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हर सवाल का जवाब देने वाले Google के AI ने कर दिया ऐसा कांड, बात सुंदर पिचाई की माफी तक पहुंच गई!

Gemini AI के काफी हद तक सफल नहीं होने के चलते कंपनी सुंदर पिचाई को कंपनी से निकालने का फैसला ले सकती है. ये दावा किया है हैलियोस कैपिटल के फाउंडर Samir Arora ने.

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Google, Sundar Pichai, Alphabet
सुंदर पिचाई के Google और Alphabet के CEO पद छोड़ने के कयास लगाए जा रहे हैं (PTI)
28 फ़रवरी 2024 (Updated: 28 फ़रवरी 2024, 17:12 IST)
Updated: 28 फ़रवरी 2024 17:12 IST
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गूगल (Google) और Alphabet के CEO सुंदर पिचाई (Sundar Pichai) के पद छोड़ने के कयास लगाए जा रहे हैं. कहा ये भी जा रहा है कि या तो वो खुद इस्तीफा दे देंगे, नहीं तो उन्हें कंपनी से निकाल दिया जाएगा. ये दावा किया है हैलियोस कैपिटल (Helios Capital) के फाउंडर और इन्वेस्टर समीर अरोड़ा (Samir Arora) ने. उनके मुताबिक जेमिनी AI (Gemini AI) के काफी हद तक सफल नहीं होने के चलते कंपनी सुंदर पिचाई को कंपनी से निकालने का फैसला ले सकती है.

Gemini AI की असफलता के बाद से ही सुंदर पिचाई को लेकर लगातार सवाल उठने लगे. हैलियोस कैपिटल के फाउंडर समीर अरोड़ा से जब इसको लेकर एक यूजर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर सवाल किया. यूजर ने लिखा,

“सर जी, गूगल जेमिनी देखा? यह गोरे लोगों के अस्तित्व को मानने से इंकार कर रहा है. सुंदर पिचाई भाग्यशाली हैं, उनका रंग गोरा नहीं है.”

इसका जवाब देते हुए समीर अरोड़ा ने कहा,

“मेरा मानना है कि सुंदर पिचाई को कंपनी से या तो निकाल दिया जाएगा या फिर वो इस्तीफा दे देंगे. जैसा कि उन्हें करना चाहिए. AI में लीड करने के बाद भी वो इसमें बुरी तरह फेल हो गए हैं और जबकि दूसरी कंपनियों ने लीड ले ली है.”

Gemini से हुई थी गलती!

दरअसल गूगल ने ChatGPT से मुकाबला करने के लिए पिछले साल यानी फरवरी 2023 में अपना चैट बॉट बार्ड लॉन्च किया था. इसी बार्ड को कंपनी ने दिसंबर 2023 में अपग्रेड करके Gemini के रूप में रिब्रांड किया था. कंपनी का दावा था कि ये AI टूल इंसानों की तरह व्यवहार करने के लिए डिजाइन किया गया. कंपनी के CEO सुंदर पिचाई ने इसे Google में AI के एक नए युग की शुरुआत बताया था. लेकिन Gemini लॉन्चिंग के बाद से ही विवादों में रहा. न्यूज एजेंसी AP की रिपोर्ट के मुताबिक 23 फरवरी को अपने एक AI इमेज जनरेटर के गलत रोलआउट को लेकर कंपनी को माफी भी मांगनी पड़ी. विवादों में आने के बाद, गूगल ने चैटबॉट के इमेज जनरेटर को अस्थायी रूप से रोकने का निर्णय लिया. 

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सुंदर पिचाई ने मानी गलती 

सुंदर पिचाई ने Gemini से हुई गलतियों को स्वीकार किया है. पिचाई ने Semafor को लिखे लेटर में इस मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा,

"मैं Gemini ऐप के गलत टेक्स्ट और इमेज रिस्पॉन्स को लेकर बात करना चाहता हूं. मुझे पता है कि इसके कुछ रिस्पॉन्सेज ने हमारे यूजर्स को काफी निराश किया है. यह काफी एक तरफा भी रहे हैं और कंपनी इसे पूरी तरह से गलत मानती है. कंपनी ने इस परेशानी को समझा है. जो हुआ वो पूरी तरह से गलत है और इसे ठीक किया जा रहा है. हमारी टीम लगातार इस मामले को ठीक करने के लिए काम कर रही है.” 

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सुंदर पिचाई की उपलब्धियां

ये तो बात हुई पूरे विवाद की. अब ये जानते हैं कि जिस सुंदर पिचाई को निकालने की बात हो रही है, वो Google और Gemini के लिए कितने इंपोर्टेंट हैं. दरअसल चेन्नई में पैदा हुए सुंदर पिचाई ने आईआईटी खड़गपुर (IIT Kharagpur) से इंजीनयरिंग की पढ़ाई की. उसके बाद अमेरिका चले गए. वहां स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी और पेनसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी में खुद को तराशा. 2004 में उन्होंने गूगल में नौकरी पकड़ ली. 2015 में गूगल के CEO बने. और साल 2019 में अल्फाबेट के.

Google ज्वाइन करने के बाद से ही पिचाई ने कंपनी को नई बुलंदियों पर पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है. पिचाई और उनकी टीम ने Google Chrome को बनाने और फिर इसे दुनिया का सबसे अधिक उपयोग किया जाने वाला वेब ब्राउज़र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इसके अलावा गूगल के कई और प्रोडक्ट जैसे  गूगल ड्राइव, जीमेल और गूगल मैप को बनाने में भी अहम रोल अदा किया. वो गूगल एंड्रायड टीम के लीडर रह चुके हैं. और इस वजह से कंपनी उन्हें मोटी सैलरी भी देती है. कंपनी ने पिचाई को 2022 में 226 मिलियन डॉलर यानी लगभग 1,854 करोड़ रुपये की पेमेंट की है. इसका एक बड़ा हिस्सा कंपनी के शेयर्स से हुई कमाई का है.

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Google और alphabet का कनेक्शन क्या है?

अब Google और alphabet के बीच का कनेक्शन भी जान लीजिए. दरअसल, दोनों कंपनियां एक ही सिक्के के दो पहलुओं की तरह हैं. गूगल का काम लगातार फैलता जा रहा था. सब्सिडियरी कंपनियों का काम भी गूगल को ही देखना पड़ता था. ऐसे में काम थोड़ा बिखरा-बिखरा लगने लगा था. तब अल्फाबेट का आइडिया आया. अम्ब्रेला कंपनी के तौर पर. जिसकी छत्रछाया में बाकी कंपनियां फलें-फूलें. अल्फाबेट ना तो कोई प्रोडक्ट बनाती है और ना ही कोई सर्विस प्रोवाइड करती है.

अल्फाबेट की स्थापना साल 2015 में हुई. उस वक्त लैरी पेज (Larry Page) और सर्गेई ब्रिन (Sergey Brin) ने गूगल में अपना पद छोड़कर अल्फाबेट का काम संभाल लिया था. तब सुंदर पिचाई को गूगल के CEO का पद दिया गया था. अब जबकि लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन ने साल 2019 अल्फाबेट का काम छोड़ने का फैसला किया. जिसके बाद सुंदर पिचाई को अल्फाबेट के CEO का पद दिया गया.

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