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तमिलनाडु के गवर्नर ने स्टालिन सरकार से बिना बात किए सेंथिल बालाजी को कैबिनेट से हटाया

सेंथिल बालाजी मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में जेल में बंद हैं.

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Tamil Nadu governor dismisses Senthil Balaji from state cabinet
आरएन रवि ने सेंथिल को मंत्रीमंडल से हटा दिया. (साभार - इंडिया टुडे)
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पुनीत त्रिपाठी
29 जून 2023 (Updated: 29 जून 2023, 11:53 PM IST) कॉमेंट्स
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तमिलनाडु के गवर्नर आरएन रवि ने जेल में बंद स्टालिन सरकार के मंत्री वी सेंथिल बालाजी को कैबिनेट से हटा दिया है. राज्यपाल के इस कदम पर हंगामा मच गया है. क्योंकि उन्होंने सरकार से बात किए या सहमति लिए बिना उसके मंत्री को कैबिनेट से हटाया है. खुद मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इस पर आपत्ति जताई है.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार, 29 जून को एक बयान जारी कर राज्यपाल आरएन रवि ने ये कहते हुए बालाजी को कैबिनेट से हटा दिया,

"मंत्री सेंथिल बालाजी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में कई केसों का सामना कर रहे हैं. इनमें नौकरी के बदले पैसा लेने और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे आरोप शामिल हैं. अपने पद का गलत इस्तेमाल करते हुए वे जांच को प्रभावित कर रहे हैं और कानून-न्याय व्यवस्था की प्रक्रिया में बाधा डाल रहे हैं.

 

वर्तमान में वो एक आपराधिक मामले में न्यायिक हिरासत में हैं और प्रवर्तन निदेशालय इसकी जांच कर रहा है. भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के तहत उनके खिलाफ कुछ और आपराधिक मामलों की जांच राज्य पुलिस द्वारा की जा रही है."

आरएन रवि के इस फैसले पर सीएम एमके स्टालिन ने आपत्ति जताई है. इंडिया टुडे के मुताबिक उन्होंने कहा है कि गवर्नर के पास किसी मंत्री को इस तरह हटाने का अधिकार ही नहीं है. स्टालिन ने कहा कि वे इस फैसले को कानूनी तरीके से चुनौती देंगे.

क्या गवर्नर सरकार से पूछे बिना मंत्री को हटा सकते हैं?

इंडिया टुडे से बात करते हुए इस सवाल पर पूर्व लोकसभा सचिव पीडीटी आचार्य ने बताया,

“संविधान के 164 (1) अनुच्छेद के अनुसार मुख्यमंत्री को राज्यपाल अपॉइंट करता है. बाकी मंत्रियों को मुख्यमंत्री की राय पर नियुक्त किया जाता है. राज्य के मंत्रियों को मुख्यमंत्री के सुझाव पर ही नियुक्त या हटाया जा सकता है. बालाजी इस मामले में हाईकोर्ट जा सकते हैं. ये फैसला संविधान के खिलाफ है.”

आरएन रवि के इस कदम को किसी गवर्नर द्वारा लिया गया दुर्लभ फैसला बताया जा रहा है. इस पर हंगामा शुरू हो चुका है. सत्तारूढ़ डीएमके के विधायक थोल. थिरुमावलवन ने ट्विटर पर लिखा कि राज्यपाल का ये फैसला मानसिक रूप से अस्थिर व्यक्ति जैसा लग रहा है.

तमिलनाडु सरकार ने कुछ दिनों पहले घोषणा की थी कि सेंथिल से उनका पोर्टफोलियो वापस लिया जा रहा है, पर वो कैबिनेट मंत्री बने रहेंगे. जेल जाने से पहले बालाजी बिजली मंत्री थे. प्रवर्तन निदेशालय ने कथित रूप से नौकरी के बदले पैसे लेने के आरोप में 14 जून को गिरफ्तार किया था. इसके बाद सेंथिल की तबीयत बिगड़ गई थी. उन्हें कावेरी अस्पताल में भर्ती किया गया था जहां उनकी बाईपास सर्जरी की गई.

सेंथिल न्यायिक हिरासत के तहत अभी भी अस्पताल में हैं. उनके खिलाफ लगे आरोपों की जांच चल रही है.

वीडियो: दक्षिण कोरिया और चीन में इस्तेमाल हो रही कोरोना टेस्टिंग किट्स इस्तेमाल क्यों करना चाहता था तमिल नाडू

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