The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • Trump calls Nawaz Sharif prais...

नवाज़ शरीफ से बात तो हुई है पर प्यारी बात नहीं हुई: ट्रंप की टीम

नवाज़ शरीफ़ और ट्रंप दल में से कोई एक पूरा सच नहीं बोल रहा

Advertisement
Img The Lallantop
फोटो - thelallantop
pic
खेल लल्लनटाप
2 दिसंबर 2016 (Updated: 2 दिसंबर 2016, 08:52 AM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

कल पाकिस्तानी सरकार ने ये दावा किया था कि ट्रंप और नवाज़ शरीफ़ के बीच बातचीत हुई है. इस बातचीत में ट्रंप ने पाकिस्तान को शानदार देश बताया था और पाकिस्तान आने की इच्छा ज़ाहिर की थी. नवाज़ शरीफ़ के दफ्तर से एक लेखा ज़ारी हुआ था जिसमें ट्रंप और शरीफ़ की बातचीत छपी थी. पाकिस्तान को खुले आम सीधा हो जाने की सलाह देने वाले ट्रंप बेवफ़ा हैं कि नहीं इस सवाल के बीच अब कथित फोनवार्ता का मामला और हवा ले गया है.

अमेरिकी मीडिया में टीम ट्रंप के हवाले से बताया जा रहा है, बातचीत तो हुई थी लेकिन बातें इतनी प्यारी नहीं हुई. अमेरिकी मीडिया मे ट्रंप दल ने कहा है, ‘भावी राष्ट्रपति और नवाज़ शरीफ के बीच अमेरिका-पाकिस्तान में संबंध कैसे सुधारे जाएं इस पर रचनात्मक बातचीत हुई थी.’ बयान में ये भी कहा गया है कि ‘ट्रंप व्यक्तिगत तौर पर नवाज़ शरीफ के साथ लंबे समय तक चलने वाले मज़बूत संबंध बनाना चाहते हैं.’ ट्रंप के सलाहकारों के हवाले से अमेरिकी मीडिया में आ रहे बयानों में दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान के ज़ारी किए गए लेखे में ट्रंप ने जो कहा है उससे ज्यादा मतलब निकाला गया है.


पाकिस्तानी सरकार ने नवाज़-ट्रंप की बात का ये लेखा निकाला था
पाकिस्तानी सरकार ने नवाज़-ट्रंप की बात का ये लेखा निकाला था


कड़ी आलोचना चालू आहे

ट्रंप के करीबी और व्हाईट हाउस के पूर्व मीडिया सचिव एरी फ्लिशर ने पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की है. फ्लिशर ने कहा, ‘ पाकिस्तान सरकार द्वारा नवाज़ शरीफ और ट्रंप की बातचीत को ज़ारी किया जाना पूरी तरह से अनुचित है. हम ये कभी नहीं बताते कि विदेशी नेता ने राष्ट्रपति से क्या बात की. हम ये बताते हैं राष्ट्रपति ने क्या कहा. पाकिस्तान का ये करना कूटनीति के नियमों और परंपराओं का उल्लंघन है. अगर मेरे साथ ऐसा किया होता तो मैं अभी फोन पर होता और उनके मीडिया सचिव को चबा रहा होता. हमारे राजदूत उनके राजदूत को खींच रहे होते और पूरी श्रृंखला ऐसे ही लग जाती’.


अमेरिका मीडिया भी आग बबूलाई है

पाकिस्तान के बातचीत का ब्यौरा ज़ारी करने के बाद अमेरिकी मीडिया में भी हल्ला है. वॉशिंगटन पोस्ट ने पाकिस्तान के ज़ारी किए गए लेखे पर लिखा है ‘ये एक अचंभित कर देने वाला रसभरा ब्यौरा है जिसमें पूरा ज़ोर बातचीत में ट्रंप के कहे अंश पर है और ऐसे अल्फ़ाज़ लिए गए हैं जो ट्रंप इस्तेमाल करते हैं.’ न्यूयॉर्क टाइम्स ने इसे ‘विचित्र बातचीत’ बताया है. फॉर्ब्स मैगज़ीन का लिखना है कि इससे एक संदेश सामने निकलकर आया है, वो यह कि ट्रंप अमेरिका, पाकिस्तान और भारत के मामलों पर कोई जागरूकता नहीं दिखा रहे.


ये था पाकिस्तान का दावा 

पाकिस्तान शानदार देश है, नवाज़ से बात कर पुराना याराना लगा : ट्रंप

पाकिस्तान का दावा है श्रीमान् ट्रंप ने नवाज़ शरीफ को फोन पर बताया, ‘आप की बहुत अच्छी छवि है, आप बहुत ही शानदार इंसान हैं. मैं आपसे मिलने का इंतज़ार कर रहा हूं. आप बहुत ही शानदार काम कर रहे हैं और ये काम हर कहीं दिखाई दे रहा है.’ पाकिस्तान ने दोनों की बात का जो लेखा छापा है उसमें ट्रंप नवाज़ को कहते हैं ‘आपसे बात करते हुए ऐसा लग रहा है जैसे मैं आपको लंबे समय से जानता हूं.’ बातचीत के सारांश में बताया गया है कि नवाज़ शरीफ के पाकिस्तान आने का न्यौता दिए जाने पर ट्रंप ने कहा ‘मैं शानदार लोगों की शानदार जगह और शानदार देश में आना पसंद करूंगा.’


ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान पर क्या-क्या कहा था (भूतकाल पेश-ए-खिदमत है)

श्री ट्रंप ने कुछ ही दिनों पहले भारत की बड़ाई करते हुए कहा था, ‘मैं भारत का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं, मैं हिंदुओं का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं. श्री ट्रंप अपने बयानों में पाकिस्तान की खेंच बनाते रहते हैं. कुछ पुराने ट्वीट पेश-ए-नज़र है.

https://twitter.com/realDonaldTrump/status/159367254935470080?ref_src=twsrc%5Etfw

सीधी सी बात है, पाकिस्तान हमारा दोस्त नहीं है. हमने उन्हें अरबों-अरबों डॉलर दिए हैं और क्या हुआ है...

https://twitter.com/realDonaldTrump/status/220976065231863809?ref_src=twsrc%5Etfw

पाकिस्तान ओसामा को 6 साल तक छिपाने के लिए अमेरिका से माफी कब मांगेगा? कौन 'साथी'


भारत-पाकिस्तान पर कुछ नया नहीं है ट्रंप के पास

ये कूटनीति की दुनिया है जिसमें कह कर भी बात नहीं कही जाती है. ये बात तो तय है कि ट्रंप दल और नवाज़ शरीफ़ में कोई एक पूरा सच नहीं बोल रहा है. पाकिस्तान की कोशिश कश्मीर को इंटरनेशनल एजेंडे पर रखने की होती है. और कश्मीर पर ट्रंप की वही नीति है जो पहले की अमेरिकी सरकारों की थी. ट्रंप ने कहा था अगर वो चुनाव जीतते हैं तो भारत-पाकिस्तान के बीच तभी मध्स्थता करेंगे जब दोनों देश राज़ी होते हैं. ट्रंप बेवफ़ा है या नहीं इसको तय करते रहिए...

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement