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मूसेवाला के हत्यारे गोल्डी बराड़ के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस, अब क्या होगा?

गोल्डी बराड़ ने ही सबसे पहले पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी ली थी.

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Goldy Brar
गोल्डी बराड़ (फोटो- आज तक)
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साकेत आनंद
10 जून 2022 (Updated: 20 जून 2022, 08:44 PM IST) कॉमेंट्स
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इंटरपोल (Interpol) ने पंजाब के गैंगस्टर गोल्डी बराड़ (Goldy Brar) के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस (Red Corner Notice) जारी किया है. गोल्डी बराड़ ने ही सबसे पहले पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की 29 मई 2022 को हुई हत्या की जिम्मेदारी ली थी. हालांकि यह नोटिस मूसेवाला मर्डर केस को लेकर नहीं बल्कि पहले के दो मामलों को लेकर जारी हुआ है. 

पंजाब के फरीदकोट के रहने वाले गोल्डी बराड़ का असली नाम सतिंदरजीत सिंह है. वो फिलहाल कनाडा में रहता है और वहीं से अपने गैंग को चलाता है. इंटरपोल ने बराड़ के खिलाफ ये नोटिस सीबीआई के अनुरोध के 8 दिन बाद जारी किया है. 

पहले भी हुई थी रेड कॉर्नर नोटिस की कोशिश?

इससे पहले सीबीआई और पंजाब पुलिस रेड कॉर्नर नोटिस को लेकर आमने-सामने थे. अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक सीबीआई ने गुरुवार, 9 जून को बताया कि पंजाब पुलिस ने बराड़ के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस को लेकर 30 मई को संपर्क किया. यानी मूसेवाला की हत्या के अगले दिन. जबकि पंजाब पुलिस ने बुधवार 8 जून को दावा किया था कि उसने 19 मई को ही सीबीआई को पत्र लिखा था. यानी मूसेवाला की हत्या के 10 दिन पहले. 

सीबीआई ने बताया कि पंजाब सरकार के पत्र मिलने के बाद 2 जून को इसे इंटरपोल मुख्यालय, लियॉन फॉरवर्ड किया गया था. इस नोटिस के बाद इंटरपोल के 195 सदस्य देशों की कानूनी एजेंसियों को अलर्ट मिल गया है. इस अनुरोध से उन सभी देशों को भगोड़े अपराधी को लोकेट करने और उसे हिरासत में लेने का अधिकार मिल जाता है.

दो हत्या के मामले में नोटिस

रेड कॉर्नर नोटिस में बताया गया है कि बराड़ के खिलाफ मर्डर, आपराधिक साजिश, अवैध हथियारों की सप्लाई, हत्या का प्रयास का मामला दर्ज है. 28 साल के गोल्डी बराड़ के खिलाफ फरीदकोट के सिटी पुलिस स्टेशन में हत्याकांड मामलों में दो केस दर्ज हैं. पहली FIR 12 नवंबर 2020 और दूसरी FIR 18 फरवरी 2021 में दर्ज की गई थी. दोनों मामलों में उसके खिलाफ वारंट जारी है.

पंजाब पुलिस के मुताबिक बराड़ स्टूडेंट वीजा पर 2017 में कनाडा गया था और वह लॉरेंस बिश्नोई गैंग का एक्टिव मेंबर है.

रेड कॉर्नर नोटिस क्यों जारी होता है?

कई अपराधी सजा से बचने के लिए दूसरे देश भाग जाते हैं. ऐसे में उसे अपने देश में लाने के लिए वैश्विक स्तर पर एक व्यवस्था है. इंटरनेशनल क्रिमिनल पुलिस ऑर्गनाइजेशन यानी इंटरपोल. पूरी दुनिया में इसके 192 देश सदस्य हैं. किसी फरार अपराधी को पकड़ने या किसी पूछताछ के लिए सभी देश एक-दूसरे की मदद करते हैं. रेड कॉर्नर नोटिस तब जारी किया जाता है जब कोई देश दूसरे देश से किसी अपराधी को वापस लाने के लिए अनुरोध करता है. इस नोटिस के तहत किसी अपराधी की तलाश करना, उसे गिरफ्तार करना और उसके बाद कानूनी कार्रवाई शामिल है.

इसके लिए उस देश को वॉन्टेड व्यक्ति का नाम, डेट ऑफ बर्थ, राष्ट्रीयता, बाल और आंख के रंग, तस्वीर उपलब्ध कराना होता है. इसके अलावा उसके अपराध से जुड़ी जानकारी भी देनी होती है. इंटरपोल के मुताबिक रेड कॉर्नर नोटिस एक अंतरराष्ट्रीय वॉन्टेड पर्सन्स नोटिस है ना कि कोई अरेस्ट वारंट. यानी 192 देशों में कोई भी देश उस व्यक्ति को हिरासत में ले सकता है और उसे उस देश को ट्रांसफर कर सकता है जिसने नोटिस जारी करने की मांग की हो. 2021 में इंटरपोल ने 10 हजार 776 रेड नोटिस जारी किए थे. 

इंटरपोल इसके अलावा भी कई तरह की नोटिस जारी करता है. जैसे किसी आपराधिक मामले में पूछताछ के लिए किसी व्यक्ति की तलाश करनी हो तो उसके खिलाफ ब्लू नोटिस जारी होता है. वहीं गायब आदमी की तलाश के लिए यलो नोटिस जारी किया जाता है.

वीडियो: सिद्धू मूसेवाला ने लॉरेंस बिश्नोई की ये बात नहीं मानी, स्पेशल सेल ने किए कई दावे

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