खाने की शिकायत का वीडियो वायरल हुआ था, यूपी पुलिस के कॉन्सटेबल का ट्रांसफर 600 KM दूर हो गया
कॉन्सटेबल ने कहा कि उसके बूढ़े मां-बाप का इलाज चल रहा है और अब इतनी दूर रहकर उनका ध्यान रखना बहुत मुश्किल होगा.

बीते 10 अगस्त को उत्तर प्रदेश में फिरोजाबाद पुलिस (Firozabad Police) के एक कॉन्सटेबल का वीडियो वायरल हुआ था. कॉन्स्टेबल मनोज कुमार (Constable Manoj Kumar) ने मेस में खराब खाना दिए जाने का आरोप लगाया था. अब कॉन्स्टेबल मनोज कुमार का ट्रांसफर फिरोजाबाद से गाजीपुर कर दिया गया है. कॉन्स्टेबल मनोज का गृह जनपद अलीगढ़ है. मनोज का ट्रांसफर अब वाराणसी जोन में आने वाले गाजीपुर कर दिया गया है.
इस ट्रांसफर ऑर्डर पर मनोज कुमार का बयान भी आया है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक कुमार ने कहा,
कॉन्स्टेबल मनोज कुमार ने की थी शिकायत"मेरे परिवार में छह लोग हैं. दो छोटे भाइयों और एक बहन सहित. बहन की शादी नहीं हुई है. मेरे माता-पिता बूढ़े हैं और उनका इलाज चल रहा है. 600 किलोमीटर दूर रहकर उनकी देखभाल करना मेरे लिए बहुत मुश्किल होगा. मैं अपने परिवार में अकेला कमाने वाला सदस्य हूं."
10 अगस्त को वायरल वीडियो में कॉन्स्टेबल मनोज कुमार खाने की थाली लेकर पुलिस मुख्यालय के गेट पर खड़े नजर आ रहे थे. वो पुलिस मुख्यालय के गेट के बाहर मीडियाकर्मियों के सामने खाने की शिकायत करते-करते मनोज रोने लगे. उन्होंने कहा कि उन पर दबाव बनाया जा रहा है. मनोज ने कहा,
“इस विभाग में कोई सुनने वाला नहीं है. अगर कप्तान साहब पहले सुन लिए होते तो उन्हें यहां आने की जरूरत नहीं पड़ती. कप्तान साहब निकलकर आए तो मैंने उनसे कहा कि आप इसमें से 5 रोटी खा लीजिए. कम से कम पता तो चले कि आपके सिपाही 12 घंटे ड्यूटी करने के बाद ए रोटियां खा रहे हैं. मैं आपसे बस पूछना चाहता हूं कि क्या आपके बेटे-बेटियां ए रोटी खा सकेंगे. कोई सुनने वाला नहीं है, मैं सुबह से भूखा हूं.”
मनोज ने आगे कहा था,
"किससे कहूं, यहां मेरे मां-बाप थोड़ी हैं. मेस मैनेजर के द्वारा धमकी दी जा रही है कि अगर थाली को लोगों के बीच लेकर गया तो तुम्हें बर्खास्त करके छोड़ेंगे. आप बताइए कि मेरे साथ ज्यादती हो रही है या नहीं. डीजीपी महोदय को फोन किया तो उनके पीएसओ ने कहा कि फोन काट दो नहीं तो बर्खास्त करके घर भेज दिया जाएगा. एडीजी को फोन किया लेकिन उन्होंने उठाया नहीं."
कॉन्स्टेबल मनोज ने लोगों से कहा कि आप ही बताइए किसके-किसके पास शिकायत करने जाएं अगर अधिकारी सुनने को तैयार नहीं हैं. उन्होंने कहा कि सिपाही आए दिन आत्महत्या कर लेते हैं, कोई सुनने वाला नहीं है. मनोज कहते हैं कि उनकी जिंदगी की कोई अहमियत नहीं है.
बता दे कि इससे पहले भी मनोज ने मेस के खाने का खुद से वीडियो बनाया था. इसमें वे कह रहे हैं कि यहां पर यही सिस्टम चलता है, कच्ची रोटियां खा-खाकर पुलिस परेशान है. वे कहते हैं कि इसको लेकर उन्होंने शिकायत दर्ज करवाई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
पुलिस ने कही थी जांच की बातवीडियो वायरल होने के बाद फिरोजाबाद पुलिस ने कहा था कि पुलिस लाइन के क्षेत्राधिकारी को जांचकर कार्रवाई करने को कहा गया है. फिर बाद में एक ट्वीट में फिरोजबाद पुलिस ने लिखा,
"मेस के खाने की गुणवत्ता से संबंधित शिकायती ट्वीट प्रकरण में खाने की गुणवत्ता संबंधी जांच सीओ सिटी कर रहे हैं. उल्लेखनीय है कि शिकायतकर्ता कॉन्स्टेबल को आदतन अनुशासनहीनता, गैरहाजिरी और लापरवाही के मामलों में पिछले सालों में 15 बार सजा दी गई है."
वीडियो वायरल होने के बाद विपक्षी पार्टियों ने इस मुद्दे को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना भी साधा था.
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