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कोविशील्ड वैक्सीन से जिस दुर्लभ कंडीशन TTS की बात आई है, वो क्या है?

AstraZeneca ने माना है कि उसकी COVID-19 वैक्सीन दुर्लभ मामलों में थ्रोम्बोसिस विद थ्रोम्बोसायटोपीनिया सिन्ड्रोम यानी TTS की वजह बन सकती है. ये TTS क्या है? जानिए यहां.

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What is Thrombosis with Thrombocytopenia Syndrome?
एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन से दुर्लभ मामलों में थ्रोम्बोसिस विद थ्रोम्बोसायटोपीनिया सिन्ड्रोम की आशंका. (फोटो: आजतक)
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सुरभि गुप्ता
30 अप्रैल 2024 (Published: 12:05 AM IST) कॉमेंट्स
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ब्रिटिश फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने माना है कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन दुर्लभ मामलों में गंभीर और घातक दुष्प्रभाव का कारण बन सकती है. एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) की COVID-19 वैक्सीन दुनिया भर में Covishield और Vaxzevria के नाम से बेची गई. कंपनी ने जिस ‘दुर्लभ दुष्प्रभाव’ की बात मानी है, वो थ्रोम्बोसिस विद थ्रोम्बोसायटोपीनिया सिन्ड्रोम यानी TTS है. कंपनी ने ये बात अपने खिलाफ यूके की कोर्ट में दायर मामलों के तहत स्वीकारी है. इन मामलों में एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन से जुड़े गंभीर नुकसान और मौतों का आरोप लगाया गया है.

बता दें कि एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने मिलकर जिस कोरोना वैक्सीन का विकास किया, भारत में उसकी मैन्यूफैक्चरिंग सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने की. एस्ट्राजेनेका की यही कोविशील्ड वैक्सीन कोरोना महामारी के दौरान पूरे भारत में बड़े पैमाने पर लगाई गई है.

ये भी पढ़ें- चर्चित कोरोना वैक्सीन से गंभीर साइड इफेक्ट की पुष्टि, भारत में 'कोविशील्ड' नाम से लगी थी

Thrombosis with Thrombocytopenia Syndrome क्या है?

खून की नलियों में जब खून जम जाता है यानी ब्लट क्लॉटिंग होती है, तो उसे थ्रोम्बोसिस (Thrombosis) कहते हैं. वहीं थ्रोम्बोसायटोपीनिया (Thrombocytopenia) एक ऐसी कंडीशन है, जिसमें ब्लड में प्लेटलेट्स की संख्या बहुत कम (लो प्लेटलेट काउंट) हो जाती है. इस तरह TTS वो स्थिति है, जब ब्लड क्लॉटिंग और लो प्लेटलेट काउंट दोनों साथ हों. ये एक रेयर यानी दुर्लभ, लेकिन गंभीर कंडीशन है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, जिन मरीजों में गंभीर, लगातार या असामान्य सिरदर्द, धुंधली नजर, उल्टी के साथ या उसके बिना पेट में लगातार दर्द, अचानक सांस लेने में कठिनाई हो. इसके अलावा सीने में दर्द या अंगों में सूजन या दर्द हो, अगर वैक्सीनेशन के 3 से 30 दिनों के अंदर स्किन पर छोटे बैंगनी, लाल या भूरे धब्बे दिखें, तो ऐसे मरीजों में TTS की जांच करनी चाहिए.

ये भी पढ़ें- वैक्सीन से शरीर में ब्लड क्लॉटिंग कैसे हो जाती है?

पिछले साल अप्रैल 2023 में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एडिनोवायरस से तैयार की गई वैक्सीन से होने वाली दुर्लभ प्रतिकूल घटनाओं में TTS की जानकारी दी थी. WHO ने बताया था कि इन वैक्सीन में एस्ट्राजेनेका की COVID-19 ChAdOx-1 वैक्सीन और जॉनसन एंड जॉनसन (J&J) जैनसेन COVID-19 Ad26.COV2-S वैक्सीन शामिल हैं.

वीडियो: सेहत: कोविड-19 वैक्सीन का हार्ट अटैक से क्या कनेक्शन है?

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