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  • The Story of boxer Dingko Singh who won Gold in 1998 Asian Games and later fought cancer

कौन है ये बॉक्सर जिस पर फिल्म बन रही है और रोल शाहिद कपूर निभा रहे हैं

जबरदस्त कहानी है असल जिंदगी के इस हीरो की.

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शाहिद कपूर इस रोल को लेकर बेहद एक्साइटेड हैं.
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प्रवीण
30 अगस्त 2018 (Updated: 30 अगस्त 2018, 01:25 PM IST)
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इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में एशियन गेम्स चल रही हैं. 18वीं बार ये गेम्स हो रहे हैं. इसी बीच एशियन गेम्स में भारत के लिए गोल्ड जीत चुके बॉक्सर डिंग्को सिंह पर एक फिल्म बन रही है. बीते साल आई फिल्म एयरलिफ्ट और शेफ के डायरेक्टर राजा कृष्ण मेनन ये फिल्म डायरेक्ट कर रहे हैं. शाहिद कपूर फिल्म में डिंग्को का किरदार निभाएंगे. शूटिंग अगले साल अप्रैल में शुरू हो जाएगी. मणिपुर से आने वाला ये बॉक्सर इंडिया के लिए एशियन गेम्स में सोना जीतने वाला पहला और इकलौता बॉक्सर है. 1998 की एशियन गेम्स बैंग्कॉक में हुई थीं जहां 19 साल के इस शानदार बॉक्सर ने सोना जीता था.
डिंग्को की कहानी पर फिल्म बननी ही चाहिए. ये इसलिए क्योंकि ये एक आम स्टोरी नहीं है. और इस स्टोरी का जानने के लिए चलना होगा हरियाणा के अंबाला में. साल था 1989 जहां 11 साल का एक मणिपुरी लड़का रिंग में उतरा था. ये सब-जूनियर नेशनल बॉक्सिंग इंवेंट था जहां इस लड़के के आगे कोई बॉक्सर नहीं टिका था. उसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और वो साल दर साल निखरता गया. अब साल आया 1997. डिंग्को सिंह का इंडियन बॉक्सिंग में बड़ा नाम हो चुका था. मगर विदेशी मुक्केबाजों के सामने अभी खुद को साबित करना बाकी था. इसी उम्मीद में वो थाइलैंड में किंग्स कप के बॉक्सिंग रिंग में पहुंचा और यहां हर मुक्केबाज को चित्त किया. डिंग्को ने न सिर्फ ये कप जीता बल्कि वो इस टूर्नामेंट में बेस्ट बॉक्सर का खिताब भी जीता.
boxing
चैंपियन की जिंदगी जी है डिंग्को सिंह (ब्लू में) ने

अब देश में डिंग्को का डंका बज चुका था. मगर दो साल के भीतर ही इंडियन बॉक्सिंग संघ में राजनीति का शिकार बन गया ये बॉक्सर. जब 1998 के बैंग्कॉक एशियाड के लिए बॉक्सर्स की लिस्ट तैयार हुई तो इसमें इस धांसू मुक्केबाज का नाम गायब था. हताशा इतनी बढ़ गई कि इस बॉक्सर ने शराब पीना शुरू कर दिया था और वो परेशान रहने लगा था और अखबारों में खबरें छपने लगीं कि ये बॉक्सर अपने होश खो चुका है. मगर फिर स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) की एक स्कीम के तहत डिंग्को को ऐन मौके पर टीम में जगह मिल गई. वो एशियाड में पहुंचा. उस वक्त डिंग्को अपनी हर फाइट एक घायल शेर की तरह लड़ रहा था. फाइनल में डिंग्को ने वर्ल्ड रैंकिंग में पांचवे स्थान वाले उज्बेकिस्तान के बॉक्सर तिमूर को धूल चटाई थी.
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पिछले साल दिल्ली में इलाज करवा रहे थे डिंग्को सिंह.

मगर इस स्टार बॉक्सर की लाइफ में ट्विस्ट तब आया जब पिछले साल यानी 2017 में पता चला कि डिंग्को कैंसर से पीड़ित हैं और इस फाइटर के पास इलाज के पैसे भी नहीं हैं. इम्फाल में अपना घर बेचकर दिल्ली इलाज के लिए आना पड़ा. उस वक्त क्रिकेटर गौतम गंभीर ने डिंग्को की मदद की थी. इस बॉक्सर ने 13 राउंड में कीमोथैरपी लेने के बाद कैंसर को मात दी है. बीमारी के बाद दिए एक इंटरव्यू में इस बॉक्सर ने कहा था कि एशियन गेम्स में गोल्ड जीतने से मुश्किल काम कैंसर से लड़ना था. डिंग्को को लिवर कैंसर हुआ था और अब वो इंफाल में SAI सेंटर में बतौर कोच काम कर रहे हैं.


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