सत्ता में बने रहने के लिए पुतिन ने चली है सबसे बड़ी चाल!
पुतिन जब पहली बार रूस की सत्ता में आए, तो हमारे यहां वाजपेयी थे PM.
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साल 1999 में जब रूस की सत्ता में पुतिन की एंट्री हुई थी, तब हमारे यहां वाजपेयी की सरकार थी. तब से अब तक दुनिया कितनी आगे बढ़ गई, मगर रूस में पुतिन जमे हुए हैं.
झटपट राष्ट्रपति इस दौर में रूस के राष्ट्रपति होते थे बोरिस येल्तसिन. ये रूस के लिए बहुत बुरा दौर था. देश के संसाधनों और पावर पर नियंत्रण रखने वाला समूह, जिन्हें रूस में ऑलिगार्क्स कहा जाता था, वो सत्ता के लिए नया चेहरा चाहिए था. ऐसे में येल्तसिन ने 1999 में पुतिन को प्रधानमंत्री बनाया. फिर साल का अंत होते-होते येल्तसिन ने इस्तीफ़ा दे दिया और पुतिन कार्यकारी राष्ट्रपति बनाए गए. मई 2000 में चुनाव हुआ और इसे जीतकर पुतिन बन गए फुल-फ्लेजेड राष्ट्रपति. पुतिन को सत्ता में वापस लाने के लिए क्या इंतज़ाम हुआ? तब रूस के राष्ट्रपति का कार्यकाल चार सालों का हुआ करता था. नियमों के मुताबिक, एक इंसान लगातार बस दो ही बार राष्ट्रपति बन सकता था. पुतिन बैक-टू-बैक दो बार राष्ट्रपति बने. साल 2008 में जब उनका दूसरा कार्यकाल पूरा हो गया, तो नियमों का पेच फंसा. लगातार तीसरी बार राष्ट्रपति नहीं बन सकते थे. ऐसे में पुतिन ने राष्ट्रपति का पद छोड़ा और बन गए प्रधानमंत्री. राष्ट्रपति बनाए गए पुतिन के भरोसेमंद दिमित्री मेदवेदेव. 2008 में ही मेदवेदेव एक नया कानून कानून लाए. इसके मुताबिक, राष्ट्रपति का कार्यकाल चार साल से बढ़ाकर छह साल कर दिया गया. इस कानून के साथ दिलचस्प बात ये थी कि ये अगले राष्ट्रपति के कार्यकाल से लागू होना था. इसका मतलब यही लगाया गया कि ये इंतजाम पुतिन के लिए किया गया है.BREAKING: Russian lawmakers approve sweeping constitutional reform that lets President Vladimir Putin stay in power after 2024 https://t.co/MtH09ngo6M
— The Associated Press (@AP) March 11, 2020
और कैसी-कैसी जुगाड़बाज़ियां हुईं? जैसा सोचा था, वैसा ही हुआ. 2012 में पुतिन फिर से राष्ट्रपति बन गए. कार्यकाल चार साल से बढ़ाकर छह साल किए जाने से हुआ ये कि तीन कार्यकाल बराबर साल पुतिन को दो ही कार्यकाल में मिल गए. यानी, 12 साल. पुतिन की इस पारी का पहला कार्यकाल 2018 में पूरा हुआ. 18 मार्च, 2018 को रूस में अगला राष्ट्रपति चुने जाने के लिए चुनाव हुए. इलेक्शन बस नाम के थे. क्योंकि चुनाव से पहले ही दुनिया को मालूम था कि पुतिन जीतने वाले हैं. रूस में चुनावों की निष्पक्षता पर लगातार संशय रहा है. 2018 का चुनाव भी ऐसा ही रहा. कहने को पुतिन मिलाकर कुल आठ उम्मीदवार थे मैदान में. मगर बाकी सातों के बारे में कहा जा रहा था कि उन्हें बस दिखावे के लिए खड़ा किया गया है. ताकि चुनाव को लोकतांत्रिक और निष्पक्ष दिखाया जा सके. पुतिन कह सकें कि वो जनता के हाथों चुनकर आए हैं. वो भी 76.7 फीसद वोटों के साथ. कहते कुछ हैं, करते कुछ हैं पुतिन का मौजूदा कार्यकाल 2024 में ख़त्म होगा. अतीत के हिसाब से सोचें तो 2024 में एक विकल्प ये था कि पुतिन फिर से प्रधानमंत्री बनकर ब्रेक लें और PM के चार साल बिताकर वापस राष्ट्रपति बन जाएं. हालांकि 2018 में जब एक पत्रकार ने पुतिन से पूछा था कि क्या वो आगे भी राष्ट्रपति बनेंगे, तो पुतिन ने इस संभावना को खारिज़ करते हुए कहा था कि क्या वो 100 बरस तक इस पद पर बैठे रहेंगे?Russian President Vladimir Putin opened the door to constitutional changes that would allow him to remain in power until 2036, but said he favored term limits once the country became politically ‘mature’ https://t.co/yKfaP7Eigu pic.twitter.com/x7hozQygF4
— Reuters (@Reuters) March 11, 2020
साल 2036 तक का इंतज़ाम मगर अब 2024 से आगे भी पुतिन को बनाए रखने का इंतज़ाम हो रहा है रूस में. संसद के निचले सदन, यानी स्टेट डुमा में एक संवैधानिक संशोधन का प्रस्ताव पास हुआ. इसपर मुहर लगने के लिए ज़रूरी है कि रूस की संवैधानिक अदालत और अप्रैल 2020 में इसे लेकर होने वाले जनमत संग्रह में भी ये पास हो जाए. जो कि पक्का ही लग रहा है. ऐसा हुआ तो 2024 में कार्यकाल पूरा हो जाने के बाद भी पुतिन को छह-छह साल के दो और कार्यकाल मिल जाएंगे. मतलब, 2024 प्लस 12, यानी 2036 तक राष्ट्रपति. पुतिन ने बताया था, KGB में बहुत तरक्की क्यों नहीं हुई? पुतिन की उम्र है 67 साल. वो 20 सालों से रूस की सत्ता में हैं. 2036 तक राष्ट्रपति बने रहना, मतलब 16 साल और. कुल मिलाकर 36 साल. 2036 में पुतिन की उम्र होगी 83 साल. तब भी वो सत्ता छोड़ेंगे कि नहीं, मालूम नहीं. लोग कह रहे हैं, पुतिन आजीवन राष्ट्रपति रहेंगे. अभी जो ये संशोधन का प्रस्ताव आया है, उसका समर्थन किया है पुतिन ने. ये कहकर कि वो देश के भले के लिए ऐसा कर रहे हैं. दुनिया के सारे तानाशाह सत्ता हथियाए रखने के पीछे यही वजह गिनाते आए हैं. वैसे इन्हीं पुतिन ने कभी कहा था कि KGB में रहते हुए उन्होंने कभी बहुत ऊपर उठने की चाहत नहीं रखी. इसलिए कि वो नहीं चाहते थे कि सेंट पीटर्सबर्ग के रहने वाले उनके बूढ़े माता-पिता और दो छोटी बेटियों को मॉस्को आकर बसना पड़े. पुतिन ने नताल्या निकिफोरोवा नाम की एक पत्रकार को दिए इंटरव्यू में कहा था-Just thinking about the elevator Putin portrait stunt last month. Russians can now look forward to 16 more years of swearing in disbelief. @MoscowTimes pic.twitter.com/xiud8qsz1a
— Alec Luhn (@ASLuhn) March 11, 2020
मेरे दो छोटे बच्चे और बूढ़े माता-पिता हैं. 80 साल से ऊपर है उनकी उम्र. हम सब साथ रहते हैं. मैं उनसे उनका घर और शहर कैसे छुड़वा सकता हूं? मैं उन्हें नहीं छोड़ सकता.लोग कहते हैं, वो पुतिन कोई और था.
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