेते हैं. इस पर अभिषेक ने कहा कि जो लोग ये सवाल उठा रहे हैं, उन्हें ये सवाल उन फिल्म या सीरीज़ के मेकर्स से करना चाहिए कि वो एक्टर्स को पर्सनल लेवल पर कास्ट करते हैं या उनकी काबिलियत के हिसाब से.
वेब सीरीज़ 'पाताल लोक' में अपने विलन बनने की कहानी की शुरुआत में हथौड़ा त्यागी.
वेब सीरीज़ 'पाताल लोक' में अपने विलन बनने की कहानी की शुरुआत में हथौड़ा त्यागी.



वीडियो देखें:  'पाताल लोक' में इंस्पेक्टर हाथीराम चौधरी का रोल करने वाले एक्टर जयदीप अहलावत की कहानी

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