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यूपी में शिक्षक भर्ती के लिए सरकार का बड़ा फैसला, उम्मीदवारों की कई दिक्कतें दूर हो सकती हैं

उत्तर प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती के लिए जल्द ही नया आयोग गठित होगा. यूपी कैबिनेट की बैठक में शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन को मंज़ूरी दे दी गई. ये आयोग राज्य में बेसिक, माध्यमिक, उच्च और तकनीकी कॉलेजों में शिक्षकों का चयन करेगा.

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Yogi Adityanath
योगी आदित्यनाथ.
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रणवीर सिंह
1 अगस्त 2023 (Updated: 1 अगस्त 2023, 18:12 IST)
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उत्तर प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती के लिए जल्द ही नया आयोग गठित होगा. यूपी कैबिनेट की बैठक में शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन को मंज़ूरी दे दी गई. ये आयोग राज्य में बेसिक, माध्यमिक, उच्च और तकनीकी कॉलेजों में शिक्षकों का चयन करेगा. सरकार की मंशा है कि ये आयोग एक स्वायत्त संस्था रह कर पारदर्शी तरीक़े से शिक्षकों की भर्ती का काम करेगा. इस आयोग में एक अध्यक्ष और 12 सदस्य बनाए जाएंगे और इसका मुख्यालय प्रयागराज में बनाया जाएगा.

यूपी कैबिनेट में शिक्षा सेवा चयन आयोग बनाने को लेकर 1 अगस्त को प्रस्ताव पेश किया गया जिसको कैबिनेट ने मंज़ूरी दे दी. सरकार ने कहा है कि इस आयोग से शिक्षकों की भर्ती में पारदर्शिता, समयबद्धता और प्रमाणिकता आएगी. ये नया आयोग यूपी शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) भी आयोजित करेगा. वर्तमान में अलग-अलग प्राधिकरण, बोर्ड और आयोग इन शिक्षकों का चयन करते हैं.

इस फैसले के बाद शिक्षकों की भर्ती के लिए यूपी में अलग-अलग आयोग और बोर्ड की जगह एक ही आयोग सभी परीक्षाएं कराएगा. यूपी सरकार का कहना है कि उसका स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा, मदरसा शिक्षा के लिए एक ही आयोग रखने का लक्ष्य रखा है, जो कि इन सभी के लिए विभिन्न भर्तियों के साथ-साथ अनिवार्य पात्रता परीक्षाओं का भी आयोजन करे. कहा जा रहा है कि इस आयोग से शिक्षक भर्ती में तेज़ी आ सकती है और विवादों से भी बचा जा सकता है.

शिक्षा सेवा चयन आयोग बनने से छात्रों को कई फायदे हो सकते हैं. पहला फ़ायदा ये कि अलग-अलग परीक्षाओं की तारीखों में टकराव नहीं आएगा. साथ ही अलग-अलग वेबसाइट पर अप्लाई करने और अपडेट जानने जैसी दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा. छात्रों को आयोग की वेबसाइट से ही वैकेंसी, सिलेबस, परीक्षा की जानकारी और परिणाम आसानी से पता चल सकेंगे. यानी शिक्षा से जुड़ी भर्तियों का एक सिंगल विंडो सिस्टम इस आयोग के ज़रिए स्थापित करने की कोशिश की जा रही है.

अवध विश्वविद्यालय के कुलपति रह चुके प्रोफेसर मनोज दीक्षित ने शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन पर कहा कि ये एक अच्छा फ़ैसला है. उन्होंने कहा कि ये बहुत बड़ा प्रयोग है, लेकिन ये असल में फायदेमंद होगा या नहीं, ये जब आयोग नियुक्तियां होंगी तभी कहा जा सकता है. उन्होंने कहा कि सरकार की नीयत अच्छी है, लेकिन जब समयबद्ध और पारदर्शी तरीक़े से ये आयोग शिक्षकों का चयन करेगा, तब इसका उद्देश्य सही समझा जाएगा.

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