साक्षी की जीत पर सहवाग के ट्वीट कितनी 'शोभा' दे रहे हैं
त्योहार और जीत की खुशी में वीरेंद्र सहवाग ने आठ चांद लगा दिए.
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वीरेंद्र सहवाग ने कोच बनने की इच्छा नहीं, सेलेक्टर बनने की इच्छा जताई है. लगा जैसे वो सेलेक्टर्स के लिए कह रहे हों- इनका कुछ नहीं हो सकता.
आज का दिन गुलज़ार है. दो त्योहार इकट्ठे आ पड़े हैं. एक तो अपने मन से हर साल आता है. राखी वाला. एक त्योहार साक्षी मलिक लाई हैं. देश को खुशी से नाचने का मौका दिया है. इस ओलंपिक में पहला मेडल लाकर. इस मौके पर लल्लन भी दनादन कमेंट्री में आपके साथ था. लेकिन मैच के बाद जिन लोगों ने हंसने मुस्कराने का मौका दिया, उनमें सबसे ऊपर हैं वीरेंद्र सहवाग.
सहवाग को न जानने वालों से तो ये भी नहीं कह सकता कि पाकिस्तान चले जाओ. क्योंकि उनको वहां भी बच्चा बच्चा पहचानता होगा. हम बात करते हैं साक्षी की जीत और सहवाग के ट्वीट की. दोनों ने भरपूर मौज लगाई. और एथलीट्स का मजाक उड़ाने वालों को कसके सुलगाया भी. खुद पढ़ो और मौज लो. और देखो शेयर भी करना. काहे कि अकेले अकेले मुस्कियाना 'शोभा' नहीं देता.
1. ये वाला ट्वीट किसी और एकाउंट से किया गया था. इन्हीं के नाम वाले एकाउंट से. उसको रिट्वीट किया असली सहवाग ने.





