राउल विंसी के सर्टिफिकेट का क्या चक्कर है, जिसे स्वामी राहुल गांधी का बताना चाह रहे हैं
राहुल की पढ़ाई को लेकर सुब्रमण्यन स्वामी के दावे में कितनी सच्चाई है
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स्वामी के क्लेम में कितनी जान है , फोटो में दिख रहे सर्टिफिकेट से अंदाजा लगा सकते हैं. साल पर गौर करिए, 2004-05 लिखा है. उस वक्त तक तो राहुल सांसद बन चुके थे.
अमेठी में राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ रहीं स्मृति ईरानी की डिग्री पर कांग्रेस की ओर से सवाल उठाने के बाद बीजेपी के सीनियर नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने राहुल के एजुकेशनल क्वालिफिकेशन पर सवाल खड़े किए हैं. स्वामी नेहरू-गांधी परिवार की एकेडमिक क्वॉलिफिकेशन को बोगस बताते रहे हैं. स्वामी ने कहा था कि जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी समेत पूरे नेहरू-गांधी परिवार में कोई पास नहीं हुआ. 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान स्वामी ने कहा था कि राहुल गांधी M.Phill पास नहीं कर सके. 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी वही आरोप फिर से दोहरा रहे हैं. इस बार एक डॉक्यूमेंट भी दिखा रहे हैं.डॉक्यूमेंट में नाम लिखा है Raul Vinci यानी राउल विंसी. स्वामी ने बिना किसी का नाम लिए 12 अप्रैल को ट्वीट किया,
बुद्धू ने अपने हलफनामे में गलत जानकारी दी है कि उनके पास M. Phill की डिग्री है. वो प्री-थीसिस एक्ज़ाम में फेल हो गए थे, इसलिए थीसिस लिखने की इजाज़त नहीं दी गई थी. उनसे कहो कि अपनी थीसिस और एग्ज़ाम रिज़ल्ट का सबूत दें.

सुब्रमण्यन स्वामी का दावा है कि राहुल गांधी ने नामांकन के दौरान दायर हलफनामे में गलत जानकारी दी है.
स्वामी ने जो ट्वीट किया है उसके साथ एक सर्टिफिकेट की फोटोकॉपी लगी है, इस पर कैंब्रेज यूनिवर्सिटी की मुहर है. स्वामी का कहना है कि ये सर्टिफिकेट राउल विंसी के नाम पर जारी किया गया था.
'बुद्धू के कैंब्रिज के सर्टिफिकेट के मुताबिक उसका नाम राउल विंसी है और उसने M. Phill की पढ़ाई की और नेशनल इकॉनमिक प्लानिंग एंड पॉलिसी के पेपर में फेल हो गया'

स्वामी का ट्वीट. इसके अलावा एक और ट्वीट किया था जिसमें कांग्रेस प्रवक्ता को खरी खोटी सुना रहे थे.
स्वामी इसे राहुल गांधी का सर्टिफिकेट बता रहे हैं. 'सर्टिफिकेट' में राउल विंसी के M. Phill का ब्यौरा है. सर्टिफिकेट के मुताबिक राउल विंसी ने साल 2004-05 के दौरान M. Phill की थी. राहुल के लोकसभा चुनाव (2014) के लिए दायर नामंकन पत्र के मुताबिक उन्होंने 1995 में कैंब्रिज के ट्रिनिटी हॉल से डेवलपमेंट स्टडीज़ में M. Phill की है. ना कि 2004-05 में.

बाईं ओर दिख रही तस्वीर में राहुल गांधी ने नामांकन (2014) के दौरान दायर हलफनामे में अपनी एकेडमिक क्वालिफिकेशन बताई है. दाईं ओर है स्वामी और उनके समर्थकों का जुटाया हुआ पेपर. दोनों में M. Phill करने के साल के बारे में लिखी जानकारी पर नज़र डालें तो जानकारियां मैच नहीं करती हैं.
राहुल गांधी की डिग्री को लेकर 'दी टेलिग्राफ'
में अनिल सील का बयान मिला. डॉ. अनिल कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में सीनियर फेलो रहे हैं. बड़े इतिहासकार रहे हैं. नवंबर 2013 में लंदन की एक सभा को संबोधित किया था. उन्होंने बताया था कि राहुल गांधी और उनके पिता राजीव गांधी को वो ही कैंब्रिज लाए थे. डॉ. सील ने कहा था कि वो राहुल और राजीव को लाए ज़रूर थे, लेकिन कभी भी राजीव को डेवलपमेंट स्टडीज सब्जेक्ट नहीं पढ़ाया. क्योंकि वो इतिहासकार रहे हैं इसी सब्जेक्ट को पढ़ाते रहे हैं.
कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से जुड़े लोगों का नाम 'रेड बुक' में रखा जाता है. इस रेड बुक में राहुल का नाम दर्ज था- "VINCI, Rahul T MPHIL95" यहां T का मतलब ट्रिनिटी कॉलेज है.
राहुल गांधी ने सरनेम क्यों बदला देश के पूर्व प्रधानमंत्री और राहुल गांधी के पिता राजीव गांधी की 1991 में हत्या के बाद उनके परिवार की सुरक्षा को लेकर कई तरह के उपाय किए गए. कैंब्रिज यूनिवर्सिटी ट्रिनिटी कॉलेज में पढ़ाई के दौरान राहुल गांधी का सरनेम सुरक्षा के उद्देश्य से बदला गया. रेड बुक में गुप्त कोड का अर्थ है कि राहुल विंसी ने 1995 में अपना M.Phill पूरा किया था. कैंब्रिज यूनिवर्सिटी की पूर्व वाइस चांसलर प्रोफेसर एलिसन रिचर्ड ने हाल ही में एक लेटर में पुष्टि की थी कि राहुल को 1995 में M.Phill इन डेवलपमेंट स्टडीज से सम्मानित किया गया था. उन्होंने लिखा,
'ये बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनकी डिग्री को लेकर विवाद हो रहा है. हम इस विवाद को तुरंत खत्म करना चाहते हैं.'
यानी राहुल गांधी की डिग्री को लेकर बीजेपी नेता स्वामी जो दावा कर रहे हैं उसमें सच्चाई नजर नहीं आती. क्योंकि खुद कैंब्रिज यूनिवर्सिटी की पूर्व वाइस चांसलर प्रोफेसर एलिसन रिचर्ड कह चुकी हैं कि 1995 में राहुल गांधी ने अलग नाम से M.Phill का कोर्स किया था.
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