The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • Uttarakhand CM Tirath Singh Ra...

तीरथ सिंह रावत का उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा

3 जुलाई को देहरादून में बीजेपी विधायक दल की बैठक.

Advertisement
Img The Lallantop
उत्तराखंड सीएम तीरथ सिंह रावत. (तस्वीर: पीटीआई)
pic
आदित्य
2 जुलाई 2021 (Updated: 2 जुलाई 2021, 06:26 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
तीरथ सिंह रावत ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. शुक्रवार 2 जुलाई की देर रात तीरथ सिंह रावत उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मिलने राजभवन पहुंचे. वहां उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया. इससे पहले रावत ने चिट्ठी लिखकर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को इस्तीफे की पेशकश की थी. सूत्रों ने इंडिया टुडे/आजतक को बताया था कि इस फैसले के पीछे रावत ने उत्तराखंड में संवैधानिक संकट पैदा न होने देने का हवाला दिया था. खबर के मुताबिक़, चिट्ठी में तीरथ सिंह रावत ने कहा था,
'आर्टिकल 164 A के मुताबिक़, मुख्यमंत्री बनने के बाद मुझे 6 महीने में विधानसभा का सदस्य बनना था. लेकिन आर्टिकल 151 कहता है कि यदि विधानसभा चुनाव में एक साल से कम का वक्त बचता है तो वहां उपचुनाव नहीं कराए जा सकते हैं. इससे उत्तराखंड में संवैधानिक संकट न खड़ा हो, इसलिए मैं मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफ़ा देना चाहता हूं.'
इस्तीफे के कुछ देर बाद तीरथ सिंह रावत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसमें उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी में रोजगार पर असर पड़ा है. लेकिन उनकी सरकार ने हर क्षेत्र को हुई क्षति की भरपाई की कोशिश की है. रावत ने सीएम रहते हुए अपने काम गिनाए. लेकिन इस्तीफा देने के सवाल पर कोई भी जवाब दिए बगैर रावत कॉन्फ्रेंस से निकल. इस बीच, उत्तराखंड बीजेपी के मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह ने जानकारी दी कि 3 जुलाई को दोपहर 3 बजे प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक की अध्यक्षता में बीजेपी विधायक दल की बैठक पार्टी मुख्यालय में होगी. इस बैठक के लिए केंद्रीय नेतृत्व की तरफ से पर्यवेक्षकों के तौर पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर देहरादून जाएंगे. आर्टिकल 151 क्या कहता है? जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 151 (A) के तहत अगर कोई विधानसभा या लोकसभा सीट खाली हो जाती है तो चुनाव आयोग को उस पर 6 महीने के भीतर उपचुनाव कराने होंगे. लेकिन अगर चुनाव में एक साल या उससे कम वक्त है तो उपचुनाव नहीं होंगे. यानी अगर ऐसा मान लें कि 1 जनवरी को कोई सीट खाली हुई है तो 30 जून तक इस सीट पर उपचुनाव हो जाना चाहिए. लेकिन अगर नवंबर या दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं तो उपचुनाव नहीं कराए जाएंगे. PIB की एक रिपोर्ट के मुताबिक,
'जनप्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 151ए के तहत निर्वाचन आयोग संसद के दोनों सदनों और राज्‍यों के विधायी सदनों में सीटों को उनके रिक्त होने की तिथि से 6 माह के भीतर भरने के लिए उपचुनाव करा सकता है. बशर्तें किसी रिक्ति से जुड़े सदस्‍य का शेष कार्यकाल एक वर्ष अथवा उससे अधिक हो.'
इस आर्टिकल को समझने के लिए हमने पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी से बात की थी. उन्होंने बताया था-
“ये सही है कि नियम के मुताबिक अगर चुनावों में एक साल से कम का वक्त है तो उपचुनाव नहीं कराए जाते. लेकिन यदि मुख्यमंत्री चुनने के लिए उपचुनाव हो रहा है तो ये उपचुनाव जरूर होंगे. सामान्य परिस्थितियों में नहीं, लेकिन यदि सीएम को चुना जाना है तो उपचुनाव होंगे.”
कौन हैं तीरथ सिंह रावत? तीरथ सिंह रावत, 2019 में गढ़वाल सीट से भाजपा के सांसद बने थे. उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ बढ़ रहे असंतोष के कारण भाजपा हाईकमान ने तीरथ सिंह रावत को सीएम बनाने का फैसला किया था. 10 मार्च 2021 को उन्होंने सीएम पद की पथ ली थी. लेकिन मौजूदा वक्त में तीरथ सिंह रावत उत्तराखंड विधानसभा के सदस्य नहीं हैं. उन्हें शपथ ग्रहण के छह महीने के भीतर यानी 10 सितंबर तक विधायक बनना होगा. लेकिन उससे पहले ही उन्होंने इस्तीफे की पेशकश कर दी. बता दें कि उत्तराखंड में साल 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं.

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement