The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • Two convicts get death sentenc...

जिगिषा के रेपिस्ट और कातिलों में से 2 को फांसी, 1 को उम्रकैद

कोर्ट ने कहा आरोपियों ने पशुता और बर्बरता की हद कर दी.

Advertisement
Img The Lallantop
फोटो - thelallantop
pic
अविनाश जानू
22 अगस्त 2016 (Updated: 22 अगस्त 2016, 07:09 AM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
IT प्रोफेशनल जिगिषा घोष के मर्डर को रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस मानते हुए दिल्ली के सेशन कोर्ट ने सोमवार को रवि कपूर और अमित शुक्ला को मौत की सजा सुनाई है. बलजीत मलिक को उम्रकैद की सजा हुई है. यानी 3 में से 2 आरोपियों को मौत की सजा और 1 को उम्रकैद. कोर्ट पहले ही कह चुका था कि केस में सारी बातें साफ हैं, बस सजा का ऐलान होना बाकी था. एडिशनल सेशन जज संदीप यादव ने मौत की सजा का ऐलान करते हुए इस मामले पर कहा कि जो क्राइम दोषियों ने किया है, वो असभ्यता और बर्बरता की हद है. इन्होंने जो पशुता का प्रदर्शन किया है, उससे ये अपराध रेयरेस्ट ऑफ रेयर की श्रेणी में आता है.

जिगिषा मर्डर केस की टाइमलाइन-

तारीख थी 18 मार्च 2009: वक्त करीब सुबह के 4 बजे. जिगिषा घोष नाम की एक लड़की को उसकी ऑफिस कैब ने उसके अपार्टमेंट के बाहर उतारा. जिगिषा नोएडा के एक कॉल सेंटर में काम करती थी. गाड़ी से उतरने के बाद वो अपार्टमेंट में जा पाती, इससे पहले ही एक कैब में 3 लोग आये और उसे जबरदस्ती पकड़कर कैब में बिठा लिया. उन्होंने जिगिषा के सर पर गन लगाई. और उसे वो एक ATM में ले गए. जहां उन्होंने जबरदस्ती उसके अकाउंट से पैसे निकलवाए. फिर उसे कैब में बिठा कर ले गए हरियाणा के फरीदाबाद में सूरजकुंड के पास एक सुनसान इलाके में. जहां पर उन्होंने उसे मारकर फेंक दिया. तारीख 20 मार्च, 2009: पुलिस ने झाड़ियों में पड़ी जिगिषा की लाश खोज निकाली. तारीख 23 मार्च, 2009: पुलिस ने इस मर्डर के मामले में तीन गिरफ्तारियां कीं – अमित शुक्ला, बलजीत मलिक और रवि कपूर. यूं पकड़े गए तीनों को पुलिस इसलिए पकड़ पाई, क्योंकि वो जब ATM से जबरदस्ती पैसे निकलवा रहे थे, तब ATM के CCTV कैमरे में उनकी तस्वीरें कैद हो गई थीं. वैसे अपहरण के वक्त एक तेरह साल के लड़के ने भी किडनैप करने वालों को देखा था. साथ ही कुछ दिनों बाद वो साउथ दिल्ली की मार्केट में शॉपिंग करते हुए भी दिखे थे. जहां वो जूते और घड़ियां खरीद रहे थे. जिसके बाद पुलिस ने उन्हें फॉलो किया और पकड़ लिया. जून, 2009 में दिल्ली पुलिस ने केस की चार्जशीट दाखिल की. जिसमें तीनों पर अपहरण, मर्डर, सबूत मिटाने और साजिश की धाराओं में आरोप लगाए गए थे. तारीख 15 अप्रैल, 2010: दिल्ली की सेशन कोर्ट ने तीनों पर मुक़दमे की सुनवाई शुरू की. तारीख 14 जुलाई, 2016: यानी गुरुवार को दिल्ली कोर्ट ने तीनों आरोपियों को दोषी माना. सजा से पहले जिगिषा की मां का बस यही कहना था-
तीनों ने पूरे होशो-हवास में मेरी बेटी को मारा है. उन्हें मौत से कम कोई सजा नहीं मिलनी चाहिए.
एक दफा मेन क्रिमिनल रवि कपूर ने कहा था–
जब हम जिगिषा को मारने जा रहे थे, तो वो कह रही थी, मुझे मत मारो. मैं अपने मम्मी-पापा का ख्याल रखने वाली अकेली हूं.
जिगिषा मर्डर केस के बाद सारी दिल्ली में खौफ का माहौल बन गया था. इस केस से कुछ पहले एक बड़े न्यूज चैनल की टीवी प्रॉड्यूसर सौम्य विश्वनाथन का भी सितम्बर 2008 में मर्डर कर दिया गया था.
ये भी पढ़ें-

'मरते-मरते जिगिषा बोली थी, मुझे छोड़ दो, मम्मी-पापा का ख्याल कौन रखेगा'

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement