बीजेपी के पास जाओ तो नहीं बंटेगी शिवसेना, एकनाथ की शर्त पर उद्धव ठाकरे ने क्या जवाब दिया?
शिंदे ने उद्धव ठाकरे से फोन पर कहा कि शिवसेना और बीजेपी को मिलकर सरकार बनानी चाहिए.

महाराष्ट्र के ताजा सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और बागी तेवर अपनाए हुए एकनाथ शिंदे के बीच बातचीत होने की खबर सामने आई है. मंगलवार 21 जून को शिवसेना नेता मिलिंद नार्वेकर, शिंदे और बाकी बागी विधायकों से बातचीत करने सूरत पहुंचे. इंडिया टुडे/आजतक के मुताबिक सूत्रों ने बताया कि नार्वेकर ने ही CM उद्धव ठाकरे की बात एकनाथ शिंदे से करवाई. इस दौरान एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे से अपनी मांग दोहराई. कहा कि शिवसेना और बीजेपी को मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनानी चाहिए.
खबर के मुताबिक एकनाथ शिंदे और मिलिंद नार्वेकर की ये मीटिंग तक़रीबन 2 घंटे चली. इस दौरान जब सीएम उद्धव ने शिंदे से फोन पर बात की तो उनका रुख बीजेपी-शिवसेना गठबंधन की तरफ था. सूत्रों ने बताया कि एकनाथ शिंदे ने दावा किया कि उनके पास 35 विधायक हैं, और अगर उद्धव ठाकरे बीजेपी के साथ गठबंधन करने के लिए तैयार हैं, तो शिवसेना में विभाजन नहीं होगा.
खबर के मुताबिक एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे से ये भी कहा कि उनकी नजर सीएम पद पर नहीं है, इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई करने की भी कोई जरूरत नहीं है. एकनाथ शिंदे ने CM ठाकरे से ये बात भी रखी की सूरत में जो भी विधायक आए हुए हैं उन्हें इस बात से दिक्कत है कि शिवसेना ने कांग्रेस और NCP से गठबंधन किया हुआ है.
ठाकरे ने क्या कहा?एकनाथ शिंदे की बातों के जवाब में सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि बीजेपी शिवसेना के नेताओं और कार्यकर्ताओं को परेशान कर रही है. उन्होंने बीजेपी के साथ गठबंधन की संभावना को खारिज करते हुए शिंदे से आगे ये भी कहा कि बीजेपी पहले भी शिवसेना और उसके कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न करती रही है.
इस बीच महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रभारी एचके पाटिल ने इस पूरे राजनीतिक संकट पर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा है,
मुझे नहीं लगता है कि महाविकास अघाड़ी सरकार के सामने किसी तरह का कोई खतरा मौजूद है. बीजेपी हर जगह ऑपरेशन लोटस खेल रही है. लोग बीजेपी से तंग आ चुके हैं. मुझे यकीन है कि महाराष्ट्र के नेता यहां ऐसा नहीं होने देंगे.
वहीं महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि उनकी पार्टी के विधायक गठबंधन के साथ हैं. पटोले ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र की बीजेपी सरकार ने कर्नाटक और मध्य प्रदेश में अलोकतांत्रिक तरीके से सरकार गिरा दी थी, और यह पूरा ऑपरेशन गुजरात से चल रहा है. पटोले ने कहा कि बीजेपी के इस काम को सर्टिफिकेट देने की जरूरत नहीं है, क्योंकि बीजेपी लोकतंत्र में विश्वास नहीं करती.