आज कल हर दूसरा आदमी आदमी या तो चुनाव में खड़ा हो रहा है या स्टैंड अप करने. वैसे वो मज़ाक दोनों ही सूरतों में कर रहा होता है. एक मज़ाक में उसके सामने बैठी जनता हंसती है. दूसरे में रोती है. पुनीत पनिया है एक. स्टैंड अप करने को खड़ा होता है. थोड़ा पढ़-लिख लिया वरना चुनाव में भी खड़ा हो सकता था. यूट्यूब पर चैनल आया है एकदम अवन-फ्रेश. तीन विडियो हैं मात्र. मज़े की बात ये है कि जितने इसके विडियो आये हैं, उससे ज़्यादा इसे भाषाएं आती हैं. कुल पांच. नौकरी करता था, फिर कॉमेडी सीन में आ गया. कुछ 200 शो प्रोड्यूस किये. ये शो चलते हैं 'चलता है कॉमेडी' के बैनर के नीचे. इसको लगता था कि दूसरी जगहों पर लोग स्टेज पर प्रॉपर टाइम नहीं देते इसलिए खुद के शो प्रोड्यूस करने लगा. अब यूट्यूब पर डेब्यू किया है.
हालिया विडियो में पुनीत टीवी सीरियल्स के बारे में बताता है. न आना इस देस लाडो से लेकर नागिन की ऐसी तैसी कर रहा था. और यही एकमात्र वो वजह है जो पूरे देश को एकता के सूत्र में पिरो के रख देता है. हमारा सीरियल्स के प्रति उमड़ता प्रेम. मुझे जो भी मिला है, इन सीरियल्स का मज़ाक उड़ाता मिला है. कोई जाति बंधन नहीं. कोई धर्म का नाटक नहीं. सब एक सुर में इन सीरियल्स को दम भर कोसते हैं. मगर फिर भी ये सीरियल सालों-साल चला करते हैं. हज़ारों, करोड़ों एपिसोड पूरे होते हैं. आप कुछ नहीं कर पाते. देश में कुछ अज्ञात तत्व इन्हें देखते हैं. बाकायदे. दुनिया की सारी बेवकूफ़ियों को समेटे इन सीरियल्स के पुनीत ने मजे लिए हैं.
इसके अलावा, इससे पहले पुनीत ने एमबीए वालों की खूब मौज ली है. पुनीतानुसार लोग एमबीए करके भूल जाते हैं. उन्हें याद दिलाना पड़ता है. पुनीत खुद भी यही किये हैं और जब भी मौका मिलता है, बता देते हैं.