The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • What will be the result of Rahul Gandhi Bharat Jodo Yatra comparison with Chandra Shekhar 1983 Bharat Yatra

पदयात्रा के बाद चंद्रशेखर को सभी मान रहे थे अगला PM लेकिन इस घटना ने सबकुछ बदल दिया

इतिहास की पदयात्राओं में छिपे हैं राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' के लिए कई सबक.

Advertisement
Rahul Gandhi and Former PM Chandra Shekhar
पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर (फाइल फोटो: इंडिया टुडे)
pic
सुरभि गुप्ता
10 सितंबर 2022 (Updated: 10 सितंबर 2022, 08:31 PM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) 7 सितंबर से तमिलनाडु के कन्याकुमारी से 'भारत जोड़ो' यात्रा पर निकले हैं. कन्याकुमारी से शुरू होकर यह यात्रा जम्मू-कश्मीर तक पहुंचेगी. अगले 150 दिनों में यह यात्रा 12 राज्यों से होकर गुजरेगी. इस दौरान करीब 3,570 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी. राहुल गांधी के नेतृत्व में 'भारत जोड़ो' यात्रा शुरू होने के साथ आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी चल रहा है. 

लेकि सवाल ये उठ रहा है कि राहुल की इस यात्रा का क्या नतीजा रहेगा? इस पर नेता नगरी में वरिष्ठ पत्रकार स्मिता गुप्‍ता ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की साल 1983 की पदयात्रा का जिक्र किया. उन्होंने बताया कि कन्याकुमारी से दिल्ली तक चंद्रशेखर की पदयात्रा काफी हिट रही थी. स्मिता कहती हैं कि इतनी भीड़ जुटी थी कि ऐसा लगा रहा था चंद्रशेखर से बड़ा कोई नेता नहीं है. 

उन्होंने बताया कि 

उस दौरान महिलाओं ने अपने सोने के कंगन और अंगूठी तक उतार कर दे दिए थे. चंद्रशेखर के साथ बड़े ही नहीं बच्चे भी उस यात्रा में शामिल हो रहे थे. एक 11-12 साल का बच्चा चंद्रशेखर के साथ पुणे के शनिवार वाड़ा में हुई रैली में पहुंचा. उस बच्चे ने कहा था कि चंद्रशेखर अगले प्रधानमंत्री होंगे. सबको लग रहा था कि चंद्रशेखर ही पीएम बनेंगे. लेकिन फि‍र इंदिरा गांधी की हत्‍या हो जाती है. वो पीएम नहीं बनते. हालांकि, बाद में जब चंद्रशेखर प्रधानमंत्री बने, वो एक दूसरे माहौल में बने. 

स्मिता गुप्ता के मुताबिक राहुल गांधी की यात्रा आम लोगों से कनेक्ट करने के लिहाज से महत्वपूर्ण है. 

दूसरी तरफ वरिष्ठ पत्रकार राहुल श्रीवास्‍तव ने भी राहुल गांधी की यात्रा को एक अच्छा आइडिया बताया. राहुल श्रीवास्‍तव के मुताबिक भारत में इस तरह की यात्राओं की काफी अहमियत रही है. उन्होंने कहा कि लालकृष्ण आडवाणी की जो रथयात्रा थी, उसने देश की राजनीति का आकार बदल दिया. 

उन्होंने बताया कि 

नेताओं की कई पदयात्राएं सफल रही हैं. वाइ.एस. राजशेखर रेड्डी ने साल 2003 में  लगभग 1500 किमी की यात्रा की थी और साल 2004 में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे. चंद्रबाबू नायडू ने 2013 में 1700 किमी की यात्रा की थी और साल 2014 में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे. इस तरह की पदयात्राओं से राजनेताओं को सफलता मिलती है.

राहुल श्रीवास्‍तव ने कहा कि 'भारत जोड़ो' यात्रा से राहुल गांधी की छवि बदल सकती है. उन्होंने कहा कि जब वे इतने दिन चलेंगे, जनता के बीच में रहेंगे तो इससे उन्हें फायदा मिल सकता है. इससे जनता से उनका कनेक्शन बढ़ेगा. हालांकि, उनके मुताबिक राहुल गांधी सिर्फ पीएम मोदी को अपदस्थ करने की लड़ाई नहीं लड़ रहे. उनकी ‘भारत जोड़ो’ यात्रा कांग्रेस को देश की मुख्य विपक्षी पार्टी साबित करने की भी कोशिश है, जिस पर अक्सर सवाल उठाए जाते हैं.

वीडियो- नेता नगरी: पीएम मोदी को चुनौती दे रहे नीतीश, केजरीवाल को वीपी सिंह और चंद्रशेखर का किस्सा डराएगा

Advertisement