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SSC Scam: पार्थ चटर्जी पर महिला ने फेंक दी चप्पल, बोली- सड़क पर घसीटना चाहिए

महिला ने कहा कि उसे और खुशी होती अगर चप्पल पार्थ चटर्जी के सिर पर लगती.

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Partha Chaterjee slipper
पार्थ चटर्जी और उन पर चप्पल फेंकने वाली महिला (फोटो- वीडियो स्क्रीनशॉट)
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साकेत आनंद
2 अगस्त 2022 (Updated: 2 अगस्त 2022, 06:45 PM IST) कॉमेंट्स
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पश्चिम बंगाल SSC घोटाले में गिरफ्तार पूर्व टीएमसी नेता पार्थ चटर्जी (Partha Chaterjee) पर एक महिला ने चप्पल फेंक दी. पार्थ चटर्जी 3 अगस्त तक प्रवर्तन निदेशालय (ED) की हिरासत में हैं. मंगलवार, 2 अगस्त को ED ऑफिस से उन्हें मेडिकल चेकअप के लिए कोलकाता के ECI अस्पताल लाया गया था. यहीं पर एक महिला ने पार्थ चटर्जी पर चप्पल फेंक दी. जब चटर्जी को लाया गया, उसी वक्त अस्पताल के बाहर कई लोग "चोर-चोर" के नारे भी लगा रहे थे.

सड़कों पर घसीटना चाहिए- महिला

चप्पल फेंकने के बाद महिला ने मीडिया को बताया कि ऐसे नेता लोगों के पैसे को लूट रहे हैं. उसने कहा, 

"मैं उस पर चप्पल फेंकने ही आई थी. उसने गरीब लोगों का पैसा लूटा है. मुझे और खुशी होती अगर चप्पल उसके सिर पर लगता. उसने फ्लैट और एसी कार खरीदने के लिए गरीबों को लूटा है. उसे बांध कर सड़कों पर घसीटना चाहिए. मैं बिना चप्पल के ही घर जाऊंगी."

चप्पल फेंकने को लेकर महिला के खिलाफ कोई कार्रवाई हुई या नहीं, खबर लिखे जाने तक इसकी जानकारी सामने नहीं आई. 

पार्थ चटर्जी के साथ उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को भी अस्पताल लाया गया था. ED ने छापेमारी के दौरान अर्पिता मुखर्जी के घर से ही 50 करोड़ कैश बरामद किया था. इसके अलावा गोल्ड और कई डॉक्यूमेंट्स भी बरामद हुए थे. इस बीच अर्पिता मुखर्जी ने पत्रकारों को बताया, 

"जो पैसे मेरे घर से बरामद हुए हैं वो मेरे नहीं हैं. ये पैसे मेरी जानकारी के बिना रख दिए गए."

पार्थ चटर्जी की कोर्ट में होगी पेशी 

अर्पिता मुखर्जी ने इससे पहले ED को बताया था कि बरामद हुए पैसे पार्थ चटर्जी के हैं. SSC घोटाले में ED पार्थ चटर्जी और उनके सहयोगियों से लगातार पूछताछ कर रही है. पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी को 3 अगस्त को PMLA कोर्ट में पेश किया जाएगा. इन दोनों को ED ने 23 जुलाई को गिरफ्तार किया था. ED भर्ती घोटाले में पैसों के हेरफेर की जांच कर रही है.

इससे पहले 29 जुलाई को पार्थ चटर्जी ने भी मामले से पल्ला झाड़ते हुए कहा था कि वो एक साजिश का शिकार हुए हैं. ये घोटाला ग्रुप-सी और ग्रुप-डी के नॉन टीचिंग स्टाफ, क्लास 9-12 के टीचिंग स्टाफ और प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की अवैध भर्ती से जुड़ा हुआ है. जब ये घोटाला हुआ, तब पार्थ चटर्जी राज्य के शिक्षा मंत्री थे. ED की गिरफ्तारी के बाद ममता बनर्जी की सरकार ने पार्थ चटर्जी को मंत्री पद और पार्टी के सभी पदों से हटा दिया था.

नेतानगरी: भर्ती घोटाले के आरोपी पार्थ चटर्जी को ममता बनर्जी ने इतने दिनों तक क्यों बचाया?

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