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पी. साईनाथ ने सुनाई किसान की वो कहानी, जिसे सुनकर आप रो देंगे

उन्होंने कहा, इसलिए मैं सरकार को देशद्रोही कहता हूं.

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अविनाश जानू
25 अगस्त 2016 (Updated: 25 अगस्त 2016, 12:59 PM IST) कॉमेंट्स
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दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में इस बार के बोरकर मेमोरियल लेक्चर में पी. साईनाथ बोलने को आए हुए थे. साईनाथ अपनी रूरल रिपोर्टिंग और तथ्यों के आधार पर साफ-सीधी बात रखने के लिए जाने जाते हैं. किसानों के लिए उठाए गए सरकार के कदमों में उनके सुझावों का बड़ा योगदान रहा है. IIC में जो खरी-खरी उन्होंने सरकार और अथॉरिटी को सुनाई, उसको यहां प्वांइट्स में सुन लो- 1. हमें सच में भारत के विकास को परखना है, तो हमें उसके लिए बेहद अनरोमैन्टिक और अपने इमोशन्स छोड़ने होंगे. 2. मैंने अपनी ज़िन्दगी में बहुत से फ्रीडम फाइटर्स के इंटरव्यू किये, ऐसे ही एक फ्रीडम फाइटर नाना पाटिल का इंटरव्यू हाल ही में मैंने किया. उनका कहना था कि हम अंग्रेजों की मनमानी के खिलाफ लड़े थे. सामाजिक बराबरी के लिए, जस्टिस के लिए. पर हम आज भी सोसाइटी में वो मुकाम नहीं पा पाए हैं. 3. भारत में सामाजिक असमानता को बढ़ाने में नरसिम्हा राव का भी बड़ा योगदान है, जो कहने को नौ भाषाएं बोलते थे. पर उन्हें पता नहीं होता था कि उन नौ भाषाओं में कहना क्या है. मुझे तो नरसिम्हा राव नर्सिंग होम जैसे लगते हैं. (दोनों ही जगह शांति छाई रहती है.) 4. भारत दुनिया में सबसे ज्यादा असमानता वाला देश है. इकोनॉमी ग्रोथ में तो हम दावा करते हैं तीसरा होने का पर मानव विकास और दूसरे इंडेक्स में 149वें नंबर पर रहते हैं. ये असमानता की हद है. 5. ऊना की घटना क्या है, ये है एक तरह का ब्रेकडाउन है सामाजिक व्यवस्था में. 6. हर साल बड़ी संख्या में सफाई कर्मचारी सेप्टिक टैंक में मारे जाते हैं क्योंकि उनकी पूरी सुरक्षा का इंतजाम नहीं होता. ऐसी घटनाओं को कोई कवरेज भी नहीं मिलता और इधर हम स्वच्छ भारत मिशन पर प्राउड फील करते हैं. ऐसे में बेजवाड़ा विल्सन को रैमन मैग्सेसे अवॉर्ड मिलना अच्छी बात है. 7. विल्सन कहते हैं आज भी देश में मैला ढोने वालों की संख्या 3 हजार से ज्यादा है. 2 हजार उनकी संख्या सरकार बताती है. और सरकार का ये भी कहना है कि अगर उनका रिहैबिलिटेशन किया जाए, तो हर इंसान पर 3 लाख रुपये का खर्च आएगा. ऐसे में 3 हजार लोगों को रिहैबिलिटेट करने में फिर भी 90 करोड़ का ही खर्च आएगा. ये रकम भी उस रकम से बहुत कम होगी जो विजय माल्या लेकर भाग गए हैं. मैं सोचता हूं कि सरकार ऐसे कदम तुरंत क्यों नहीं उठाती है. कम से कम जनता का पैसा जनता के काम तो आएगा. 8. हम सारी चीजों के लिए 2047 का इंतजार नहीं कर सकते, जो भी करना है, हमें आज ही करना होगा. वक्त आ गया है. 9. बीफ के रेट 60 फीसदी तक गिर गए हैं महाराष्ट्र में. ये एक तरह की क्राइसिस है. रेट गिरे हैं क्योंकि न अब कोई बीफ खरीद सकता है न ही बेच सकता है. इसमें सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है पिछड़े और गरीब हिंदू-मुसलमानों का. कोल्हापुर की चप्पल इंडस्ट्री तक बैठ गई. फिर भी सरकारी नीतियों के चलते देशी गायों की संख्या में 9 फीसदी की कमी आई है इसलिए मैं सरकार को देशद्रोही कहता हूं. 10. आज से 25 साल पहले किसी जगह प्राइवेट सोसाइटी टाइप चीजें नहीं हुआ करती थीं. ये सब 1993 से शुरू हुआ. 2003 में बड़ी मात्रा में ऐसी सोसाइटी दिखने लगीं. सारी जमीन हथियाकर कुछ लोग उसे प्राइवेटाइज करने में लगे हैं. 11. ऐसे अपार्टमेंट बनने लगे हैं जिनमें हर फ्लोर पर स्वीमिंग पूल होता है. मैं बात कर रहा हूं पुणे और मुंबई जैसे शहरों की. पर जब मैं ये स्वीमिंग पूल बनाने वाले उन मजदूरों से बात करता हूं तो पता चलता है कि वो वही किसान हैं जो कि अपनी खेती इसलिए छोड़कर चले आए क्योंकि उनके खेतों में पानी नहीं था और इससे उनकी खेती बर्बाद हो गई थी. और वही शहरों में आकर अमीरों के लिए स्वीमिंग पूल बना रहे हैं. 12. सरकार बस कमीशन बनाती है और बनाती जाती है जब तक कोई कमीशन उसके मन मुताबिक रिपोर्ट बनाकर दे. 13. अंतिम में पी. साईंनाथ ने विक्टर ह्यूगो के इस कोट के साथ अपनी बात खत्म की, एक आइडिया जिसका वक्त आ गया हो उससे ज्यादा ताकतवर इस दुनिया में कोई भी चीज नहीं होती है.

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