BJP नेता से स्कूल ड्रेस ना लेने पर स्कूल टीचर की नौकरी चली गयी!
और बच्चे टीचर को वापिस बुलाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं.
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अपने स्कूल के बच्चों के साथ अवधेश झा और उनका सस्पेंशन लेटर.
फखरपुर ब्लॉक की सरसठ बिटौरा में सरकारी प्राथमिक विद्यालय है. यहां अवधेश कुमार झा 18 नवम्बर 2015 से पढ़ा रहे हैं. प्रभारी प्रधानाध्यापक हैं. बनारस के रहने वाले हैं. उन्हें इस महीने 5 अक्टूबर को बहराइच के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने निलंबित कर दिया. निलंबन के आदेश में लिखा गया कि ड्रेस की खरीद में विभागीय मानकों का ध्यान नहीं रखा गया है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि मिड डे मील भी मानकों के अनुसार नहीं बनता है, और जो अध्यापक गैरमौजूद रहते हैं, उनसे भोजन चखवाने के रजिस्टर पर हस्ताक्षर करवाए जाते हैं.

निलंबन के आदेश में ये भी कहा गया है कि वे शिक्षण कार्य में रुचि नहीं लेते हैं. अपने उच्चाधिकारियों द्वारा दिए गए आदेशों का पालन नहीं करना, और विभाग द्वारा दिए गए आदेशों का पालन न करना भी निलंबन के कारणों के तौर पर शुमार हैं.
लेकिन निलंबित कर दिए गए शिक्षक अवधेश कुमार झा बताते हैं कि ये जो कारण गिनाए गए हैं, वे बस दिखाए जाने वाले कारण हैं. उन्होंने कहा कि उनके स्कूल में बहुत गरीब घरों के बच्चे पढ़ते हैं. स्कूल के बच्चों के कपड़ों की खरीददारी को लेकर पूरा मामला है. उन्होंने बताया,
"जिन कारणों से मुझे निलंबित किया गया है, वे असल कारण नहीं हैं. बच्चों की खराब ड्रेस खरीदी जा रही थी. कमीशन पाने के लिए ऐसा किया जा रहा था. मैंने मना कर दिया. पिछले साल से मैंने अच्छी जगह से बच्चों की ड्रेस सिलवाई. इस साल भी. और जहां से बच्चों की खराब ड्रेस खरीदी जा रही थी, वहां के लोगों की तरफ से दबाव डाला गया. तो मुझे निलंबित कर दिया गया."

उन्होंने आगे कहा,
"बच्चों के लिए पहले जो कपड़े आते थे, वो 3-4 दिनों के भीतर फटने लगते थे. बच्चे ऐसे कि नए कपड़े पाकर खुश होते थे. हर जगह वही कपड़े पहनते थे. इस हिसाब से कपड़े बनने चाहिए थे. लेकिन 3-4 दिनों के भीतर कपड़े फट जाते थे तो बच्चे अपने पापा की निकर पहनकर आते थे. चूंकि बच्चे बेहद गरीब घरों से ताल्लुक रखते थे, इस वजह से वे दुबारा ड्रेस खरीद नहीं सकते थे. पिछले साल मैंने ड्रेस खरीदने की जगह बदल दी. बातचीत हुई, और बच्चों का नाप लिया गया और कपड़े आए. कपड़े बेहद मजबूत और टिकाऊ. एक साल तक चले. तो इस साल भी मैंने यही किया. और कुछ दिनों पहले मुझे निलंबित कर दिया गया."बहुत पूछने पर भी अवधेश कुमार झा ने दबाव डालने वाले पक्ष का नाम नहीं लिया. लेकिन स्थानीय सूत्र बताते हैं कि ये पूरा मामला महसी के विधायक सुरेश्वर सिंह से जुड़ा हुआ है. सुरेश्वर सिंह भाजपा नेता हैं और 2017 के विधानसभा में विधायक चुने गए थे.
सूत्र बताते हैं कि सुरेश्वर सिंह के करीबी डीपी अवस्थी और गुड्डू सिंह की फर्म ओमकार गुप्ता एंड सप्लायर्स ने विधानसभा के अधीन आने वाले कई विद्यालयों में बच्चों के ड्रेस के वितरण का जिम्मा ले रखा है. बहराइच जिले के कुछ शिक्षकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया है,
"चूंकि इन लोगों का राजनीतिक रसूख है, इस वजह से बेसिक शिक्षा विभाग दबाव में रहता था. सभी प्रधानाचार्यों को ये मौखिक तौर पर ये आदेश दिया गया था कि उनके स्कूल के बच्चों के कपड़े ओमकार गुप्ता एंड सप्लायर्स के यहां से खरीदे जाएं. हरेक बच्चे पर 60 रूपए का कमीशन प्रिंसिपल को दिया जाता था. और यहां से कपड़े न खरीदने पर धमकाया जाता था कि निलंबित करवा दिया जाएगा."अवधेश कुमार झा के निलंबन के बाद से स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है. प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि अवधेश कुमार झा को वापिस बुलाया जाए. स्थानीय ग्रामीण स्कूल पहुंचे और स्कूल पर तालेबंदी कर दी. इस भीड़ में यहां पढने वाले बच्चे भी शामिल थे. तो कई बच्चों के अभिभावक भी शामिल थे.

स्कूल में प्रदर्शन करते अभिभावक और छात्र
लोगों का कहना है कि अवधेश कुमार झा, जो इतने ज्यादा सक्रिय और लोकप्रिय हैं, को निलंबित किया जाना कहीं से समझ में आने वाला फैसला नहीं है. सरसठ बिटौरा गांव के प्रधान रोमी चंद मेहरोत्रा ने कहा,
"हमारे गांव के लोगों की मांग है कि अवधेश झा का निलंबन वापिस लिया जाए. उन्होंने प्राइमरी स्कूल के लिए बहुत किया. एक तरह से स्कूल का कायाकल्प कर दिया. गांव के लोग ही नहीं, स्कूल के बच्चे भी उन्हें बहुत प्यार करते हैं. उन्हें निलंबित करने के लिए जो कारण गिनाए गए हैं, वे एकदम बेबुनियाद हैं. वे बहुत ईमानदारी से अपना काम करते थे."मेहरोत्रा ने आगे कहा,
"जैसा सुनने में आ रहा है, ड्रेस की खरीददारी से जुड़ा मामला लग रहा है. ऐसे समझ लीजिये कि उन्होंने बच्चों को बेहतर स्कूल ड्रेस दिलाई, जिसके बाद वे सस्पेंड हो गए."बच्चों ने स्कूल में जुटकर नारा लगाया है. "अवधेश झा जिंदाबाद" और "अवधेश सर को वापिस लाओ". आजतक से बातचीत में स्कूल की छात्रा रुचि यादव रोने लगती हैं. कहती हैं,
"अवधेश सर जब तक यहां थे, बहुत अच्छा खाना बनवाते थे. सबका ख़याल रखते थे. किसी को ज़रुरत होती थी तो दवा-पानी भी करते थे. अवधेश सर की जगह कोई और आएगा तो हमको मंज़ूर नहीं है."

रुचि यादव
वहीं स्कूल के दूसरे छात्र सुमित सिंह कहते हैं हैं कि हमें चाहिए तो अवधेश सर चाहिए, और कोई सर नहीं चाहिए. और आगे कहा,
"अवधेश सर सबकुछ करते थे, यहां तक कि अपने हाथ से लैट्रिन साफ़ कराते थे. अगर अवधेश सर वापिस नहीं आए तो हम लोग स्कूल छोड़ देंगे."इस बारे में हमने बेसिक शिक्षा अधिकारी श्याम किशोर तिवारी से बात की. उन्होंने स्वीकार किया कि अवधेश कुमार झा का कई कारणों से निलंबन किया गया. उन्होंने कहा कि अवधेश ने अनुपस्थित शिक्षकों की भी उपस्थिति दर्ज की, ये उनके निलंबन की प्रमुख वजह थी. ड्रेस कोड के मानकों की बात करने पर श्याम किशोर तिवारी ने कहा कि वे अगले दिन बात करेंगे.
लेकिन बहुत सारे लोग ये बात मानने को तैयार नहीं हैं. स्कूल प्रबंधन कमिटी के अध्यक्ष लालबहादुर सिंह ने बताया,
"स्कूल की हालत बहुत खराब थी. अवधेश झा आए तो उन्होंने स्कूल का कायाकल्प कर दिया. सब जात-पात से अलग उठकर. सबका ध्यान दिया. बढ़िया खाना खिलाते थे. सब काम नंबर एक का. लेकिन उनको पता नहीं क्यों हटा दिया गया?"लालबहादुर सिंह ने कहा कि उन्होंने बेसिक शिक्षा अधिकारी से बात भी की थी, उन्होंने भी कहा कि बहुत बढ़िया टीचर हैं. "लेकिन उनकी बातचीत से लगा कि वो किसी दबाव में थे."
स्कूल के एक अन्य शिक्षक ने कहा कि जब पिछले साल अवधेश झा ने दूसरी जगह से कपड़ों की खरीददारी की थी, तो उन्हें विधायक के करीबी लोगों की ओर से धमकी दी गयी थी कि उन्हें सस्पेंड करवा दिया जाएगा. उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया. इस बार भी दूसरी जगह से कपड़ों की खरीद की, तो लोगों ने गुस्साकर उन्हें निलंबित करा दिया.

भाजपा विधायक सुरेश्वर सिंह
इसके बाद हमने मामले का दूसरा पक्ष जानने के लिए भाजपा विधायक सुरेश्वर सिंह से बात की. उन्होंने कहा कि डीपी अवस्थी और गुड्डू सिंह को वे जानते हैं, क्योंकि दोनों ही भाजपा के मंडल अध्यक्ष हैं. उन्होंने कहा,
"अवधेश झा ने काम में गड़बड़ी की थी, इस वजह से उन्हें नौकरी से हटा दिया गया. इसके अलावा मिड डे मील में भी उन्होंने गड़बड़ी की थी. कपड़ा खरीदने के मानकों का उल्लंघन किया है. जुलाई में बच्चों को ड्रेस दी जानी चाहिए, अवधेश झा ने अपने स्कूल में अक्टूबर में ड्रेस का वितरण किया था."सुरेश्वर सिंह ने कहा कि कपड़ा खरीद के आरोपों से उनका कोई लेनादेना नहीं है, लेकिन कहा,
"मंडल अध्यक्ष डीपी अवस्थी और गुड्डू सिंह ने विद्यालय का मुआयना किया था, जिसके बाद उन्होंने शिकायत की. उनकी शिकायत के बाद अवधेश झा को निलंबित कर दिया गया."ध्यान रहे कि डीपी अवस्थी और गुड्डू सिंह दोनों ही भाजपा के कार्यकर्ता हैं. दोनों ही किसी सरकारी पद पर कार्यरत नहीं हैं, लेकिन सुरेश्वर सिंह ने कहा कि इन दोनों ने स्कूल का मुआयना किया. पूछने पर कि क्या पार्टी का कार्यकर्ता ऐसा कर सकता है? महसी विधायक ने कहा, "और कौन करेगा?"
कुल मिलाकर MLA सुरेश्वर सिंह ने अपनी संलिप्तता से साफ़ इंकार कर दिया. मीडिया में मामला धीरे-धीरे तूल पकड़ रहा है, जिसके बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी श्याम किशोर तिवारी ने कहा कि हम सभी तथ्यों की जांच करेंगे, उसके बाद ही किसी फाइनल निर्णय पर पहुंच सकते हैं. उन्होंने ये भी कहा कि उन्होंने अधिकारियों की संस्तुतियों पर कार्रवाई की है. अभिभावकों की बातें सुनकर और तमाम तथ्यों की पड़ताल करने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.
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