25 जनवरी 2016 (Updated: 26 जनवरी 2016, 02:15 AM IST) कॉमेंट्स
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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अरुणाचल प्रदेश में प्रेसिडेंट रूल लगाने की सिफारिश की है. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट की एक मीटिंग हुई संडे को, और डिसीजन ये लिया गया कि अरुणाचल प्रदेश में प्रेसिडेंट रूल लगना चाहिए. अब अगर इस सिफारिश पर राष्ट्रपति की हां हो जाए तो अरुणाचल में प्रेसिडेंट रूल लग जाएगा.
अरुणाचल प्रदेश में हो रहे बवाल के पीछे किस्सा कुछ ऐसा है कि वहां के विधानसभा में सीटें हैं कुल 60. जिसमें 42 कांग्रेस ने जीतीं थीं. निर्दलीयों को 5 मिलीं और भाजपा को 11. लेकिन कांग्रेस में हो गई उठा-पटक उनके लोग भाजपा से मिल गए. सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ले आए जिसमें सरकार हार गई. विधानसभा अध्यक्ष ने 14 कांग्रेसी विधायकों को योग्य ठहरा दिया. वो योग्य ठहराने का प्रस्ताव पेश करते इससे पहले विधानसभा के उपाध्यक्ष ने 14 विधायकों की सदस्यता बहाल कर दी.
इधर कांग्रेस के वो 14 समेत 21 विधायक उठे, बीजेपी के 11 विधायकों को साथ लिया, दो निर्दलीय भी आ गए. ये सब सदन से बाहर कहीं बैठे और विधानसभा अध्यक्ष पर ही महाभियोग चला दिया. कांग्रेस के मुख्यमंत्री नबाम तुकी की जगह एक दूसरे बागी कांग्रेसी को मुख्यमंत्री चुन लिया.
मामला गुवाहाटी हाईकोर्ट में गया. कोर्ट ने सदन के बाहर लिए फैसलों को वैलिड नहीं माना, उन पर रोक लगा दी. फिलहाल मामला कोर्ट में चल रहा है. इधर प्रेसिडेंट रूल की तैयारी चल रही है. कांग्रेस वाले कह रहे हैं कि भाजपा वाले बैक डोर से पॉवर में आने की कोशिश कर रहे हैं. केजरीवाल भी दुखी हैं. ट्विटर पर कहे हैं इट्स शॉकिंग. संविधान का मर्डर है ये तो.