हत्यारोपी पहलवान सुशील कुमार से मेडल्स और अवॉर्ड्स छीने जा सकते हैं, क्या कहते हैं नियम?
पद्म श्री, खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड के अलावा सुशील कुमार के नाम तमाम मेडल भी हैं.
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Sushil Kumar के Medals और Awards का क्या होगा? (पीटीआई फाइल)
सुशील कुमार. दो बार के ओलंपिक मेडलिस्ट. वर्ल्ड चैंपियनशिप गोल्ड मेडलिस्ट. एशियन गेम्स में ब्रॉन्ज़. कॉमनवेल्थ में तीन गोल्ड मेडल. एशियन चैंपियनशिप में एक गोल्ड, एक सिल्वर और दो ब्रॉन्ज़. यानी कुल पांच गोल्ड, दो सिल्वर और चार ब्रॉन्ज़ मेडल. इसके अलावा अर्जुन अवॉर्ड, राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड और पद्म श्री. इतने तगड़े अवॉर्ड्स जीत चुके सुशील आजकल मैट से दूर पहलवानी करने को लेकर चर्चा में हैं.
सुशील पर युवा पहलवान सागर धनखड़ की हत्या का आरोप है. बीती 4 मई को छत्रसाल स्टेडियम कॉम्प्लेक्स में हुई मारपीट से लगी चोटों के चलते सागर की मृत्यु हो गई. इस हत्या के बाद सुशील काफी दिनों तक फरार रहे. लंबी फरारी के बाद उन्हें दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया. गिरफ्तारी के बाद उन्हें छह दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. मामले की जांच जारी है. उम्मीद है कि जल्दी ही सच सामने आ जाएगा.
लेकिन तमाम लोगों के दिमाग में एक और सवाल भी है. क्या सुशील कुमार से उनके मेडल्स और अवॉर्ड्स वापस ले लिए जाएंगे? हाल ही में सागर धनखड़ के परिवार ने भी यह मांग की थी कि सुशील से सारे पुरस्कार वापस ले लिए जाएं. लेकिन क्या सच में ऐसा हो सकता है? चलिए देख लेते हैं.
मेडल वापसी का नियम नहीं
सबसे पहले बात ओलंपिक मेडल्स की. ओलंपिक में डोपिंग के अलावा किसी भी मामले में फंसने वाले एथलीट्स से मेडल वापस लेने का कोई नियम नहीं है. अब तक 33 एथलीट्स को सजा हो चुकी है, लेकिन किसी से भी मेडल वापस नहीं लिया गया. ऐसे मामलों में सबसे चर्चित मामला साउथ अफ्रीकी एथलीट ऑस्कर पिस्टोरियस का था. पिस्टोरियस को अपनी गर्लफ्रेंड की हत्या के मामले में सजा हुई थी. लेकिन उनके मेडल्स वापस नहीं लिए गए.
पद्म पुरस्कार वापसी पर नियम क्या कहते हैं?
ओलंपिक के साथ ही कॉमनवेल्थ गेम्स या फिर एशियन गेम्स में भी ऐसे मामलों में मेडल वापस लेने का कोई नियम नहीं है. मेडल्स के बाद अब बात सुशील को भारत सरकार से मिले अवॉर्ड्स की. नियमावली देखें तो सरकार ने ऐसे अवॉर्ड्स को वापस लेने के लिए कोई नियम नहीं बनाया है. हां, सरकार चाहे तो अवॉर्ड्स वापस जरूर ले सकती है. लेकिन इसके लिए कोई नियम नहीं है. यह पूरी तरह से सरकार के ऊपर है.
इस मामले में पद्म अवॉर्ड्स की स्कीम कहती है,
'राष्ट्रपति किसी व्यक्ति को मिला अवॉर्ड निरस्त कर सकते हैं. इसके बाद उस व्यक्ति का नाम रजिस्टर से मिटा दिया जाएगा. उसे डेकोरेशन और सनद दोनों ही वापस करने होंगे. हालांकि राष्ट्रपति के पास डेकोरेशन और सनद वापस करने और कैंसिलेशन के ऑर्डर को वापस लेने का अधिकार है.'इस मसले पर पूर्व होम सेक्रेटरी एन. गोपालास्वामी ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि सुशील कुमार के मामले में गृह मंत्रालय खुद संज्ञान लेकर उनके पद्म अवॉर्ड की वापसी पर विचार कर सकता है. लेकिन ऐसा लगता है कि मंत्रालय कोर्ट ऑर्डर का इंतजार करेगा. पद्म पुरस्कारों की वापसी के लिए भले ही कोई सीधा सपाट नियम न हो, लेकिन इतना तो माना ही जाता है कि इसे पाने वाला व्यक्ति डेकोरम के हिसाब से चलेगा. सुशील कुमार के मामले में फिलहाल तो ये टूटता नजर आ रहा है. हालांकि सुशील पहलवान सागर धनखड़ की हत्या के गुनहगार हैं या नहीं, इसका फैसला अदालत ही करेगी.