यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन यानी UPSC. हिंदी में इसे संघ लोक सेवा आयोग कहा जाता है. यह सरकारी नौकरियों के लिए परीक्षाएं कराता है. अब इसने परीक्षाओं में छात्रों के समान नंबर आने के बाद रैंक तय करने पर बड़ा फैसला किया है. अक्सर समान अंक आने पर रैंक को लेकर काफी कंफ्यूजन रहती है. इसे दूर करने के लिए UPSC ने नया फॉर्मूला बनाया है. ये फॉर्मूला 28 अगस्त, 2019 के बाद से हो चुकी और होने वाली सभी परीक्षाओं पर लागू होगा. अभी तक कुल नंबर के वेटेज के आधार पर रैंकिंग का फैसला होता रहा है.
क्या है बदलाव
सामान्य परीक्षाओं, जैसे सिविल सर्विसेज यानी IAS, IPS की परीक्षा में वरीयता का पहला पैमाना अनिवार्य पेपर और प्रारंभिक परीक्षा (PT) के कुल नंबर होंगे. अगर इसमें भी दो प्रतियोगी बराबर रहते हैं, तो उम्र के आधार पर फैसला किया जाएगा. जिसकी उम्र ज्यादा होगी, उसे पहले रैंक मिलेगी.
विशेषज्ञता से जुड़ी परीक्षाओं, जैसे सीडीएस, एनडीए और कम्बाइंड मेडिकल में उम्र के आधार पर रैंक तय होगी.
परीक्षावार ऐसा है रैंक तय करने का फॉर्मूलापरीक्षा-सिविल सर्विस और फॉरेस्ट सर्विस
रैंक का पैमाना: पहला- कंपलसरी पेपर्स और प्रारंभिक परीक्षा (PT) में प्राप्त नंबर.
दूसरा- उम्र
परीक्षा- कम्बाइंड मेडिकल सर्विस
रैंक का पैमाना: पहला- उम्र
2. इंटर्नशिप पूरा करने की तारीख/साल
परीक्षा- कम्बाइंड डिफेंस सर्विसेज, नेशनल डिफेंस एकेडमी, सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेज
रैंक का पैमाना: जिसकी उम्र ज्यादा होगी उसे वरीयता मिलेगी.
परीक्षा- इंजीनियरिंग सर्विस एग्जामिनेशन
रैंक का पैमाना: पहला- पहले चुने गए विषय या टेक्निकल पेपर्स और प्रारंभिक परीक्षा (PT) में प्राप्त नंबर.
दूसरा- उम्र
परीक्षा- इंडियन स्टेटिस्टिकल सर्विस, इंडियन इकनॉमिक सर्विस, कम्बाइंड जियो साइंटिस्ट एंड जियोलॉजिस्ट
रैंक का पैमाना: पहला- विषयों से जुड़े पेपर और प्रारंभिक परीक्षा (PT) में प्राप्त नंबर.
दूसरा- उम्र
परीक्षा- स्टेनोग्राफर (एलडीसी)
रैंक का पैमाना: जिसकी उम्र ज्यादा होगी उसे वरीयता मिलेगी.
इंटरव्यू के आधार पर सीधे भर्ती होने पर पहले आयु के आधार पर वरीयता होगी. आयु समान रहने पर, जिसने सबसे पहले डिग्री हासिल की होगी, उसे वरीयता मिलेगी. विस्तार से नियमों को यहां पर देख सकते हैं.Video: दिल्ली हिंसा: सीबीएसई ने 26 फरवरी को दिल्ली के 86 सेंटर्स पर होने वाली परीक्षा रद्द की