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विवेक तिवारी मर्डर : इन सबूतों के गायब होने से जांच पर कितना असर पड़ेगा?

क्या प्रशांत चौधरी को बचाने के लिए सबूत गायब किए जा रहे हैं?

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पुलिस ने विवेक की पत्नी की भी एफआईआर दर्ज कर ली है. इस एफआईआर में कहा गया है कि विवेक को गोली प्रशांत ने ही मारी थी.
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अविनाश
8 अक्तूबर 2018 (Updated: 8 अक्तूबर 2018, 06:51 AM IST) कॉमेंट्स
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विवेक तिवारी हत्याकांड में भले ही आरोपी सिपाही प्रशांत और संदीप गिरफ्तार हो गए हैं, लेकिन मामले की जांच उलझती ही जा रही है. इसकी वजह है पुलिस जांच की वो खामियां, जो पहले दिन से ही मामले की लीपापोती में जुटी हैं.
# अब भी उलझा है गाड़ी का सवाल

विवेक की कार का एक्सीडेंट और बाद के वक्त की फोटो. पहली फोटो में बंपर और हेडलाइट्स सही सलामत हैं. दूसरी फोटो में बंपर और हेडलाइट्स गायब हैं.

विवेक तिवारी हत्याकांड की जांच के दायरे में जो सबसे बड़ी चीज है, वो है विवेक तिवारी की गाड़ी. पहले दिन फोटो आई कि विवेक तिवारी की गाड़ी मामूली टूटी है. फिर फोटो आई कि एक दिन के अंदर ही विवेक तिवारी की गाड़ी का बंपर और हेडलाइट पूरी तरह से टूटा हुआ है. अब यही गाड़ी का टूटा हुआ बंपर मामले की जांच में दिक्कत पैदा कर रहा है. फरेसिंक एक्सपर्ट्स के मुताबिक गाड़ी को सुरक्षित रखा जाना ज़रूरी था, लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं किया और गाड़ी का बंपर और हेडलाइट्स गायब हो गए. फरेंसिक एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगरर गाड़ी का बंपर और हेडलाइट्स मिल जाते तो ये पता चल जाता कि गाड़ी का एक्सिडेंट कैसे हुआ है. अगर हेडलाइट मिल जाती तो ये पता चल पाता कि जब गाड़ी पोल से टकराई है, उस वक्त गाड़ी के हेडलाइट्स जल रहे थे या फिर बुझे हुए थे. अगर जलते हुए लाइट्स के साथ गाड़ी टकराई होती, तो गाड़ी के बल्ब में लगे फिलामेंट्स से निकली गैस से वहां काले निशान पड़ गए होते. लेकिन हेडलाइट्स ही गायब हैं, तो इसका पता लगाना मुश्किल है.
# चार दिन बाद फरेंसिक को भेजी गई बंदूक
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक गोली ऊपर से मारी गई.
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक गोली ऊपर से मारी गई.

TOI में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक आरोपी सिपाहियों की पिस्टल और उनकी वर्दी को चार दिन के बाद फरेंसिक एक्सपर्ट को भेजा जा सका था. इन चार दिनों के दौरान उस पुलिसवाले की बंदूक से सबूत मिटाए जा सकते हैं.
प्रशांत के समर्थन में उतरे सिपाहियों पर ऐक्शन

काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन करने वालों पर सरकार ने ऐक्शन लिया है.

विवेक तिवारी की हत्या के मामले में जेल भेजे गए प्रशांत के पक्ष में सिपाहियों ने सोशल मीडिया पर पांच करोड़ रुपये का फंड जुटाने की अपील की थी. जब सरकार की ओर से सख्ती हुई तो पुलिसवालों ने ये मुहिम रोक दी, लेकिन पांच अक्टूबर को उन्होंने काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया. जब काली पट्टी बांधने वाले सिपाहियों पर ऐक्शन हुआ तो सिपाहियों ने अपना विरोध प्रदर्शन वापस ले लिया. पुलिस अधिकारियों की ओर से एटा के सिपाही सर्वेश को फेसबुक पर आपत्तिजनक वीडियो डालने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था. वहीं अराजपत्रित पुलिस वेलफेयर असोसिएशन के अध्यक्ष और पुलिस सेवा से बर्खास्त बृजेन्द्र सिंह और अविनाश पाठक को गिरफ्तार भी किया गया था. इसके अलावा लखनऊ के गाज़ीपुर थाने के दो सिपाहियों केशव दत्त पांडेय और मोहम्मद शादाब सिद्दीकी को निलंबित कर दिया गया है. इसके अलावा दरोगा रितेश और 11 पुलिसवालों को लाइनहाजिर किया गया है.
10 अक्टूबर को फिर करेंगे विरोध प्रदर्शन, पत्नी ने कहा विरोध मत करो
Rakhi letter

प्रशांत के समर्थन में उतरे पुलिसवालों ने 10 अक्टूबर को फिर से विरोध प्रदर्शन करने को कहा है. लेकिन इस बार सिपाही प्रशांत चौधरी की पत्नी राखी ने फेसबुक पर एक वीडियो डालकर विरोध प्रदर्शन से दूर रहने को कहा है.
Posted by Rakhi Chaudhary
on Sunday, 7 October 2018
इसके अलावा राखी मलिक ने फेसबुक पर एक लेटर लिखकर भी विरोध प्रदर्शन से दूर रहने को कहा है.


 

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