जिस अकाउंट की शिकायत पर मोहम्मद जुबैर के खिलाफ केस हुआ, वो अकाउंट ही डिलीट हो गया
अकाउंट को अक्टूबर 2021 में बनाया गया था, लेकिन इससे पहला ट्वीट 19 जून 2022 को किया गया था.

फैक्ट चेकिंग वेबसाइट AltNews के सह-संस्थापक और पत्रकार मोहम्मद जुबैर को दिल्ली पुलिस ने जिस ट्विटर हैंडल की शिकायत के आधार पर गिरफ्तार किया था, अब वह गायब हो गया है. यानी कि वो अकाउंट ही डिलीट हो चुका है.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, इस ट्विटर अकाउंट का हैंडल @balajikijaiin था और इसे 'हनुमान भक्त' नाम से चलाया जा रहा था. वैसे तो इस अकाउंट को अक्टूबर 2021 में बनाया गया था, लेकिन इससे पहला ट्वीट बीते 19 जून को किया गया. इसने मोहम्मद जुबैर के साल 2018 के एक ट्वीट को रीट्वीट करते हुए पत्रकार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.

इसमें कहा गया था कि जुबैर ने 'भगवान हनुमान' को 'हनीमून' से जोड़ कर हिंदुओं की भावनाओं का अपमान किया है, इसलिए उनके खिलाफ एक्शन लिया जाना चाहिए. वैसे तो मोहम्मद जुबैर ने जो ट्वीट किया था, वो उनका अपना बनाया नहीं था. वह जाने-माने निर्देशक ऋषिकेश मुखर्जी की साल 1983 की फिल्म 'किसी से ना कहना' के एक सीन का स्क्रीनशॉट था. लेकिन इसके बावजूद दिल्ली पुलिस ने पत्रकार को गिरफ्तार कर लिया.
जुबैर के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने और वैमनस्यता को बढ़ावा देने वाली धाराएं लगाई गई हैं. फिलहाल वह चार दिन की पुलिस कस्टडी में हैं.
AltNews के पत्रकार की गिरफ्तारी के वक्त इस ट्विटर हैंडल के सिर्फ एक फॉलोवर थे और वह एक भी अकाउंट का फॉलो नहीं कर रहा था. हालांकि बाद में फॉलोवर्स की संख्या 1400 से अधिक पहुंच गई थी. लेकिन अब यह अकाउंट ही डिलीट हो चुका है.
दिल्ली पुलिस से जब शिकायतकर्ता की विश्वसनीयता पर जवाल उठाया गया था, तो उन्होंने कहा था वे उस ट्विटर अकाउंट को चलाने वाले व्यक्ति से संपर्क करेंगे.

चूंकि अब यह ट्विटर अकाउंट अस्तित्व में ही नहीं है, ऐसे में दिल्ली पुलिस क्या करेगी, ये एक बड़ा सवाल है.
नाम न लिखने की शर्त पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस अखबार को बताया,
फर्जी अकाउंट!'हमें पता चला है कि व्यक्ति ने अकाउंट डिलीट कर दिया है. हालांकि इससे हमारी जांच पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. हम इस मामले की जांच इसलिए कर रहे हैं क्योंकि जुबैर का पुराना ट्वीट खूब शेयर किया जा रहा था और इससे सद्भावना बिगड़ी है. हम उस व्यक्ति का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं और उससे शिकायत के बारे में पूछेंगे. हो सकता है कि उसने डर के कारण अकाउंट डिलीट कर दिया हो.'
तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत गोखले ने हनुमान भक्त ट्विटर अकाउंट के डिलीट होने पर लिखा है कि यह फर्जी था और आरोप लगाया है कि इसे बीजेपी आईटी सेल चला रहा था.
उन्होंने कहा,
'बीजेपी ने दिल्ली पुलिस का इस्तेमाल करते हुए मोहम्मद जुबैर को फंसाया था. फरवरी महीने में इस अकाउंट से साइनपोस्ट (Signpost) नामक एक कंपनी का पोस्ट लाइक किया गया था. साइनपोस्ट एक सोशल मीडिया एजेंसी है, जिसकी बीजेपी एक क्लाइंट है.'
टीएमसी नेता ने आगे कहा,
'बीजेपी यूथ विंग की आईटी सेल के हेड देवांग दवे साइनपोस्ट इंडिया और अन्य एजेंसी के मालिक हैं. बीजेपी की ट्रोलिंग ऐप टेक फॉग के पीछे देवांग दवे का ही हाथ था'
इस आधार पर साकेत गोखले ने आरोप लगाया कि बीजेपी आईटी सेल को चलाने वाले व्यक्ति ने फर्जी अकाउंट बनाकर मोहम्मद जुबैर को फंसाया है. उन्होंने दिल्ली पुलिस से मांग की है कि इस मामले में 'फर्जीवाड़ा' को लेकर केस दायर किया जाए.
इसे लेकर देवांग दवे ने जवाब भी दिया है. उन्होंने लिखा,
'साकेत गोखले के अनुसार दुनिया मेरे हिसाब से ही चलती है. फैक्ट-चेक पत्रकारिता के नाम पर मोहम्मद जुबैर जो नफरत और फेक न्यूज फैलाते हैं, उसके लिए उन्हें जेल भेजना मेरे लिए खुशी की बात होगी.'
देवांग दवे ने अपने ट्वीट के जरिये सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से मांग की है कि ऑल्ट न्यूज को बैन किया जाए.
अपडेट - पत्रकार मोहम्मद जुबैर को दिल्ली पुलिस ने जिस ट्विटर हैंडल की शिकायत के आधार पर गिरफ्तार किया था, अब वह फिर से एक्टिव हो गया है. गुरुवार, 30 जून की सुबह यह अकाउंट 'डज नॉट एक्जिस्ट' दिखा रहा था. लेकिन अब यह ट्विटर पर दिख रहा है. फिर से शुरू होने के बाद इस अकाउंट से एक ट्वीट भी किया गया है. इस ट्वीट में इंडियन एक्सप्रेस की उस खबर को शेयर किया गया है, जिसमें इस अकाउंट के डिलीट होने की जानकारी दी गई थी.