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उदयपुर हत्याकांड: DGP ने खुद बताया पुलिस से कहां गलती हुई

उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या पर राजस्थान के डीजीपी एमएल लाठर ने बुधवार 29 जून को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की.

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प्रेस कॉन्फ्रेंस करते राजस्थान के डीजीपी एमएल लाठर. (तस्वीर- एएनआई)
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साकेत आनंद
29 जून 2022 (Updated: 29 जून 2022, 05:41 PM IST) कॉमेंट्स
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उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या पर राजस्थान के डीजीपी एमएल लाठर ने बुधवार 29 जून को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसमें उन्होंने कहा कि पुलिस इस हत्या को आतंकी कृत्य मानकर जांच कर रही है. डीजीपी एमएल लाठर के मुताबिक आरोपियों से पूछताछ के बाद पता चला है कि वे दावत-ए-इस्लामी नाम के संगठन से जुड़े हुए थे. उन्होंने कहा कि ये एक सुनियोजित अपराध है, इसलिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) इसकी जांच कर रही है. उन्होंने आश्वासन दिया कि राजस्थान पुलिस भी इस जांच में पूरी मदद करेगी. डीजीपी ने बताया कि एक आरोपी गौस मोहम्मद दावत-ए-इस्लामी नाम के संगठन से जुड़ा था और 2014 में कराची गया था.

पुलिस ने कन्हैया लाल की हत्या के दोनों आरोपियों मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद को मंगलवार 28 जून को गिरफ्तार किया था. इसके बाद के घटनाक्रम और जांच की जानकारी देते हुए डीजीपी ने मीडिया को बताया,

"आरोपियों के ट्रांस बॉर्डर कनेक्शन की जांच की जा रही है. राजस्थान पुलिस मामले में डिजिटल एविडेंस का पता लगा रही है. 10 जून को नाजिम नाम के व्यक्ति ने कन्हैया लाल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी कि उसने एक आपत्तिजनक पोस्ट की है. 12 जून को कन्हैया लाल की जमानत हो गई थी. इसके बाद कन्हैया लाल ने 15 जून को एक शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी जान को खतरा है."

डीजीपी ने आगे कहा कि पुलिस ने मामले में समझौता करा दिया था, जबकि उसे कार्रवाई करनी चाहिए थी. उन्होंने बताया कि मंगलवार 28 जून को एएसआई को सस्पेंड किया गया, वहीं बुधवार को एसएचओ को भी सस्पेंड कर दिया गया है. खबरों के मुताबिक इन्हीं पुलिस कर्मियों ने कन्हैया लाल और नाजिम के बीच समझौता कराया था. डीजीपी ने कहा कि अगर और भी कोई अधिकारी इसमें जिम्मेदार पाया जाता है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई होगी.

इससे पहले खबर आई थी कि मामले में दो मुख्य आरोपियों के अलावा 3 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उधर, गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने उदयपुर की घटना पर केस दर्ज किया है. आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की कई धाराओं के अलावा UAPA की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है. गृह मंत्रालय ने कहा था कि हत्या में किसी संगठन और किसी इंटरनेशनल लिंक की भी विस्तार से जांच की जाएगी.

वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्विटर पर लिखा,

"उदयपुर की घटना पर आज उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शुरुआती जांच में सामने आया कि घटना प्रथम दृष्टया आतंक फैलाने के उद्देश्य से की गई है. दोनों आरोपियों के दूसरे देशों में भी संपर्क होने की जानकारी सामने आई है."

सीएम गहलोत ने कहा कि राजस्थान एटीएस NIA की पूरी मदद करेगी. उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की. साथ ही पुलिस को उपद्रव करने वालों से सख्ती से निपटने के लिए कहा है.

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