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जानते हैं, AAP की सरकार आपका पैसा कैसे उड़ा रही है?

दिल्ली के बाहर ऐड छपवाने में कितना खर्च किया गया.

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श्री श्री मौलश्री
24 अगस्त 2016 (Updated: 24 अगस्त 2016, 09:47 AM IST) कॉमेंट्स
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वो परेशान करते रहे, केजरीवाल ऐड लगाते रहे. 

जो हर वक़्त के टीवी और रेडियो पर जो ऐड आते रहते हैं ना. AAP सरकार की तारीफों वाले. जिसमें खुद केजरीवाल लोगों को अपनी पार्टी की उपलब्धियां गिनवाते हैं. और कहते हैं कि भ्रष्टाचार रहित सरकार उनका सपना है. उन सारे ऐड्स में ही पैसे की घोर धांधली है. कॉम्पट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल ऑफ़ इंडिया (CAG) ने दिल्ली सरकार के खर्चों का ऑडिट किया. देखा कि AAP सरकार ने प्रचार के लिए बहुत सारा पैसा खर्च किया है. उन खर्चों की कोई जवाबदेही भी नहीं है. इंडिया टुडे ने ऑडिट की कॉपी के हवाले से पूरा ब्योरा दिया है. पूरा कच्चा-चिट्ठा यहां पढ़ लो. 1. 21.62 करोड़ रुपए ऐसे ऐड पर खर्च किए, जिससे पार्टी की इमेज बनाई जा सके. जब केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में सौ दिन पूरे कर लिए थे, जगह-जगह पोस्टर लगे थे 100 दिन AAP सरकार के. टीवी और FM पर भी केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के ऐड आते थे. CAG का कहना है कि इन ऐड्स में बहुत बेतुकी बातें छापी और कही गई थीं. पहले ये ऐड 45 सेकंड का था. बाद में CM और डिप्टी CM भी आ गए. उनके बाइट भी जोड़े गए. अब ऐड 120 सेकंड का बन गया. सिर्फ एक कैंपेन में 1.74 करोड़ सरकार की तारीफें करने में बर्बाद कर दिए गए. वो परेशान करते रहे, हम काम करते रहे, भ्रष्टाचारियों की साजिशों के बावजूद, केजरीवाल सरकार ने रचा इतिहास. इस तरह के कैंपेन पर 2.15 करोड़ रुपए खर्च किए गए. 12745902_917673984996766_3222984888836075247_n2. 18.64 करोड़ दिल्ली के बाहर ऐड छपवाने में खर्च किए गए. 14-17 फरवरी 2016 के बीच देश के अलग-अलग राज्यों में 8 पन्ने के रंगीन ऐड छपे थे. जिसमे दिल्ली का खर्च 2.49 करोड़ आया और बाकी शहरों का 11.93 करोड़. कुल मिला कर 14.42 करोड़. 3. ऐड्स में बेतुकी बातें और ऐसा कंटेंट जो सुप्रीम कोर्ट के नियमों के खिलाफ है. ऐड में पार्टी का नाम और पार्टी के बारे में ज़रूरत से ज्यादा बड़ी-बड़ी बातें छपवाना सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के खिलाफ है. 4. 2.15 करोड़ रुपए बेतुकी बात छपवाने के लिए मीडिया को दिए गए. न्यूज़ चैनल, अखबार, मैगजीन. सब जगह अरविन्द केजरीवाल की विजय गाथाएं छपवाने के लिए सरकार ने करोड़ों रुपए उड़ा दिए. 5. शब्दार्थ नाम की एक एजेंसी को 3.63 करोड़ दिए गए, जो गैरज़रूरी थे. शब्दार्थ नाम की एजेंसी के माध्यम से 11 स्टेट और 9 नेशनल अखबारों में ऐड छपवाए गए. 3.63 करोड़ खर्च हुआ. अगर दिल्ली सरकार डायरेक्ट ये ऐड छपवाती, तो ये पैसे बच सकते थे. mantri ji

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