The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • uttarkashi tunnel collapse res...

उत्तरकाशी सुरंग हादसा: 12 रैट माइनर्स ने 5 मीटर मलबा निकाल फेंका, कब तक बाहर आएंगे मजदूर?

उत्तरकाशी के सिल्क्यारा सुरंग हादसे के 16वें दिन भी बचावकार्य जारी है. ड्रिलिंग मशीनों के फेल होने के बाद यहां मैनुअल ड्रिलिंग की जा रही है. इसके साथ ही अंदर फंसे मजदूरों को बचाने के लिए वर्टिकल ड्रिलिंग का काम भी जारी है.

Advertisement
Horizontal and Vertical drilling going on simultaneously to save 41 workers in Uttarkashi Tunnel Collapse.
उत्तरकाशी के सिल्क्यारा सुरंग हादसे में होरिजॉन्टल के साथ वर्टिकल ड्रिलिंग का काम भी किया जा रहा है. (फोटो क्रेडिट - एएनआई)
pic
प्रज्ञा
28 नवंबर 2023 (Updated: 28 नवंबर 2023, 09:59 AM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

उत्तरकाशी के सिल्क्यारा सुरंग हादसे (Uttarkashi Tunnel Collapse Rescue) को 16 दिन होने को आए हैं. लेकिन अभी भी 41 मजदूर सुंरग के अंदर ही फंसे हैं. उन्हें बाहर निकालने के लिए लगातार ऑपरेशन जारी है. लेकिन सुरंग के मलबे के सामने ड्रिलिंग मशीनें फेल हो गई हैं.

इसके बाद 27 नवंबर से यहां मैनुअल ड्रिलिंग का काम शुरू किया गया है. इसे रैट होल ड्रिलिंग कहते हैं. इसे विशेषज्ञों की एक टीम कर रही है. बताया जा रहा है कि 12 रैट माइनर्स की टीम ने अब तक करीब 4 से 5 मीटर खुदाई की है. इसमें करीब 12 विशेषज्ञ शामिल हैं. समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, इस ऑपरेशन में जुटे माइक्रो टनलिंग के विशेषज्ञ क्रिस कूपर ने 28 नवंबर की सुबह बताया,

"कल रात बहुत अच्छा काम हुआ है. हमने 50 मीटर पार कर लिया है. अब केवल 5 से 6 मीटर की दूरी बाकी है. कल रात हमारे सामने कोई मुश्किल नहीं आई. ये बहुत सकारात्मक दिखाई दे रहा है."

ये भी पढ़ें:- रेस्क्यू ऑपरेशन जो दुनिया ने पहले ना देखे थे, 69 दिन बाद जिंदा निकले लोग

कब तक बाहर आएंगे मजदूर?

सुरंग से मलबा हटाने के लिए वर्टिकल ड्रिलिंग भी की जा रही है. इसके जरिए मजदूरों को सुरंग के ऊपर से रास्ता बनाकर बाहर निकाला जाएगा. वर्टिकल ड्रिलिंग का करीब 42 मीटर तक का काम हो चुका है. वर्टिकल ड्रिलिंग कुल 86 मीटर की गहराई तक की जानी है. उम्मीद की जा रही है कि ये 30 नवंबर तक पूरा हो जाएगा. तब इस 1 मीटर चोड़े शाफ्ट से सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों को बाहर निकाल लिया जाएगा.

मजदूरों को बाहर निकालने के लिए एक साथ दो तीन विकल्पों पर काम किया जा रहा है. भारतीय सेना भी इस बचाव ऑपरेशन में शामिल हो गई है. दरअसल, मलबे को ड्रिल कर रही 25 टन की ऑगर मशीन 25 नवंबर को टूट गई. इसके चलते ऑपरेशन का काम और बढ़ गया. बचावकर्मियों को ड्रिल की ब्लेड को काटकर निकालना पड़ा.

ये भी पढ़ें- उत्तरकाशी सुरंग हादसा: अधिकारी ने क्यों कहा कि ये ऑपरेशन तो एक युद्ध है?

ड्रिल मशीन की ब्लेड को काटने और निकालने के लिए 26 नवंबर को हैदराबाद से प्लाज्मा कटर लाया गया. इसके बाद फैसला लिया गया कि अब मलबे को हटाने के लिए मैनुअल ड्रिलिंग की जाएगी. मैनुअल यानी हाथ से किया जाने वाला काम. अब सुरंग के बाहर से विशेषज्ञों की टीम की देखरेख में मलबा हटाने की कोशिश की जा रही है.

वीडियो: उत्तरकाशी टनल रेस्कयू में ड्रिलिंग मशीन से नहीं बना काम, अब होगी मैनुअल ड्रिलिंग

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement