माणिक सरकार हार रहे थे, फिर बीजेपी ने बवाल किया और पासा उल्टा पड़ गया
त्रिपुरा में बीजेपी बस यहीं पर चूक गई.
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माणिक सरकार रीकाउंटिंग के बाद जीते.
25 साल से त्रिपुरा में एकक्षत्र राज करने वाली सीपीएम को बीजेपी ने तगड़ा झटका दिया है. सत्ता छीनकर. 59 में से 43 सीटें जीतकर. मैदान मार लिया है. मगर एक कसक शायद भगवा दल के मन में रह गई होगी. विपक्षी टीम के कैप्टन को पटकने की. माने चार बार से त्रिपुरा के सीएम माणिक सरकार को चुनाव हराने की. काउंटिंग के वक्त तो हालांकि एक बार ऐसी स्थिति आ भी गई थी. ब्रेकिंग न्यूज चल रही थी कि माणिक सरकार 2000 वोटों से पीछे चल रहे हैं. लगा था सरकार भी हारेंगे, सरकार भी हारेगी. मगर ऐसा नहीं हुआ.सरकार तो हार गई पर सरकार जीत गए. 5142 वोटों से. माणिक राजधानी अगरतला से 63 किलोमीटर दूर पड़ने वाली धनपुर विधानसभा से चुनाव लड़ रहे थे. उनके हाथ 22,176 वोट आए. उनको कड़ी टक्कर दी बीजेपी की कैंडिडेट प्रतिमा भौमिक ने. उन्हें 16735 वोट मिले. कांग्रेस की लक्ष्मी नग तो महज 832 वोट पा पाईं. मगर माणिक सरकार का ये चुनाव एक वक्त फंसा हुआ लग रहा था. फिर काउंटिंग को लेकर विवाद हो गया. सीपीएम कार्यकर्ता और बीजेपी वाले दोनों ही एक दूसरे पर गड़बड़ी का आरोप लगाने लगे. नतीजा ये हुआ कि धानपुर में रीकाउंटिंग करवाई गई.

त्रिपुरा के चार बार के सीएम माणिक सरकार अपने सुरक्षा दस्ते के साथ. (फोटोःपीटीआई)
ऐसे शुरू हुआ बवाल
काउंटिंग की शुरुआत में माणिक सरकार बीजेपी की कैंडिडेट से पीछे चल रहे थे. इस पर सीपीएम ने काउंटिंग में गड़बड़ी का आरोप लगाया और चुनाव आयोग से शिकायत दर्ज करवाई. खुद माणिक सरकार का बयान आया कि काउंटिंग में फर्जीवाड़ा करने की कोशिश हुई है. उन्होंने बीजेपी के कार्यकर्ताओं पर माहौल खराब करने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया.
इसके बाद बीजेपी भी मैदान में आ गई. 4 राउंड की काउंटिंग होने के बाद बीजेपी ने शिकायत की कि ईवीएम मशीन पर पोलिंग एजेंट के हस्ताक्षर नहीं हैं. बताया जा रहा है कि उसके बाद बीजेपी ने काउंटिंग बंद करवा दी. साथ ही बीजेपी के प्रतिनिधिमंडल ने भी चुनाव आयोग के सदस्यों से मुलाकात की. दोनों तरफ से बवाल और शिकायत होने पर चुनाव आयोग ने यहां रीकाउंटिंग करवाई. फिर जो नतीजा आया उसने माणिक सरकार को बचा लिया. वो 5142 वोटों से जीत गए. बीजेपी की शिकायत उसके काम नहीं आई.
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