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क्या धरती के पास से गुजरने वाली कॉस्मिक किरणों से मोबाइल फट सकता है?

आपके पास मोबाइल है तो यह मेसेज आपके लिए जरूरी है.

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यह मेसेज बार-बार वायरल होता रहता है.
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कुमार ऋषभ
31 जुलाई 2018 (Updated: 31 जुलाई 2018, 03:35 PM IST) कॉमेंट्स
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आज रात 12.30 से 3.30 बजे तक प्रथ्वी के पास से खतरनाक कास्मिक किरणें गुजरेंगी । कृपया आप अपने अपने मोबाइलफ़ोन स्विच ऑफ करके रखे ।और फ़ोन को अपने पास रखकर बिल्कुल न सोइए। अन्यथा आपको हानि पहुँच सकती हे।कृपया इस सन्देश को नजरअंदाज न करे। यदि आपको विश्वासन होतो आप गूगल पर "नासा बी बी सी न्यूज़"सर्च कर विस्तृत समाचार देख सकते हे। कृपया इस सन्देश को अन्य लोगो तक पहुचाने की कृपा करे। धन्न्यवाद
(नोट- हमेशा की तरह मेसेज की भाषा से कोई छेड़छाड़ नहीं की है. जैसा आया था वैसा आपके सामने है. वर्तनी और ग्रामर की गलती पर ध्यान न दें)
मेसेज का हिंदी वर्जन.
मेसेज का हिंदी वर्जन.

यह इस मेसेज का एक वर्जन है. इसके अलावा और भी मिलते-जुलते मेसेजेज के स्क्रीनशॉट नीचे देखें.
मेसेज का अंग्रेजी वर्जन.
मेसेज का अंग्रेजी वर्जन.

यह मेसेज 2008 से वायरल हो रहा है. हर विशेष मौके जैसे सूर्यग्रहण, चंद्रग्रहण, किसी दूसरे ग्रह के पृथ्वी के पास आने के टाइम या किसी धूमकेतु के धरती के पास से गुजरने की सूचना पर यह फिर से वायरल होने लग जाता है. कई भाषाओं में आने वाले इन मेसेजों में बस कुछ चीजें कॉमन रहती हैं, जैसे मोबाइल बंद करने का टाइम रात के12.30 से 3.30 का और सब जगह नासा और बीबीसी का रेफरेंस जरूर होता है.
उर्दू और हिंदी में लिखा मेसेज.
उर्दू, इंग्लिश और हिंदी में लिखा मेसेज.

हाल ही में दो ऐसी घटनाएं हुईं जिसकी वजह से यह मेसेज फिर से वायरल हुआ. पहली थी 27 जुलाई को हुआ चंद्रग्रहण. दूसरी घटना 31 जुलाई को मंगल ग्रह का पृथ्वी के पास आना. इन दोनों खगोलीय मतलब ग्रहों और उपग्रहों से संबंधित घटनाओं के कारण यह मेसेज फिर से ट्रेंड में आ गया.
फेसबुक पर वायरल पोस्ट.
फेसबुक पर वायरल पोस्ट.

इसकी सच्चाई क्या है?

यह जानने के लिए पहले कॉस्मिक किरणों की साइंस समझते हैं. यह कॉस्मिक शब्द निकला है कॉसमोस से जिसका मतलब होता है ब्रह्मांड. कॉस्मिक मतलब ब्रह्मांड से जुड़ी हुई चीजें. और कॉस्मिक रेज या कॉस्मिक किरणों का मतलब हो गया ब्रह्मांड के किसी पिण्ड से निकलने वाली किरणें. जो ग्रह होते हैं वो कोई एनर्जी सोर्स नहीं होते इसलिए इनसे कोई किरणें पैदा नहीं होती हैं. ये किरणें तारों से पैदा होती हैं. सूरज भी एक तारा ही है. हालांकि यह अपनी एनर्जी खुद ही पैदा पैदा करता है.
ब्रह्मांड का प्रतीकात्मक फोटो.
ब्रह्मांड का प्रतीकात्मक फोटो.

ये कॉस्मिक किरणें हाई एनर्जी प्रॉटोन्स होती हैं. यह भी लाइट की स्पीड से ही चलती हैं. ये दो तरीके से पैदा होती हैं. पहला सुपरनोवा की कंडीशन में. सुपरनोवा मतलब होता है तारों का विस्फोट. इस विस्फोट में भयंकर रेडिएशन पैदा होता है. सूरज पर भी ऐसे धमाके होते रहते हैं. इन रेडिएशन्स को कॉस्मिक रेज कहते हैं. अब ये कॉस्मिक रेज ब्रह्मांड में इधर-उधर घूमना शुरू कर देती हैं. ब्रह्मांड में पृथ्वी और दूसरे ग्रह हैं. जब ये कॉस्मिक किरणें पृथ्वी की तरफ आगे बढ़ती हैं तो पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से टकराकर वापस चली जाती हैं या डायवर्ट हो जाती हैं यानी इधर-उधर चली जाती हैं.
धरती के चुंबकीय क्षेत्र से टकराती हुईं कॉस्मिक किरणें. (प्रतीकात्मक फोटो, क्रेडिट-स्पेस डॉट कॉम)
धरती के चुंबकीय क्षेत्र से टकराती हुईं कॉस्मिक किरणें. (प्रतीकात्मक फोटो, क्रेडिट-स्पेस डॉट कॉम)

जब इन कॉस्मिक रेज की तीव्रता ज्यादा होती है तो ये पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र को पार कर जाती हैं. लेकिन पृथ्वी तक पहुंचते हुए बहुत कमजोर हो जाती हैं. इनसे न इंसानों पर कोई असर होता है और न ही मोबाइल पर. जब ये कॉस्मिक रेज बहुत तीव्रता की होती हैं तो उपग्रहों और इलेक्ट्रिक ग्रिड पर असर डालती हैं. लेकिन मोबाइल फोन पर इसका कोई असर नहीं होता है.
इस मेसेज में दूसरी बात लिखी है कि बीबीसी और नासा ने इस बात को बताया है. हमने इसके बारे में सर्च किया. बीबीसी और नासा की वेबसाइट पर इस तरह की कोई बात नहीं मिली. कुछ मेसेजेज में लिखा था कि मंगल ग्रह से कॉस्मिक किरणें आएंगी. लेकिन मंगल कोई तारा नहीं है इसलिए इसमें से कॉस्मिक किरणें निकल ही नहीं सकती हैं. ऐसे ही चंद्रग्रहण के टाइम ऐसा कुछ होता है. हमारी पड़ताल में यह मेसेज गलत साबित हुआ.
अगर आपके पास भी ऐसी कोई पोस्ट, फोटो, वीडियो या मैसेज है जिस पर आपको शक है तो आप उसे  lallantopmail@gmail.com,   फेसबुक पर हमारे वेरिफाइड पेज The Lallantop
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