चाय वाले ने मोदी को लिखा खत, 'सुनवाई न हुई तो सुसाइड कर लूंगा'
PM मोदी को लिखा खत काम कर गया. अधिकारी फौरन एक्टिव हो गए.
Advertisement

फोटो - thelallantop
बनारस. पीएम मोदी का संसदीय इलाका. वहीं चाय बेचते हैं राजेंद्र. लेकिन कुछ लोग आए और उन्हें हटा दिया गया. वादा किया कि उन्हें अलग से जमीन का पट्टा दिया जाएगा. बनारस के फूलपुर के बिंदा गांव में रहने वाले राजेंद्र 15 साल से पट्टा दिए जाने के इंतजार में भटक रहे थे. बस फिर लिख दिया अपने सांसद, देश के पीएम और कभी चाय बेच चुके नरेंद्र मोदी को खत. कुछ खत काम कर जाते हैं. ये वाला खत राजेंद्र के लिए काम कर गया.
खत में राजेंद्र ने अपनी परेशानी बयान करते हुए मोदी को सब बता डाला. लिखा,
'मैं अधिकारियों के चक्कर लगाकर थक गया हूं. मुझे इस बात की इजाजत दी जाए कि लेखपाल और पूर्व प्रधान की हत्या कर सकूं. इन दोनों की हत्या करने के बाद मैं खुद को भी मार दूंगा.'राजेंद्र के इस खत से प्रशासन में हड़कंप मच गया. अधिकारी राजेंद्र को समझाने पहुंच गए. फूलपुर के एसओ हैं राजीव सिंह. खत लिखे जाने के बाद वह राजेंद्र के से मिलने पहुंचे और खुद उन्हें लेकर एसडीएम सुशील के पास पहुंचे. ये वही एसडीएम हैं. जिन्होंने कुछ दिन पहले जन चौपाल में राजेंद्र की बात नहीं सुनी. अब माहौल बदल चुका था. राजेंद्र की बात ही नहीं सुनी गई, बल्कि उन्हें जमीन का पट्टा दिए जाने का भरोसा दिलाया. एसडीएम ने कहा जांच जल्द पूरी होगी और जल्द ही पट्टे के लिए प्रस्ताव तैयार होगा. इस बातचीत के बाद राजेंद्र को उम्मीद जगी है जल्द ही उसको जमीन मिल जाएगी. राजेंद्र का कहना है कि लगता है मोदी जी, ने उसकी सुन ली. तभी तो पुलिस और प्रशासन हरकत में आया. क्या है मामला? राजेंद्र की करखियांव एग्रो पार्क के पास अपनी जमीन पर झुग्गी थी. वहां चाय बेचते थे. 2001 में पार्क के लिए उनकी जमीन, मकान, बांस की कोठी-बगीचे का अधिग्रहण कर लिया गया. ग्राम प्रधान ने एग्रो पार्क के पास उसे दूकान लगाने की जगह दी और वादा किया कि इस जमीन का पट्टा उसके नाम हो जाएगा. लेकिन ये वादा पूरा नहीं हुआ. जमीन का पट्टा अपने नाम न होने की वजह से वो दर-दर भटक रहा था.